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DR. LAVKESH GANDHI
लॉकडाउन गया अब अनलॉक 1.0 आया है कोरोना का कहर अब शीर्ष पर आया है ll सावधानी और सतर्कता ही बचाव का साधन है यही तो हमारे चिकित्सा वैज्ञानिकों ने बताया है #अनलॉक # #yqlifefeelings #yqlifevalue #
DR. LAVKESH GANDHI
लॉकडाउन में बंद पड़ा था कब से घर में अब अनलॉक में घूम रहा हूँ खुली सड़क पर पर मुँह पर मास्क लगाना है बहुत जरुरी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना भी है निह्यात जरूरी -- दिव्यांशु सूर्यवंशम #अनलॉक 1.0# #yqlife#yqanlock #
Mayur Siyag
Unlock जिंदगी तन्हाई में कट रही है। अब मिठाई की जगह मास्क ओर सेनेटाइजर बंट रही है। इंसान इंसान को देखकर भाग रहा है। बुड़ा बाप बेटे के लिए सारी रात जाग रहा है। जिंदगी बन गयी एक हास्य जोक। कब होगा ये कोरोना का अनलॉक। ©Mayur Siyag कब होगा अनलॉक #Unlock2021
DR. LAVKESH GANDHI
अनलॉक 1.0 सावधानी और सुरक्षा ही बनेगा कोरोना का कवच मास्क होगा सच्चा साथी सोशल डिस्टेंसिंग ही होगा कोरोना का सुरक्षा कवच #अनलॉक 1.0 # #कोरोना_हारेगा_देश_जीतेगा # #yqkorona #yqkoronavirus #
Ajay Daanav
हृदय से उपजे विचार हो तुम शब्दों का मेरे श्रृंगार हो तुम करती हुई झंकृत मन-वीणा सातों सुरों की झनकार हो तुम हूं मैं कविता छंदों में गढ़ी कविता का मेरी सार हो तुम हृदय से उपजे विचार हो तुम प्यार को परिभाषित नहीं किया जा सकता।
Akash Chaudhary
प्रेम को परिभाषित नहीं करते पात गन्दी रेत से लथपथ वो पत्ते जो कभी वृक्ष के वक्ष से कलाएं करते थे, कितनी ही चिड़िया तुमको छूकर गुजरी, मैं तुम पर आज ढूंढने बैठ गया उनके पैरों के निशान, क्या मन नहीं है तुम्हारा तुम उनको परिभाषित करो, क्या नहीं बताना चाहते मुझे अपने प्रेम के विषय में, तुम्हारी व्यथा और प्रेम से परिचित हूं मैं समझ रहा हूं पात तुम्हे मैं, तुम्हे पुरानी चिड़िया की याद आयी होगी, चलो मैं अपने दरवाजे से इंतजार में हूं जब चाहना तब दास्तां सुनाना......, तुम्हारा मौन समझता हूं मैं, तुम बता रहे हो शायद मुझे प्रेम कभी शब्दों से नहीं किया जाता वो होता है बस ,बस होता है।। ©Akash Chaudhary प्रेम को परिभाषित नही किया जाता।।❤️
Nojoto Hindi (नोजोटो हिंदी)
Shashank मणि Yadava "सनम"
भले बड़े बन जाओ यारों, लेकिन माँ को याद रखो।। मंदिर जाने से बेहतर है, माँ को अपने पास रखो।। माँ के प्यार, दुआ से बढ़कर, न कोई भगवान है।। जिसने माँ को मान दिया, वो सबसे सुखी इंसान है।। प्रभु पूजा की ख्वाहिश यारों, जब भी मन में लाता हूँ।। सच कहता हूँ यारों तब, मंदिर मस्जिद न जाता हूँ।। अपनी माँ की ममता के, आँचल में मैं सो जाता हूँ।। ©Shashank मणि Yadava "सनम" #Mother's love,,,,, माँ को परिभाषित करती हुई पंक्तियाँ
Saurav Das
मेरे साथ मुस्कुराते हुए अपने गम को छूपा लेती है, दूसरों की नज़र न लगे,अपने आचल में छूपा लेती है! हमेशा जीत माँ की हुई है हर परिस्थिति से लड़ने में! लाखों,करोड़ो शब्द कम पड़ जाएंगे, माँ को परिभाषित करने में!! ©Saurav Das #शब्द #कम #है #माँ #को #परिभाषित #करने_में #माँ_दिवस्_की_हर्दिक