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Madan Singh

कड़कनाथ मध्य प्रदेश मुर्गा और टर्की उड़ीसा वाला मुर्गा #Jitnidafa #विचार

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Purushotam Kumar

नौ दिन तक.. जय दुर्गा जय दुर्गा जय दुर्गा जय दुर्गा जय दुर्गा और.. दसवें दिन से… दे मुर्गा दे मुर्गा दे मुर्गा दे मुर्गा दे मुर्गा 😂😂😜

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नौ दिन तक.. जय दुर्गा जय दुर्गा जय दुर्गा जय दुर्गा जय दुर्गा और.. दसवें दिन से… दे मुर्गा दे मुर्गा दे मुर्गा दे मुर्गा दे मुर्गा 😂😂😜

Kavi Himanshu Pandey

मुर्गा मुर्गी Hindi #beingoriginal #Poetry #nojotohindi

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@MK Pejval Mpbs

# दुर्वा क्या है..? # दुर्गा अष्टमी..?

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Ges Gm

मैं प्यार किया दुर्गा समझकर मैं प्यार किया दुर्गा समझकर तेरे बाप ने खा लिया मुझे मुर्गा समझ कर #शायरी

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Vikas Sharma Shivaaya'

दुर्गा चालीसा   नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥ #समाज #RIPMilkhaSingh

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https://youtu.be/TlN7Fy6j_8U       
                 श्री दुर्गा चालीसा
 नमो नमो दुर्गे सुख करनी।नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥
निरंकार है ज्योति तुम्हारी।तिहूं लोक फैली उजियारी॥
शशि ललाट मुख महाविशाला।नेत्र लाल भृकुटि विकराला॥
 रूप मातु को अधिक सुहावे।दरश करत जन अति सुख पावे॥
 तुम संसार शक्ति लै कीना।पालन हेतु अन्न धन दीना॥
 अन्नपूर्णा हुई जग पाला।तुम ही आदि सुन्दरी बाला॥
 प्रलयकाल सब नाशन हारी।तुम गौरी शिवशंकर प्यारी॥
 शिव योगी तुम्हरे गुण गावें।ब्रह्मा विष्णु तुम्हें नित ध्यावें॥
रूप सरस्वती को तुम धारा।दे सुबुद्धि ऋषि मुनिन उबारा॥
 धरयो रूप नरसिंह को अम्बा।परगट भई फाड़कर खम्बा॥
 रक्षा करि प्रह्लाद बचायो।हिरण्याक्ष को स्वर्ग पठायो॥
 लक्ष्मी रूप धरो जग माहीं।श्री नारायण अंग समाहीं॥
 क्षीरसिन्धु में करत विलासा।दयासिन्धु दीजै मन आसा॥
 हिंगलाज में तुम्हीं भवानी।महिमा अमित न जात बखानी॥
मातंगी अरु धूमावति माता।भुवनेश्वरी बगला सुख दाता॥
 श्री भैरव तारा जग तारिणी।छिन्न भाल भव दुःख निवारिणी॥
 केहरि वाहन सोह भवानी।लांगुर वीर चलत अगवानी॥
 कर में खप्पर खड्ग विराजै।जाको देख काल डर भाजै॥
 सोहै अस्त्र और त्रिशूला।जाते उठत शत्रु हिय शूला॥
 नगरकोट में तुम्हीं विराजत।तिहुंलोक में डंका बाजत॥
 शुंभ निशुंभ दानव तुम मारे।रक्तबीज शंखन संहारे॥
 महिषासुर नृप अति अभिमानी।जेहि अघ भार मही अकुलानी॥
रूप कराल कालिका धारा।सेन सहित तुम तिहि संहारा॥
 परी गाढ़ संतन पर जब जब।भई सहाय मातु तुम तब तब॥
 अमरपुरी अरु बासव लोका।तब महिमा सब रहें अशोका॥ ज्वाला में है ज्योति तुम्हारी।तुम्हें सदा पूजें नर-नारी॥
प्रेम भक्ति से जो यश गावें।दुःख दारिद्र निकट नहिं आवें॥
 ध्यावे तुम्हें जो नर मन लाई।जन्म-मरण ताकौ छुटि जाई॥
 जोगी सुर मुनि कहत पुकारी।योग न हो बिन शक्ति तुम्हारी॥
 शंकर आचारज तप कीनो।काम अरु क्रोध जीति सब लीनो॥
 निशिदिन ध्यान धरो शंकर को।काहु काल नहिं सुमिरो तुमको॥
शक्ति रूप का मरम न पायो।शक्ति गई तब मन पछितायो॥
 शरणागत हुई कीर्ति बखानी।जय जय जय जगदम्ब भवानी॥
भई प्रसन्न आदि जगदम्बा।दई शक्ति नहिं कीन विलम्बा॥
 मोको मातु कष्ट अति घेरो।तुम बिन कौन हरै दुःख मेरो॥
 आशा तृष्णा निपट सतावें।रिपू मुरख मौही डरपावे॥
 शत्रु नाश कीजै महारानी।सुमिरौं इकचित तुम्हें भवानी॥
 करो कृपा हे मातु दयाला।ऋद्धि-सिद्धि दै करहु निहाला।
 जब लगि जिऊं दया फल पाऊं ।तुम्हरो यश मैं सदा सुनाऊं ॥
 दुर्गा चालीसा जो कोई गावै।सब सुख भोग परमपद पावै॥
 विकास शरण निज जानी।करहु कृपा जगदम्ब भवानी॥
 
