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Pradyumn awsthi
संगठन में बहुत ही ज्यादा शक्ति होती है संगठन के द्वारा बड़े से बड़े काम भी हो जाते हैं लेकिन बिना संगठन के तो कुछ बात ही नहीं बन पाती है। ©Pradyumn awsthi #बल,एकता का
Krishna Kumar
एकता का बल एकता का बल एक समय की बात हैं कि कबूतरों का एक दल आसमान में भोजन की तलाश में उडता हुआ जा रहा था। गलती से वह दल भटककर ऐसे प्रदेश के ऊपर से गुजरा, जहां भयंकर अकाल पडा था। कबूतरों का सरदार चिंतित था। कबूतरों के शरीर की शक्ति समाप्त होती जा रही थी। शीघ्र ही कुछ दाना मिलना जरुरी था। दल का युवा कबूतर सबसे नीचे उड रहा था। भोजन नजर आने पर उसे ही बाकी दल को सुचित करना था। बहुत समय उडने के बाद कहीं वह सूखाग्रस्त क्षेत्र से बाहर आया। नीचे हरियाली नजर आने लगी तो भोजन मिलने की उम्मीद बनी। युवा कबूतर और नीचे उडान भरने लगा। तभी उसे नीचे खेत में बहुत सारा अन्न बिखरा नजर आया “चाचा, नीचे एक खेत में बहुत सारा दाना बिखरा पडा हैं। हम सबका पेट भर जाएगा।’ सरदार ने सूचना पाते ही कबूतरों को नीचे उतरकर खेत में बिखरा दाना चुनने का आदेश दिया। सारा दल नीचे उतरा और दाना चुनने लगा। वास्तव में वह दाना पक्षी पकडने वाले एक बहलिए ने बिखेर रखा था। ऊपर पेड पर तना था उसका जाल। जैसे ही कबूतर दल दाना चुगने लगा, जाल उन पर आ गिरा। सारे कबूतर फंस गए। कबूतरों के सरदार ने माथा पीटा “ओह! यह तो हमें फंसाने के लिए फैलाया गया जाल था। भूख ने मेरी अक्ल पर पर्दा डाल दिया था। मुझे सोचना चाहिए था कि इतना अन्न बिखरा होने का कोई मतलब हैं। अब पछताए होत क्या, जब चिडिया चुग गई खेत?” एक कबूतर रोने लगा “हम सब मारे जाएंगे।” बाकी कबूतर तो हिम्मत हार बैठे थे, पर सरदार गहरी सोच में डूबा था। एकाएक उसने कहा “सुनो, जाल मजबूत हैं यह ठीक हैं, पर इसमें इतनी भी शक्ति नहीं कि एकता की शक्ति को हरा सके। हम अपनी सारी शक्ति को जोडे तो मौत के मुंह में जाने से बच सकते हैं।” युवा कबूतर फडफडाया “चाचा! साफ-साफ बताओ तुम क्या कहना चाहते हो। जाल ने हमें तोड रखा हैं, शक्ति कैसे जोडे?” सरदार बोला “तुम सब चोंच से जाल को पकडो, फिर जब मैं फुर्र कहूं तो एक साथ जोर लगाकर उडना।” सबने ऐसा ही किया। तभी जाल बिछाने वाला बहेलियां आता नजर आया। जाल में कबूतर को फंसा देख उसकी आंखें चमकी। हाथ में पकडा डंडा उसने मजबूती से पकडा व जाल की ओर दौडा। बहेलिया जाल से कुछ ही दूर था कि कबूतरों का सरदार बोला “फुर्रर्रर्र!” सारे कबूतर एक साथ जोर लगाकर उडे तो पूरा जाल हवा में ऊपर उठा और सारे कबूतर जाल को लेकर ही उडने लगे। कबूतरों को जाल सहित उडते देखकर बहेलिया अवाक रह गया। कुछ संभला तो जाल के पीछे दौडने लगा। कबूतर सरदार ने बहेलिए को नीचे जाल के पीछे दौडते पाया तो उसका इरादा समझ गया। सरदार भी जानता था कि अधिक देर तक कबूतर दल के लिए जाल सहित उडते रहना संभव न होगा। पर सरदार के पास इसका उपाय था। निकट ही एक पहाडी पर बिल बनाकर उसका एक चूहा मित्र रहता था। सरदार ने कबूतरों को