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N S Yadav GoldMine

{Bolo Ji Radhey Radhey}
सुंदर कांड :- चार सौ योजन अलंघनीय समुद्र को लाँघ कर महाबली हनुमान जी त्रिकूट नामक पर्वत के शिखर पर स्वस्थ भाव से खड़े हो गये। कपिश्रेष्ठ ने वहाँ सरल (चीड़), कनेर, खिले हुए खजूर, प्रियाल (चिरौंजी), मुचुलिन्द (जम्बीरी नीबू), कुटज, केतक (केवड़े), सुगन्धपूर्ण प्रियंगु (पिप्पली), नीप (कदम्ब या अशोक), छितवन, असन, कोविदार तथा खिले हुए करवीर भी देखे। फूलों के भार से लदे हुए तथा मुकुलित (अधखिले), बहुत से वृक्ष भी उन्हें दृष्टिगोचर हुए जिनकी डालियाँ झूम रही थीं और जिन पर नाना प्रकार के पक्षी कलरव कर रहे थे। 

 हनुमान जी धीरे धीरे अद्भुत शोभा से सम्पन्न रावणपालित लंकापुरी के पास पहुँचे। उन्होंने देखा, लंका के चारों ओर कमलों से सुशोभित जलपूरित खाई खुदी हुई है। वह महापुरी सोने की चहारदीवारी से घिरी हुई हैं। श्वेत रंग की ऊँची ऊँची सड़कें उस पुरी को सब ओर से घेरे हुए थीं। सैकड़ों गगनचुम्बी अट्टालिकाएँ ध्वजा-पताका फहराती हुई उस नगरी की शोभा बढ़ा रही हैं। 

 उस पुरी के उत्तर द्वार पर पहुँच कर वानरवीर हुनमान जी चिन्ता में पड़ गये। लंकापुरी भयानक राक्षसों से उसी प्रकार भरी हुई थी जैसे कि पाताल की भोगवतीपुरी नागों से भरी रहती है। हाथों में शूल और पट्टिश लिये बड़ी बड़ी दाढ़ों वाले बहुत से शूरवीर घोर राक्षस लंकापुरी की रक्षा कर रहे थे। नगर की इस भारी सुरक्षा, उसके चारों ओर समुद्र की खाई और रावण जैसे भयंकर शत्रु को देखकर हनुमान जी विचार करने लगे कि यदि वानर वहाँ तक आ जायें तो भी वे व्यर्थ ही सिद्ध होंगे क्योंकि युद्ध द्वारा देवता भी लंका पर विजय नहीं पा सकते। रावणपालित इस दुर्गम और विषम (संकटपूर्ण) लंका में महाबाहु रामचन्द्र आ भी जायें तो क्या कर पायेंगे? राक्षसों पर साम, दान और भेद की नीति का प्रयोग असम्भव दृष्टिगत हो रहा है। यहाँ तो केवल चार वेगशाली वानरों अर्थात् बालिपुत्र अंगद, नील, मेरी और बुद्धिमान राजा सुग्रीव की ही पहुँच हो सकती है। अच्छा पहले यह तो पता लगाऊँ कि विदेहकुमारी सीता जीवित भी है या नहीं? जनककिशोरी का दर्शन करने के पश्चात् ही मैँ इस विषय में कोई विचार करूँगा। 

 उन्होंने सोचा कि मैं इस रूप से राक्षसों की इस नगरी में प्रवेश नहीं कर सकता क्योंकि बहुत से क्रूर और बलवान राक्षस इसकी रक्षा कर रहे हैं। जानकी की खोज करते समय मुझे स्वयं को इन महातेजस्वी, महापराक्रमी और बलवान राक्षसों से गुप्त रखना होगा। अतः मुझे रात्रि के समय ही नगर में प्रवेश करना चाहिये और सीता का अन्वेषण का यह समयोचित कार्य करने के लिये ऐसे रूप का आश्रय लेना चाहिये जो आँख से देखा न जा सके, मात्र कार्य से ही यह अनुमान हो कि कोई आया था। 

