शेर को जगंल से यह कह कर लाये थे कि अब आपको शिकार करने के लिए जंगल जंगल नही भटकना पड़ेगा सीधा खाना हम देगे.....
निजी करण
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Maneesh Ji
तू गुज़रती है किसी रेल सी... मै किसी पुल सा थरथराता हूँ... इक ज़गंल सी है तेरी आँखें... मै मौंहब्ब़त-ए-राह भूल जाता हूँ
#गुजरना... #रेल... #आखे#थरथराना#जगंल