तेजी से उस पहाडी की ओर उडने का आदेश दिया। पहाडी पर पहुंचते ही सरदार का संकेत पाकर जाल समेत कबूतर चूहे के बिल के निकट उतरे। सरदार ने मित्र चूहे को आवाज दी। सरदार ने संक्षेप में चूहे को सारी घटना बताई और जाल काटकर उन्हें आजाद करने के लिए कहा। कुछ ही देर में चूहे ने वह जाल काट दिया। सरदार ने अपने मित्र चूहे को धन्यवाद दिया और सारा कबूतर दल आकाश की ओर आजादी की उडान भरने लगा। सीखः एकजुट होकर बडी से बडी विपत्ति का सामना किया जा सकता हैं। ©Krishna Kumar #aahat एकता का बल
"Kumar शायर"
पल - पल हर पल ज़िंदगी उदाहरण देती है, कभी - कभी समस्या, समस्या का ही निवारण करती है...! ✍️.✍️.✍️ "Written:- by ©Umesh kumar #समस्या का उदाहरण
"Kumar शायर"
Every moment exemplifies life, Sometimes the problem, Troubleshoots the problem itself…! "Written: - by ©Umesh kumar #समस्या का उदाहरण
Praveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी पतझरो सी झरती जिंदगी कपोले अब तक नही फूटी है आगमन नही होगा अब बसन्त का कड़ियाँ जीवन की टूटी है वतन की मिट्टी में किसने जहर घोलकर सदियो पुरानी जड़ो ने दम तोड़ा है अवसरवादी नीतियों ने मानव का सुख चैन छीना है आत्मबल पर जीने वालो पर छल बल का डेरा है सुख शांती सब कैद किये सत्ताओ का चेहरा काला है व्यवस्ताओ में बिष बो दिया तड़पता हिंदुस्तान हमारा है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" छल बल का डेरा है
Ek villain
इस लालफीताशाही ही कहा जाएगा कि उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी शासन को लगातार पत्र भेज रहे हैं कि उनके स्टोर पर 3109 रिमाइंडर से एक्शन रखे हुए हैं उनका अब कोई प्रयोग नहीं रह गया इसलिए उन्होंने वापस मान लिया जाए लेकिन अधिकारियों ने इसका एक बार भी संघ एक नहीं किया और उनमें से साफ सुथरा जी इंजेक्शन एक्सपायर हो गए जाहिर है कि शासन के अधिकारियों ने इस गंभीर विषय नहीं माना फिर फाइल कही दबा दी अगर यह इंजेक्शन वापस मंगाकर उन अस्पतालों को दिए दिए जाते होते तो रिमाइंडर सीवर की जरूरत पड़ती तो सरकार को धमकी बचाते ही कई लोगों की जान बच जाती कुवैत की दूसरी लहर में देवेंद्र सेवर इंजेक्शन को लेकर कितना हाहाकार मचा था लोग इसे आज भी भूल नहीं पाए दवा की कालाबाजारी करने वालों ने 25000 से 100000 तक में बेचा था यह व्यवस्था और कार्य के प्रति संवेदनशीलता का मामला है यह पहला अवसर नहीं है जब कि किसी जेल में रिमाइंडर इंजेक्शन का एक्सपायर हो जाने की खबर आई हो पूर्व में भी ऐसी खबर आती रही है इस पर गंभीर से नहीं लिया गया ©Ek villain #अव्यवस्था का उदाहरण #roseday
Rohan Roy
दूषित मन असंतुलित अवस्थाओं का, सदैव स्मरण करता रहता है। और किसी भी कार्य को प्रमुख समझकर इन्हीं अवस्थाओं में, करते रहने की भूल करता है। जिसका तात्पर्य उचित और अनुचित के भेदभाव से, कोई संबंध नहीं रह जाता है। ©Rohan Roy दूषित मन असंतुलित अवस्थाओं का, सदैव स्मरण करता रहता है। #RohanRoy #motivationalpage #SuccessKaLover