 देवताओं और असुरों के लिये भी दुर्जय लंकापुरी को देखकर हनुमान जी बारम्बार लम्बी साँस खींचते हुये विचार करने लगे कि किस उपाय से काम लूँ जिसमें दुरात्मा राक्षसराज रावण की दृष्टि से ओझल रहकर मैं मिथिलेशनन्दिनी जनककिशोरी सीता का दर्शन प्राप्त कर सकूँ। अविवेकपूर्ण कार्य करनेवाले दूत के कारण बने बनाये काम भी बिगड़ जाते हैं। यदि राक्षसों ने मुझे देख लिया तो रावण का अनर्थ चाहने वाले श्री राम का यह कार्य सफल न हो सकेगा। अतः अपने कार्य की सिद्धि के लिये रात में अपने इसी रूप में छोटा सा शरीर धारण करके लंका में प्रवेश करूँगा और घरों में घुसकर जानकी जी की खोज करूँगा। 

 ऐसा निश्चय करके वीर वानर हनुमान सूर्यास्त की प्रतीक्षा करने लगे। सूर्यास्त हो जाने पर रात के समय उन्होंने अपने शरीर को छोटा बना लिया और उछलकर उस रमणीय लंकापुरी में प्रवेश कर गये।

©N S Yadav GoldMine {Bolo Ji Radhey Radhey}
सुंदर कांड :- चार सौ योजन अलंघनीय समुद्र को लाँघ कर महाबली हनुमान जी त्रिकूट नामक पर्वत के शिखर पर स्वस्थ भाव से खड़े

{Bolo Ji Radhey Radhey} सुंदर कांड :- चार सौ योजन अलंघनीय समुद्र को लाँघ कर महाबली हनुमान जी त्रिकूट नामक पर्वत के शिखर पर स्वस्थ भाव से खड़े #alone #पौराणिककथा

7 Love

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N S Yadav GoldMine

{Bolo Ji Radhey Radhey}
सुंदर कांड:- चार सौ योजन अलंघनीय समुद्र को लाँघ कर महाबली हनुमान जी त्रिकूट नामक पर्वत के शिखर पर स्वस्थ भाव से खड़े हो गये। कपिश्रेष्ठ ने वहाँ सरल (चीड़), कनेर, खिले हुए खजूर, प्रियाल (चिरौंजी), मुचुलिन्द (जम्बीरी नीबू), कुटज, केतक (केवड़े), सुगन्धपूर्ण प्रियंगु (पिप्पली), नीप (कदम्ब या अशोक), छितवन, असन, कोविदार तथा खिले हुए करवीर भी देखे। फूलों के भार से लदे हुए तथा मुकुलित (अधखिले), बहुत से वृक्ष भी उन्हें दृष्टिगोचर हुए जिनकी डालियाँ झूम रही थीं और जिन पर नाना प्रकार के पक्षी कलरव कर रहे थे। 

 हनुमान जी धीरे धीरे अद्भुत शोभा से सम्पन्न रावणपालित लंकापुरी के पास पहुँचे। उन्होंने देखा, लंका के चारों ओर कमलों से सुशोभित जलपूरित खाई खुदी हुई है। वह महापुरी सोने की चहारदीवारी से घिरी हुई हैं। श्वेत रंग की ऊँची ऊँची सड़कें उस पुरी को सब ओर से घेरे हुए थीं। सैकड़ों गगनचुम्बी अट्टालिकाएँ ध्वजा-पताका फहराती हुई उस नगरी की शोभा बढ़ा रही हैं। 