 ॥ इति श्री दुर्गा चालीसा सम्पूर्ण ॥

©Vikas Sharma Shivaaya' दुर्गा चालीसा

 

नमो नमो दुर्गे सुख करनी।

नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥

Sunil Kumar Maurya Bekhud

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PRAVEEN YADAV

मुर्गा #सस्पेंस

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Ek villain

#एक कड़कनाथ की कथा #Moon #Society

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इतना कड़क अफसर तो आज तक इस ऑफिस में नहीं आया समझ नहीं आ रहा कि ग्राहकों से सेवा शुल्क ले इन्हीं छोटे बाबू ने बड़े बाबू के पास जाकर खुश घुस आते हुए कहा अफसर की खड़कता से आप सभी आतंकित चिंतित थे मैंने कल नाम पूछा उनका बोले कि नाथ बहुत कम बोलते हैं फाइल में ही खोए रहते हैं फिर बोले किसी के खिलाफ कोई भी पर कारण मिला तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा सीधे डाल दूंगा बहुत कड़क हो बड़े बाबू की बात सुनकर सभी की चिंताएं और बढ़ गई लगता है कि नाथ का मतलब कड़कनाथ होगा कौन सा जिला बताया अभी कहां बताया है मत ही नहीं हो रही थी कुछ पूछो बीवी भी यही कि नहीं है तो क्या है उस के माध्यम से छेद लगता है बड़े बाबू की बात को छोटे बाबू ने आगे बढ़ाते हुए का सच है जंगल का राजा भी शेरनी से डरता है हंसी के संवाद पर भी किसी को हंसी नहीं आई छोटे बाबू पहले हमेशा शाम को बाजार से दो थैली फरमाइश सामग्री कविता एक पर घर दे देता था और दूसरी खुद पर ले आता इधर बड़े बाबू थैली की जगह नगदी में विश्वास रखते बचे कुचे एसएसएस स्टाफ भी अनिता सौजन्य से खोजे लड़ाई में नींबू निचोड़ गया बरकती अफसरों को ना जाने किसकी नजर लगी कि इतना कड़कनाथ अफसर आदम का 1 दिन और सर जैसे ही घर पहुंचा और सराइन बोली आज बड़े बाबू की बीवी आई थी पूछ रही थी आप वहां भी वैसे ही थे जैसे यहां हैं यदि ऐसा ही रहा तो आपकी ख्वाहिश है और हमेशा तब मात्राओं की तस्वीर कैसे सवारी की

©Ek villain #एक कड़कनाथ की कथा

#Moon

Sonu Kushwah

मुर्गा डांस #विचार

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