Find the Latest Status about ३०० कठिन शब्द from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, ३०० कठिन शब्द.
Vinay Suryawanshi (Tej Vinay)
"जो लोग कठिन समय में आपका मजाक उड़ाते है या कड़वे शब्द(टोमने) सुनाते है"। "जीवन में सफलता प्राप्त करके,सबसे पहले उन्ही लोगो का मूह मीठा कराना क्यूंकि यही वो लोग है जो आपको सफल बनाने के लिए निम्मित बनते है"। #कडवे शब्द #मजाक उड़ाना #कठिन समय #सफलता #अनुभव की कलम से
Saurabh Dubey
छोड़ जाना हमेशा सरल होता है कठिन है महावीर होते हुए भी बजरंगी का सेवक होना, उर्मिला का निद्रा को अपने वश मे करना, कृष्ण का जगतपति होते हुए भी ग्वाला होना, पांचाली का वहशियों के बीच गोविंद को पुकारना, राजा बनाने वाले विष्णुगुप्त का आचार्य चाणक्य होना, भगत की तरह फांसी के फंदे को चूमकर मौत को गिरफ्त मे लेना, माँझी की तरह पर्वतों का सीना चीर रास्ता बना देना कठिन है पीड़ा के बीच मुस्कुराना, कठिन है डर के बीच उत्साह बनाये रखना, उनके पास भी था छोड़ जाने का विकल्प मगर उन्होंने उसे नकार कर कठिनाई का वरण किया।। -सौरभ ©Saurabh Dubey कठिन
Sheel Sahab
दुनिया का सबसे कठिन कार्य.. ...स्वयं को पढ़ना.. मुश्किल है.. पर प्रयास अवश्य करें #कठिन
Parasram Arora
विध्वंस बहुत ही सरल पर निर्माण बहुत कठिन हैं पतन कितना आसान पर उथान कितना कठिन हैं समता और विषमता क़े कोलाहल में अपने और पराये की पहचान कितनी कठिन हैं ©Parasram Arora कठिन
मुखौटा A HIDDEN FEELINGS * अंकूर *
कागज तो होता बस बेजान सा , जान तो उसमें शब्द डालते हैं , शब्दों के लिखते ही , बिखर जाती हैं एक खुशबू , यादों की , वादों की , अहसासों की , पढते ही शब्द सब कुछ चलचित्र सा चलने लगता हैं , आँखों के सामने एक अहसास सा , शब्दों से बनती जाती रचनाएं , हर एक के मन की उथल - पुथल की , वो बातें जो हम कहने मे होते हैं असर्मथ , पुर जाती हैं माला सी वो शब्दों के जरिए , भावों को वय्क्त करते शब्द , कोरे कागज पर रंग बिखरते शब्द । ©Ankur Raaz #शब्दो #की #शक्ति #शब्द
Shreyashi Mishra
आज का ज्ञान 'मैं' खुद ही खुद से परेशान है ,कहता है 'हम' इतना क्यों खुशमिजाज है ।। #कठिन
HP
उन्नति का पंचम सोपान है निष्काम कर्म प्रभाव! निष्काम कर्म प्रभाव के बिना कोई भी व्यक्ति ईमानदारी से काम नहीं कर सकता। कभी उसे सफलता असफलता आन्दोलित करेगी, कभी निन्दा रुष्ट और प्रशंसा प्रसन्न करेगी। महान पथ पर जिस राग द्वेष से रहित होना आवश्यक है, बिना निष्काम कर्म प्रभाव तभी प्राप्त हो सकता है, जब मनुष्य अपने प्रत्येक कर्तव्य को परम प्रभु का आदेश समझकर उसकी शक्ति से ही, उसके लिये ही करता हुआ अनुभव करे! जो अपने प्रत्येक कर्म को परमात्मा का ही काम समझकर करेगा वह उसे पूर्ण दक्षता, पूर्ण मनोयोग तथा पूर्ण श्रद्धा से करेगा। जिसके फल स्वरूप उसे उस सर्व शक्तिमान से सामर्थ्य एवं शक्ति प्राप्त होती रहेगी। जिसने अपनी सीमित शक्ति को ईश्वर की परम शक्ति में तिरोधान कर दिया है वह उन्नति के किस शिखर पर पहुँच सकता है यह बतलाना कठिन है। कठिन