 उस पुरी के उत्तर द्वार पर पहुँच कर वानरवीर हुनमान जी चिन्ता में पड़ गये। लंकापुरी भयानक राक्षसों से उसी प्रकार भरी हुई थी जैसे कि पाताल की भोगवतीपुरी नागों से भरी रहती है। हाथों में शूल और पट्टिश लिये बड़ी बड़ी दाढ़ों वाले बहुत से शूरवीर घोर राक्षस लंकापुरी की रक्षा कर रहे थे। नगर की इस भारी सुरक्षा, उसके चारों ओर समुद्र की खाई और रावण जैसे भयंकर शत्रु को देखकर हनुमान जी विचार करने लगे कि यदि वानर वहाँ तक आ जायें तो भी वे व्यर्थ ही सिद्ध होंगे क्योंकि युद्ध द्वारा देवता भी लंका पर विजय नहीं पा सकते। रावणपालित इस दुर्गम और विषम (संकटपूर्ण) लंका में महाबाहु रामचन्द्र आ भी जायें तो क्या कर पायेंगे? राक्षसों पर साम, दान और भेद की नीति का प्रयोग असम्भव दृष्टिगत हो रहा है। यहाँ तो केवल चार वेगशाली वानरों अर्थात् बालिपुत्र अंगद, नील, मेरी और बुद्धिमान राजा सुग्रीव की ही पहुँच हो सकती है। अच्छा पहले यह तो पता लगाऊँ कि विदेहकुमारी सीता जीवित भी है या नहीं? जनककिशोरी का दर्शन करने के पश्चात् ही मैँ इस विषय में कोई विचार करूँगा। 

 उन्होंने सोचा कि मैं इस रूप से राक्षसों की इस नगरी में प्रवेश नहीं कर सकता क्योंकि बहुत से क्रूर और बलवान राक्षस इसकी रक्षा कर रहे हैं। जानकी की खोज करते समय मुझे स्वयं को इन महातेजस्वी, महापराक्रमी और बलवान राक्षसों से गुप्त रखना होगा। अतः मुझे रात्रि के समय ही नगर में प्रवेश करना चाहिये और सीता का अन्वेषण का यह समयोचित कार्य करने के लिये ऐसे रूप का आश्रय लेना चाहिये जो आँख से देखा न जा सके, मात्र कार्य से ही यह अनुमान हो कि कोई आया था। 

 देवताओं और असुरों के लिये भी दुर्जय लंकापुरी को देखकर हनुमान जी बारम्बार लम्बी साँस खींचते हुये विचार करने लगे कि किस उपाय से काम लूँ जिसमें दुरात्मा राक्षसराज रावण की दृष्टि से ओझल रहकर मैं मिथिलेशनन्दिनी जनककिशोरी सीता का दर्शन प्राप्त कर सकूँ। अविवेकपूर्ण कार्य करनेवाले दूत के कारण बने बनाये काम भी बिगड़ जाते हैं। यदि राक्षसों ने मुझे देख लिया तो रावण का अनर्थ चाहने वाले श्री राम का यह कार्य सफल न हो सकेगा। अतः अपने कार्य की सिद्धि के लिये रात में अपने इसी रूप में छोटा सा शरीर धारण करके लंका में प्रवेश करूँगा और घरों में घुसकर जानकी जी की खोज करूँगा। 

 ऐसा निश्चय करके वीर वानर हनुमान सूर्यास्त की प्रतीक्षा करने लगे। सूर्यास्त हो जाने पर रात के समय उन्होंने अपने शरीर को छोटा बना लिया और उछलकर उस रमणीय लंकापुरी में प्रवेश कर गये।

©N S Yadav GoldMine {Bolo Ji Radhey Radhey}
सुंदर कांड:- चार सौ योजन अलंघनीय समुद्र को लाँघ कर महाबली हनुमान जी त्रिकूट नामक पर्वत के शिखर पर स्वस्थ भाव से खड़े

{Bolo Ji Radhey Radhey} सुंदर कांड:- चार सौ योजन अलंघनीय समुद्र को लाँघ कर महाबली हनुमान जी त्रिकूट नामक पर्वत के शिखर पर स्वस्थ भाव से खड़े #Ride #पौराणिककथा

8 Love

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चिरंजी लाल झाॅपडी चिरंजी लाल झाॅपडी

चिरंजी लाल झाॅपडी

5 Love

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Adbhut Alfaz

#TheatreDay 
कहानी अब बड़ी दिलचस्प होगी,
नए किरदार शामिल हो गए हैं..
|©चिरंजीव डिडवानिया®| #रंगमंच #दिवस 
कहानी अब बड़ी दिलचस्प होगी,
नए किरदार शामिल हो गए हैं..
|©चिरंजीव डिडवानिया®|
#theatreday

