Find the Latest Status about पाछा फेर के सो गया from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, पाछा फेर के सो गया.
Manmohan Dheer
मेहनत के नशे में चूर वो सो गया तुम सोचते रहे नींद और वो सो गया . धीर सो गया
Abundance
उस मोड़ पे वो मुटियार मिली जट यमला पागल हो गया उसकी ज़ुल्फों की छाँव में मैं बिस्तर डाल के सो गया ............ ©MALLIKA बिस्तर डाल के सो गया 😏😏
RC...✍️
मैंने उसे भूलने की खूब कोशिश की, लेकिन एक दिन वो लौट आया आँसू लिए आँखो में और हम तैयार ही थे तो बस मुँह मोड़ ही लिया।। दिल ज़ख्मी था टूटने कैसे देती फ़िर से? एक बार गया सो गया।
kapil rawat
सुना के रातों को दर्द अपना रो गया मैं.. क्या पता आजाए वो सपनो में इसलिए सो गया मै.. #सो गया मैं..
dilip khan anpadh
मेरी कविता बस मेरी रूह जी आवाज़ है। आप भी गुनगुनाकर देखिए चाँद सो गया ****** छिप-छिपाके, मुँह दिखा के,चाँद सलोना सो गया ओस की वो सर्द बूंदे, घास पर ही सो गया करवटें बदली जो मैंने,याद तेरी आ गई दर्द फिर वो सर झुकाके,दिल मे आके खो गया।। चलके,थकके, ये दीवाकर,सांझ में ढ़लने लगा मन पतंगा,आह भरकर,हाथ क्यों मलने लगा? सिसकियों को बांधकर जब,खुद में मैं खोने लगा तारों की जमात नभ में,बेदर्द,क्यों चलने लगा? ग्रीष्म की पुरवाई भी जब,बोझिलों सा बह चला साथ, संगदिल अब न कोई, छू के ये बस कह चला रोम कल्पित शूल बनकर,तन मेरा छलने लगा आस टूटा मोतियों सा,सांस ये जलने लगा।। बारिसों के मौसमों ने,किस कदर मुझको छला? भीड़ में तन्हा चला मैं,दर्द से मिलके गला मुड़के पीछे जो मैं देखा,शून्य था पसरा हुआ यादों का मैं हाथ थामे,क्या पता,कब तक चला? वो इरादे,कसमे-वादे, उम्र संग ढलने लगा खुद का,खुद ही लाश ढोता, यंत्रवत चलने लगा उम्मीदों की राह भी जब,मीलों पीछे राह गया इश्क है झूठा-फरेबी,हर सांस मुझको कह गया।। कब्र में भी कशमकश है,आके जो मैं सो गया हाथों में फूलों का दस्ता,आके कोई रो गया चूड़ियों को वो खनक,पायलों की छन-छनन मुझको है ,बेचैन करती, ये भी कैसे हो गया? छुप-छुपा के मुँह दिखाके चाँद सलोना सो गया दिलीप कुमार खाँ""अनपढ़"" #चांद सो गया
Babli Gurjar
सखी मत पूछ जमाने में हमने क्या क्या बदलते देखा है अपनों के कारण ही अपनों को घुट घुट कर मरते देखा है रिवाज़ बदलती नयी नस्लों को हद दर्जे गिरते देखा है बेटों को फेरों के फेर में आते ही मां बाप बदलते देखा है दौलत के बाज़ारों में औकात बदलते सरदारों को देखा है रंग बदलती दुनिया में रिश्ते नाते यारों को बदलते देखा है बबली गुर्जर ©Babli Gurjar फेरों के फेर