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Dr. Rahul Karmakar

आज शिक्षा एक ब्यापार है
और
शिक्षक एक ब्यापारी  #NojotoQuote #शिक्षक #शिक्षा
#शिक्षक #शिक्षा

poonam atrey

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ashish kumar. jha

शिक्षा दिक्षा

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तेज बहादुर मौर्य

#शिक्षा और शिक्षित #कविता

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आखिर किस बात की लड़ाई हैं?
               हम सबने मेहनत से की पढ़ाई हैं,
             हमअपने माता पिता की कमाई है,
          उन्होंने स्वयं अपनी जवानी सताई हैं,
             तब हमने ऐसा मधुर जिंदगी पाई हैं
                
क्यो तू-तू,मैं-मैं में अपना समय गवाएंगे?              
अपना परिवार और गांव का नाम हसाएंगे,              
इससे क्या हम सब कुछ भी पाएंगे...???                      अपने तो अपराध में फसेंगे ही लेकिन ...                                सबकी नजर में अपनो को भी अपराधी                         बनाएंगे।  
 तेज बहादुर मौर्य #शिक्षा और शिक्षित

Lalit Tiwari

आरक्षण -शिक्षा-परिवर्तन

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आरक्षण तो संरक्षण है,
संरक्षण न रोका जाए,
आरक्षण जो हो परीक्षण मैं, उसमे आरक्षण भारी लगे,तुम शिक्षा में आरक्षण दो,अर्थ में भी सहयोग करो, बौद्धिकता जब परखी जाए, उसमें आरक्षण भारी लगे, विपरीत परिस्थितियों में भी,जब सामान्य वर्ग तौला जाए, क्या इनमें कोई असहाय नहीं,क्या इनमें कोई गरीब नहीं,कई ऐसे घर भी होते हैं,दो जून की रोटी जुटती नहीं, फिर भी वो अथक परिश्रम कर,लोहा अपना मनवाते हैं,जब उनकोभी तौला जाए, ऐसे में आरक्षण भारी लगे,यह कैसा न्याय है साशन का,अन्याय ही जिसमें दिखता है, बौद्धिकता हो रही पलायन,साशन बैशाखी पर दिखता,भृष्ट प्रसाशन चोर लुटेरे,बैठे हों साशन सत्ता में,अब कौन न्याय की बात करे,जब ध्रतराष्ट् ही ही कुर्सी पर बैठा, कानून तो अंधा होता है,बिन बैशाखी न चलता है,क्या कानून मुहाफिज भी,अंधे और बहरे होते हैं,जो सत्ता के गलियारों में,मदमस्त अखाड़े खेल रहे, कोई जाति पंथ की बात करे,कोई सत्ता की लाठी पटके,हो गया नपुंसक क्यों समाज,क्यों मुंह में दही जमा बैठे, है ठंडा पड़ा धमनियों में,क्यों खून नहीं अब खौल रहा,कैसा है यह प्रजातंत्र, जहां कोई कुछ न बोल रहा आशक्त हुआ जब प्रजातंत्र, अधिनायक तंत्र ही अब लाओ, साकार करो सपना सुभाष का, फिर से कोई परिवर्तन लाओ,हो क्रान्ति वीर शेखर जैसा, फिर से जागे कोई भगत सिंह,जग में एक नई मिशाल लिए, एक लहर उठे फिर भारत में,बज उठे क्रान्ति की रणभेरी,हो जाए फिर से शंखनाद,नवयुग का फिर हो आमंत्रण,नवकुशुम आज फिर कुशुमित हों,भारत ले फिर से अंगड़ाई ।।

वन्दे मातरम आरक्षण -शिक्षा-परिवर्तन

Sakshi Likhar

चूक 
क्षणोक्षणी चुका घडतात,
आणि श्रेय हरवून बसतात 
ओंजळीतून वाळूप्रमाणे काही नाती सुटत जातात,
आपल्याच रिकाम्या ओंजळी आपल्याला
फार काही शिकवत असतात. 
कणभर चुकीलाही 
आभाळभर सजा असते, 
चूक आणि शिक्षा याची कधी 
ताळेबंदी मांडायची नसते.
माणसाने लाख चांगल्या कृती केल्यातरी 
त्याची एक चूक मात्र लक्षात राहते, 
एका चुकीमुळे मात्र चांगल्या
गोष्टीचे मोल कमी होते. 
एक कृती , एक शब्द 
तेवढं एक निमित्त पुरतं
अखेर हे सारं घडतं केवळ 
आपण काही शिकण्यासाठी
आपण मात्र शिकत असतो 
पुन्हा पुन्हा चुकण्यासाठी ! 

@Sakshi_likhar  #चूक #शिक्षा #शिकवण
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