#रंगमंच #दिवस कहानी अब बड़ी दिलचस्प होगी, नए किरदार शामिल हो गए हैं.. |©चिरंजीव डिडवानिया®| #theatreday

15 Love

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Adbhut Alfaz

विनती है कर जोड़कर, पवन पुत्र हनुमान ।
फिर ले आ संजीवनी, बचा लीजिये जान ।।
-चिरंजीव डिडवानिया✍️ विनती है कर जोड़कर, पवन पुत्र हनुमान ।
फिर ले आ संजीवनी, बचा लीजिये जान ।।
-चिरंजीव डिडवानिया✍️

#hanumanjayanti

विनती है कर जोड़कर, पवन पुत्र हनुमान । फिर ले आ संजीवनी, बचा लीजिये जान ।। -चिरंजीव डिडवानिया✍️ #hanumanjayanti #कविता

11 Love

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Adbhut Alfaz

घर थे तब कच्चे मगर, पक्का था व्यवहार ।
ज्यों पक्के ये घर हुए, टूट गए परिवार ।।
~ चिरंजीव डिडवानिया ✍️
#InternationalFamilyDay घर थे तब कच्चे मगर, पक्का था व्यवहार ।
ज्यों पक्के ये घर हुए, टूट गए परिवार ।।
~ चिरंजीव डिडवानिया ✍️


#Internationalfamilyday

घर थे तब कच्चे मगर, पक्का था व्यवहार । ज्यों पक्के ये घर हुए, टूट गए परिवार ।। ~ चिरंजीव डिडवानिया ✍️ #Internationalfamilyday #कविता

15 Love

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Manavazhagan

माझ्या प्रिय तरुण, नैतिक विचारांचा विचार करा आणि तू कधीही खाली पडणार नाहीस.
वंदे मातरम, भारत चिरंजीव.

©Manavazhagan
  #माझ्या प्रिय तरुण, नैतिक विचारांचा विचार करा आणि तू कधीही खाली पडणार नाहीस.
वंदे मातरम, भारत चिरंजीव.#youth #india #motivatation

#माझ्या प्रिय तरुण, नैतिक विचारांचा विचार करा आणि तू कधीही खाली पडणार नाहीस. वंदे मातरम, भारत चिरंजीव.#youth #India #motivatation #मराठीप्रेरक

286 Views

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Adbhut Alfaz

Kiss Day quotes  लब से लब फिर मिल गए, इक दूसरे में घुल गए,
हो   गयी   पूरी   मुहब्बत   गुनगुनाने   के  लिए..
~चिरंजीव डिडवानिया✍️ लब से लब फिर मिल गए, इक दूसरे में घुल गए,
हो   गयी   पूरी   मुहब्बत   गुनगुनाने   के  लिए..
~चिरंजीव डिडवानिया✍️
#kissday #Kissbeats #kiss

लब से लब फिर मिल गए, इक दूसरे में घुल गए, हो गयी पूरी मुहब्बत गुनगुनाने के लिए.. ~चिरंजीव डिडवानिया✍️ #kissday #Kissbeats #kiss #शायरी

11 Love

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Adbhut Alfaz

वतन के वास्ते जिसने भी अपनी जान वारी है..
सभी को है नमन मेरा मुझे वो आन प्यारी है..
झुका कर शीश वन्दे मातरम् का गीत गाएंँगे,
सभी मुल्कों पे अपना एक हिंदुस्तान भारी है..
~ चिरंजीव डिडवानिया ✍️ 75 वे स्वतन्त्रता दिवस की सभी देशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ..💐🇮🇳🙏
🇮🇳जय हिन्द🇮🇳
वतन के वास्ते जिसने भी अपनी जान वारी है..
सभी को

75 वे स्वतन्त्रता दिवस की सभी देशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ..💐🇮🇳🙏 🇮🇳जय हिन्द🇮🇳 वतन के वास्ते जिसने भी अपनी जान वारी है.. सभी को #शायरी #India2021

11 Love

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Rekha💕Sharma "मंजुलाहृदय"

सुधानामा
~°°•☆•°°~

क्या लिखूं आपको मैं आप तो स्वयं ही अमृत हैं,
ईश के हस्त-कमलों द्वारा सर्व गुणों से सृजित हैं।
☆•☆•☆

