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Govind Pandram
इश्क़ हैं तो जाहिर कीजिये.. यूँ खामखाह बातों,अल्फ़ाज़ों में उलझा रखा हैं! #इश्क़ हैं तो #जाहिर कीजिये.!!
Rabindra Kumar Ram
" कहीं तुम पे मेरा दिल ना आ जाये, कबायते इश्क़ की तुम पे किस कदर जाहिर की जाये. " --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram " कहीं तुम पे मेरा दिल ना आ जाये, कबायते इश्क़ की तुम पे किस कदर जाहिर की जाये. " --- रबिन्द्र राम
adhoora_ishqq___
उन्होनें जाहिर की है ये ख़्वाहिश कि हम उन्हें भूल जायें, किश्तों में खुदकुशी का मज़ा हम से पूछिए!! #MiShTI #expectations #poem #shayari #dead_life 😑😑 उन्होनें जाहिर की है ये ख़्वाहिश कि हम उन्हें भूल जायें, किश्तों में खुदकुशी का मज़ा हम स
Rishab Sen
एक अल्फ़ाज़ अभी बाकी है मेरा तुम से कुछ कहना अभी बाकी है ओर यूँ तो बन गए हो तुम मेरे हर सवाल का जबाब...... पर तेरे जबाबो में अभी मेरा होना बाकी है.... एक अल्फ़ाज़ अभी बाकी है। उसने बहुत कुछ छुपाया ओर मेने बहुत कुछ बताया... उसने दर्द ऐ दिल देकर जाहिर की बेवफ़ाई ओर मैन हर सितम सहकर अपना इश्क़ निभाया..... #adhuralov
kunwar Surendra
जितनी रखोगे दूरियां करीब ही आओगे मुझसे शिकायत भी है तो कह न पाओगे गर करीब आकर कर दी शिकायत और जाहिर की नाराजगी वादा है मेरी मासूमियत पर फिदा होकर खुद ही हम पर मर जाओगे kunwarsurendra जितनी रखोगे दूरियां करीब ही आओगे मुझसे शिकायत भी है तो कह न पाओगे गर करीब आकर कर दी शिकायत और जाहिर की नाराजगी वादा है मेरी मासूमियत पर
Rabindra Kumar Ram
" चलो कुछ जाहिर कर लिया जाये , मुहब्बत में खुद कुछ माहिर कर लिया , कुछ अंदाजे मुहब्बत का पता तो चले , जो शख्स है उसके मौजूदा हलात क्या है , कोई मिले ना मिले अपनी जाहिर की जाये , रंगे मुहब्बत में कुछ खुद को रंग लिया जाये . --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram " चलो कुछ जाहिर कर लिया जाये , मुहब्बत में खुद कुछ माहिर कर लिया , कुछ अंदाजे मुहब्बत का पता तो चले , जो शख्स है उसके मौजूदा हलात क्या है ,
Rabindra Kumar Ram
" तेरा नाम कुछ यु सामने आ गया , कुछ भुला तो था मुहब्बत फिर वही याद आ गया , मैंने तो जाहिर की आज बात दिल की फिर से , क्या इस तरह भुले हो तुम मुझे की कभी कुछ याद नहीं आया ." --- रबिन्द्र राम " तेरा नाम कुछ यु सामने आ गया , कुछ भुला तो था मुहब्बत फिर वही याद आ गया , मैंने तो जाहिर की आज बात दिल की फिर से , क्या इस तरह भुले हो तुम
Rabindra Kumar Ram
" चलो कुछ जाहिर कर लिया जाये , मुहब्बत में खुद कुछ माहिर कर लिया , कुछ अंदाजे मुहब्बत का पता तो चले , जो शख्स है उसके मौजूदा हलात क्या है , कोई मिले ना मिले अपनी जाहिर की जाये , रंगे मुहब्बत में कुछ खुद को रंग लिया जाये . --- रबिन्द्र राम " चलो कुछ जाहिर कर लिया जाये , मुहब्बत में खुद कुछ माहिर कर लिया , कुछ अंदाजे मुहब्बत का पता तो चले , जो शख्स है उसके मौजूदा हलात क्या है ,
Rabindra Kumar Ram
" कटने को कट तो जायेंगे मेरे दिन इसी ख़याले-ए-हिज्र, बात जितनी जाहिर की जा सकती बताई हैं मैंने तेरे उलफ़ते-ए-हयात से , इक उम्र का आरसा गुजारी हैं मैंने तेरे बगैर, इक्तेफ़ाक से बाकी की और उम्र गुजार देंगे इसी ख़याले-ए-हिज्र में. " --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram " कटने को कट तो जायेंगे मेरे दिन इसी ख़याले-ए-हिज्र, बात जितनी जाहिर की जा सकती बताई हैं मैंने तेरे उलफ़ते-ए-हयात से , इक उम्र का आरसा गुज
Ashutosh Mishra
=बहता लम्हा= सपनों के फूल कुम्हला गए, शब्दों के शूलों से हृदय हुआ विदीर्ण घाव ,,घाव ना रह, बन गए नासूर, कुसूर बस इतना सा था, ना दिया जवाब कभी,ना अपनी मर्जी जाहिर की। उनकी खुशियों में हम भी खुश, यही कोशिश जारी रही। पलट कभी ना देखा दिल के छालों को, सहलाते हम उनके पैर रहे। बहता,,बहता लमहां जिंदगी का,ठिकाना ना रहा कोई। अल्फ़ाज़ मेरे ✍️🙏🏻🙏🏻 ©Ashutosh Mishra #BehtaLamha सपनों के फूल कुम्हला गए, शब्दों के शूलों से हृदय हुआ विदीर्ण। घाव,,,घाव ना रह,बन गए नासूर। कुसूर बस इतना सा था। ना दिया कभी जवा