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Kavi Alok Sharma
रोज सुबह देखता हूँ इन भीगी पत्तियों को चलो कोई और भी है मुझसा रात भर रोने वाला रोज सुबह देखता हूँ इन भीगी पत्तियों को चलो कोई और भी है मुझसा रात भर रोने वाला - Boss Alok #sad #love #lovequotes #quotes #hearttouching #
Nikunj Vitthalbhai Parekh
"He who leaves fixed leaves behind uncertainty also loses certainty." "जो अनिश्चितता के पीछे निश्चित पत्तियों को छोड़ता है, वह भी निश्चतता को खो देता है।" - निकुंज पारेख. "He who leaves fixed leaves behind uncertainty also loses certainty." "जो अनिश्चितता के पीछे निश्चित पत्तियों को छोड़ता है, वह भी निश्चतता
Dr Upama Singh
सावन भादों आए साथ में वर्षा ऋतु लाए बादल गरजे जम के बरसे फूल कलियों में मुस्कुराहट आई पेड़ पौधों में जीवन आया सुखी धरती पर छाई हरियाली किसान आ धान के खेतों में सब करने लगे रोपाई हवा चले ठंडी मतवाली बागों में डाल झूले सब वर्षा का आनंद लेने रहे।। वर्षा ऋतु आई रे आई वर्षा आई अपने संग बरसात के बूंदे ले कर आई। सुखी धरती देखो मुस्कुराई और फूल पत्तियों को मिला नया जीवन झूमकर मुस्कुरा
Poonam Suyal
ज्यूँ ही वर्षा की बूंदें धरा से टकराई ऐसा लगा मानो धरती खुद-ब-खुद हर्षाई ओढ़ ली उसने धानी चुनरिया अपनी सुंदरता पर वो इतराई वर्षा ऋतु आई रे आई वर्षा आई अपने संग बरसात के बूंदे ले कर आई। सुखी धरती देखो मुस्कुराई और फूल पत्तियों को मिला नया जीवन झूमकर मुस्कुरा
naresh meena
Vaishali Kahale
Altaf Husain
मेरे शहर में दंगे मेरे शहर में आज दंगे हुए, कुछ दुकानें जलाई गई, तो कुछ पर पत्थर फेंके गए । सड़कों के हथेली पर मेहंदी लगाई गई थी, जिसकी पत्तियों को हटा कर सु
Vandana
सुप्रभात सुबह-सुबह कि भोर गये तालाब ओर नैनो को भिगो दिया प्रकृति के सौंदर्य ने ताजगी के एहसास मे टहल आये,,,,, सुबह-सुबह कि भोर भीगी दूबों पर मखमली म
Rachna Mishra
तुम सच बताओ कितनी मुद्दत हुई है तुमको यूँ अपने साथ बैठे? सूरज को ढलते देखा कबसे नहीं है तुमने? फ़ूलों की पत्तियों को कबसे नहीं छुआ है? फुरसत में आईने से कब सामना हुआ है? Read full Nazm in Caption #LockDown#Covid19 #Covid19 #Lockdown लो, वक़्त थम गया है तुम चाहते यही थे सब शोर रुक गया है तुम चाहते यही थे अब इंतज़ार कैसा? अब बेक़रार क्यों हो?
Abhay Bhadouriya
अमलतास के पेड़ जैसी हो तुम (अनुशीर्षक में पढ़े) Dedicating a #testimonial to PraGati अच्छा सुनो.. कभी देखा है तुमने किसी सड़क के किनारे या किसी बगीचे में सुनसान रास्ते पर या किसी के आ