मन के भीतर जो भी बात हो 
सबके सम्मुख नि:संकोच ही रखतीं हैं,
अनेक कलाओं, नए विचारों, प्रेरक-कथाओं 
एवं व्यंजनों को साझा करतीं हैं।

हिंदी आपकी अति मंजुल 
मन का हर कोना हिंदीमय कर देती है,
आपके मधुर स्वर का क्या कहना 
बस क्षण भर में अपनें रंगों में रंग लेती है।

कभी एक बहन प्यारी-सी 
तो कभी माँ की छवि आप में दिखती है,
देखिये "हृदय" छोटी-सी लेखनी 
"सुधा" दीदी को लिखने का प्रयास करती है।

मईया-नंदिनी का अभिनंदन पुष्पहार एवं सुगंधित चंदन से,
हर दिवस ही उत्सव हो जन्मोत्सव-सा ये प्रार्थना है रघुनंदन से।
☆•☆•☆
-रेखा "मंजुलाहृदय"

आपको एवं आपकी आत्मजा को 
जन्मोत्सव की अनंत शुभकामनाएं सुधा दीदी जी!
🍸🍰🥂🎂🍹🍫🍾

©Rekha💕Sharma "मंजुलाहृदय" #सुधानामा 

सुदिनम् सुदिना जन्मदिनं तव। भवतु मङ्गलं जन्मदिनम्।।
चिरंजीव कुरु कीर्तिवर्धनम्। चिरंजीव कुरु पुण्यावर्धनम्।।
विजयी भवतु सर्वत्र

#सुधानामा सुदिनम् सुदिना जन्मदिनं तव। भवतु मङ्गलं जन्मदिनम्।। चिरंजीव कुरु कीर्तिवर्धनम्। चिरंजीव कुरु पुण्यावर्धनम्।। विजयी भवतु सर्वत्र #jan #testimonial #Rekhasharma #मंजुलाहृदय #प्रशंसापत्र

78 Love

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Rohini Pande

#तव कुशीत  विसावते#

प्रीतभाव व्यक्तताना सख्या
अव्यक जरी मी राहते,
स्पर्श होता तुझा लाडका
तव कुशीत मी विसावते..१
मोहिनी तुझी व्यापृत मनी
गंध देही या तुझाच तो,
होऊन राधा तुझीच कान्हा
श्वास आवर्तनी तू राहतो..२
अशी खुमारी तुझ्या प्रीतीची
 पल्लवते बघ तनामना,
धुंद होते रे रासरंगी
ध्यासात नित्य तव मोहना..३
भान नुरले तव विना कसले
लय श्वासांची तुझ्यात गुंतली,
राधा मोहन एकरूप दोघे
अस्तित्व प्रीतरूपे भूतली..४  
चिरंजीव प्रीत या जगी
भावरूप इथे चराचरी,
उच्चारता ही प्रीतनाम
दिसे राधिका नि श्रीहरी..५

    रोहिणी तुज कुशीत  विसावते


प्रीतभाव व्यक्तताना सख्या
अव्यक जरी मी राहते,
स्पर्श होता तुझा लाडका
तव कुशीत मी विसावते..१

तुज कुशीत विसावते प्रीतभाव व्यक्तताना सख्या अव्यक जरी मी राहते, स्पर्श होता तुझा लाडका तव कुशीत मी विसावते..१

1 Love

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Adbhut Alfaz

सब दुख जलकर राख हो, होली में इस बार ।
हर घर में होने लगे , खुशियों की बौछार ।।

हुई बुराई पर विजय, खत्म हुआ उन्माद ।
जली होलिका आग में, बचा भक्त प्रह्लाद ।।

शरमाने से जब यहाँ, हुए गुलाबी गाल ।
पैकिट में ही रह गया, लाया हुआ गुलाल ।।

शुरू हो चुका है पुनः, होली का हुड़दंग ।
अपनी मस्ती में हुए, शामिल सारे रंग ।।

अभी तलक हम लड़ रहे, कोरोना से जंग ।
फिर से फीका पड़ गया, होली का हर रंग ।।
-चिरंजीव डिडवानिया✍️ होलिका दहन के साथ समस्त कलुष व नैराश्य के समाप्त होने की प्रार्थना एवं होली की हार्दिक शुभकामनाएँ😍🙏

