क्या मैंने कभी मौत को देखा है ?
कभी चिताग्नि महसूस की है ?
क्या तर्पण समझता हूँ ?
क्या इतना मदिरापान कर चुका हूँ, के वैराग्य के पथ पर बढ़ सक #Humour
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Poetry with Avdhesh Kanojia
नटखट बाबू का सीधापन
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खाया करते थे उल्टा सीधा
बनते थे बहुत नवाब।
तब एक दिन नटखट बाबू का
हो गया पेट खराब।।
#कॉमेडी#OpenPoetry