सब दुख जलकर राख हो, होली में इस बार ।
ह

होलिका दहन के साथ समस्त कलुष व नैराश्य के समाप्त होने की प्रार्थना एवं होली की हार्दिक शुभकामनाएँ😍🙏 सब दुख जलकर राख हो, होली में इस बार । ह #Happy_holi

9 Love

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CHIRANJIT

#coronavirus#
तुम इसे मजाक, इसकी खिल्लियाँ उड़ा रहे हो 
दि गई तालीमों की धज्जियां उड़ा रहे हो!!
अरे ख़ौफ नहीं तुझे अपनी, ना कर
पर अपनों की परवाह तो कर!!
ये बता ना अकड़ तुझे किस बात का है,
ये तेरे ही कर्म है तेरे किये पापं का है!!
सुन तु भी मिट्टी बन जायेगा,
संग अपनो को भी बनाएगा!!
वक़्त अभी भी हाथो से गया नहीं,
ना समझो तुम इसे, ऐसा तो तुम इंसा नहीं!!
झाँक के देख एक बार पड़ोसी के आँगनो में,
कितने दर्द बिखरे है घरो पर,
सारी लासे पड़ी हुई है बिन अपनों के,
लावारिश जल रहे हैं शमशानों में!!
सुनो आपना दुश्मन कमजोर नहीं है
गिनती है इसकी बलवानों में,
इससे लड़ने की ताकत ना है बंदूको में,
ना हमारे ताकतवर हथियारो में,
पर इसको अगर हराना है तो,
कुछ दिन बंद कर लो ख़ुद को चार दिवारों में!!
सुन अब तो समझ जा प्रकृति की प्रकोप तु,
समझदार बन बैठ कर घर में डरपोक तु!!
अरे ये कठिनाई के दिन भी पार हो जायेंगे,
थोड़ी सी धर्यता फिर आँगन खुशियाँ बिखर जायेंगे!!
                                                       -चिरंजीत

#बीनती_है_घरों_में_ही_रहे_और_हालात_जल्द_से_जल्द_ठीक_होने_की_कामना_करे!!🙏
#धन्यवाद!! #coronavirus#
तुम इसे मजाक, इसकी खिल्लियाँ उड़ा रहे हो 
दि गई तालीमों की धज्जियां उड़ा रहे हो!!
अरे ख़ौफ नहीं तुझे अपनी, ना कर
पर अपनों की प

coronavirus# तुम इसे मजाक, इसकी खिल्लियाँ उड़ा रहे हो दि गई तालीमों की धज्जियां उड़ा रहे हो!! अरे ख़ौफ नहीं तुझे अपनी, ना कर पर अपनों की प

12 Love

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Richa Mishra

|| जन्मदिन विशेष ||

• पढ़े अनुशीर्षक में •

 जन्मदिन सूचक हैं 
खुशियों का बहार !
सब मिलकर करते हैं 
मनोरंजन के साथ !
प्रत्येक वर्ष होते हैं 
हम नए सदस्यों के साथ !
कुछ मिलते और कुछ बिछड

जन्मदिन सूचक हैं खुशियों का बहार ! सब मिलकर करते हैं मनोरंजन के साथ ! प्रत्येक वर्ष होते हैं हम नए सदस्यों के साथ ! कुछ मिलते और कुछ बिछड #Birth #BirthdaySpecial #birthdaywish #birthdaywishes

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Richa Mishra

|| जन्मदिन विशेष ||

• पढ़े अनुशीर्षक में •

 जन्मदिन सूचक हैं 
खुशियों का बहार !
सब मिलकर करते हैं 
मनोरंजन के साथ !
प्रत्येक वर्ष होते हैं 
हम नए सदस्यों के साथ !
कुछ मिलते और कुछ बिछड

जन्मदिन सूचक हैं खुशियों का बहार ! सब मिलकर करते हैं मनोरंजन के साथ ! प्रत्येक वर्ष होते हैं हम नए सदस्यों के साथ ! कुछ मिलते और कुछ बिछड #Birth #BirthdaySpecial #birthdaywish #birthdaywishes

2 Love

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A NEW DAWN

दंश
(In Caption)
Part - I Ch- 13 "तनु ने मुझे बताया था कि जब वो अमन और उसके दोस्तों के साथ शिमला गई थी तब वहां अमन के दोस्तों ने शराब के नशे में उसके साथ बदतमीज़ी की थी।"

"

"तनु ने मुझे बताया था कि जब वो अमन और उसके दोस्तों के साथ शिमला गई थी तब वहां अमन के दोस्तों ने शराब के नशे में उसके साथ बदतमीज़ी की थी।" " #Thriller #Stories #yqbaba #yqdidi #mystery #novella #longform #anewdawnदंश

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Rabiya Nizam

दंश
(In Caption)
Part - I Ch- 13 "तनु ने मुझे बताया था कि जब वो अमन और उसके दोस्तों के साथ शिमला गई थी तब वहां अमन के दोस्तों ने शराब के नशे में उसके साथ बदतमीज़ी की थी।"

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"तनु ने मुझे बताया था कि जब वो अमन और उसके दोस्तों के साथ शिमला गई थी तब वहां अमन के दोस्तों ने शराब के नशे में उसके साथ बदतमीज़ी की थी।" " #Thriller #Stories #yqbaba #yqdidi #mystery #novella #longform #anewdawnदंश

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5da66cbf310ea71d266a7b10620011b5

Shivam Mishra

जय जय महाबली हनुमान श्री हनुमान जी प्रभु के जन्मदिवस की सभी को हार्दिक शुभकामनाएें सर्व भूत चिरंजीव महाबली हनुमान जी को समर्पित केवल बुद्

जय जय महाबली हनुमान श्री हनुमान जी प्रभु के जन्मदिवस की सभी को हार्दिक शुभकामनाएें सर्व भूत चिरंजीव महाबली हनुमान जी को समर्पित केवल बुद्

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Rabiya Nizam

दंश
(In Caption)
Part - I Ch- 15 इधर दीदी के जाने का सत्य हम अभी तक स्वीकार भी नहीं कर पाए थे कि अस्पताल से मां के मृत्यु का समाचार मिला; यह परिस्थिति कुछ ऐसी थी जैसे झंझावा

इधर दीदी के जाने का सत्य हम अभी तक स्वीकार भी नहीं कर पाए थे कि अस्पताल से मां के मृत्यु का समाचार मिला; यह परिस्थिति कुछ ऐसी थी जैसे झंझावा #Thriller #Stories #yqbaba #yqdidi #crime #novella #longform #anewdawnदंश

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A NEW DAWN

दंश
(In Caption)
Part - I Ch- 15 इधर दीदी के जाने का सत्य हम अभी तक स्वीकार भी नहीं कर पाए थे कि अस्पताल से मां के मृत्यु का समाचार मिला; यह परिस्थिति कुछ ऐसी थी जैसे झंझावा

इधर दीदी के जाने का सत्य हम अभी तक स्वीकार भी नहीं कर पाए थे कि अस्पताल से मां के मृत्यु का समाचार मिला; यह परिस्थिति कुछ ऐसी थी जैसे झंझावा #Thriller #Stories #yqbaba #yqdidi #crime #novella #longform #anewdawnदंश

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Rabiya Nizam

दंश
(In Caption)
Part - I Ch - 14 लाजपत नगर पुलिस स्टेशन के मुर्दा  घर में मैं आमिर के साथ खड़ा था । मि. अवस्थी भी अपनी बेटी के साथ वहां आए थे। चेहरा ऐसा था जैसे किसी ने उनके

लाजपत नगर पुलिस स्टेशन के मुर्दा घर में मैं आमिर के साथ खड़ा था । मि. अवस्थी भी अपनी बेटी के साथ वहां आए थे। चेहरा ऐसा था जैसे किसी ने उनके #Thriller #yqbaba #yqdidi #crime #mystery #novella #longform #anewdawnदंश

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A NEW DAWN

दंश
(In Caption)
Part - I Ch - 14 लाजपत नगर पुलिस स्टेशन के मुर्दा  घर में मैं आमिर के साथ खड़ा था । मि. अवस्थी भी अपनी बेटी के साथ वहां आए थे। चेहरा ऐसा था जैसे किसी ने उनके

लाजपत नगर पुलिस स्टेशन के मुर्दा घर में मैं आमिर के साथ खड़ा था । मि. अवस्थी भी अपनी बेटी के साथ वहां आए थे। चेहरा ऐसा था जैसे किसी ने उनके #Thriller #yqbaba #yqdidi #crime #mystery #novella #longform #anewdawnदंश

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Divyanshu Pathak

वा लकुटी अरु कामरिया पे
राज तिहुँपुर कौ तजिडारुं
आठऊ सिद्धि नौऊ निधि कौ सुख
नंद की गाय चराय विसारुं !
रसखानि जबहि इन नैननि ते
बृज के वन वाग तड़ाग निहारूं
कोटिक ये कलधौति के धाम
करील की कुंजनि ऊपर वारुं ! 😊🌷#good afternoon 🌷
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मैं बचपन से ही भक्तिकाल के कवि रसखान जी की इन रचनाओं को पसंद करता हूं ।
इनकी यह रचना ऐसी है जिसमें ब्रजभाषा के साथ अवध

😊🌷good afternoon 🌷 : मैं बचपन से ही भक्तिकाल के कवि रसखान जी की इन रचनाओं को पसंद करता हूं । इनकी यह रचना ऐसी है जिसमें ब्रजभाषा के साथ अवध #हिंदी #पंछी #पाठक #हरे

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SHARAD KUMAR Soni

Jai Shree Hanuman

©SHARAD KUMAR Soni सर्वशक्तिमान होने पर भी... 🙏
हनुमान जी ने राज क्यों नहीं किया ?

जिनका जन्म हर युग में धर्म की रक्षा के लिए हुआ हो,  वो राज्य की लालसा क्यों

सर्वशक्तिमान होने पर भी... 🙏 हनुमान जी ने राज क्यों नहीं किया ? जिनका जन्म हर युग में धर्म की रक्षा के लिए हुआ हो, वो राज्य की लालसा क्यों #Mythology #श्री_हनुमान_हर_युग

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Rabiya Nizam

दंश
(In Caption)
Part - I
Ch - 11&12 "मैं ने उसको नहीं उठाया साहेब... हां मैं तीन दिन तक उसका पीछा किया था... और चौथे दिन जब मैं उधर उसको उठाने के वास्ते गया तो मेरे को सुनने मे

"मैं ने उसको नहीं उठाया साहेब... हां मैं तीन दिन तक उसका पीछा किया था... और चौथे दिन जब मैं उधर उसको उठाने के वास्ते गया तो मेरे को सुनने मे #Thriller #yqdidi #crime #mystery #novella #longform #anewdawnदंश

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के_मीनू_तोष

देवात्मजा

(पूर्ण कहानी अनुशीर्षक में पढ़ें ) #tales #hindi #nojotohindi #kavishala #nojotokhabri #nojoto #kalakaksh #poetry #story

देवात्मजा

खबर ना थी मुझे मेरे मोहल्ले मे क्या घटित ह

#tales #Hindi #nojotohindi #kavishala #nojotokhabri #Nojoto #kalakaksh #Poetry #story देवात्मजा खबर ना थी मुझे मेरे मोहल्ले मे क्या घटित ह

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A NEW DAWN

दंश
(In Caption)
Part - I Ch - 16
Finale झींगुर की आवाज़ के बीच नीम की पत्तियों की उस झुरमुट निकल कर हवा ने खिड़की के पल्लों पर दस्तक दी तो जैसे यादों का ज्वार वापस समय के उस काले स

झींगुर की आवाज़ के बीच नीम की पत्तियों की उस झुरमुट निकल कर हवा ने खिड़की के पल्लों पर दस्तक दी तो जैसे यादों का ज्वार वापस समय के उस काले स #Thriller #Stories #yqdidi #crime #suspense #novella #longform #anewdawnदंश

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