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Rekha💕Sharma "मंजुलाहृदय"
मुबारकां बहिनी किट्टू •°•°•°•°•°•°☆•°•°•°•°•°•° चलो बड़ी कवयित्री को छोड़कर आज, अपनी नन्ही कवयित्री के ख़िदमत में कुछ पेश करतें हैं। इस बेज़र के पास कोई बेनज़ीर तोहफ़ा तो नहीं, पर मामूली-सी दो पंक्तियाँ बतौर-ए-ख़ास बज़्म में रखतें हैं। ****** छोटी-सी हो पर हमारी हर शरारतों में आपका बड़ा साथ होता है! हमारी हर कविता-कहानी में हमेशा आपका दो-चार अल्फ़ाज़ होता है। दीदी नें अगर हमेंशा ठोकर लगनें से पहले ही थांमा है हमें हृदय, तो हर फ़तह-मात में कंधे पर हृदयांश "किर्ति" आपका हाथ होता है। Happy B'day sweetheart Kittu! 🥂🍫🍰🎂🍬🍭🍨🍦🍸🍟 Don't be senti bro.....it's fake info buddy😜😂 नोट:- बेज़र=कंगाल ख़जालत=भाग्यवान पश्येम शरद: शतं जीवेम शरद: शतं श्रुणुयाम शरद: शतं प्रब्रवाम शरद: शतमदीना: स्याम शरद: शतं भूयश्च शरद: शतात् ॥ जन्मदिवसस्य शुभाशया: अनुजा॥
Attul Rajput
आया मौसम शरद का.. हर पत्ता मस्ती में झूम गया.. सनम फ्रिक्र रहा होठों की.. अौर शायर माथे को चुम गया.. ©अतुल #शरद
RUPAM AHLAWAT
शरद तुम जाओगे क्योंकि तुम्हारा जाने का वक्त आ गया है तुम जानते हो कि तुम मेरी पहली पसंद हो बसंत तो सबका चहेता होता है हमेशा तुम्हें तो मुझ जैसे कुछेक हैं,जो बहुत चाहते हैं तुम जानते हो कि कोहरे से ढके रास्ते मुझे खींचते हैं अपनी तरफ़ ओस की बूँदें जब पत्तियों पर चमकती है हर सुबह तो वो चमक मुझे अपनी आँखों में महसूस होती है ठिठुरते फूल,पत्ते,पौधे जब दुबककर सिमटते हैं अपने में तो मासूम बच्चों से नज़र आते हैँ मुझे और सर्द हवाओं की चुहलबाज़ी भी तो हमेशा से ही लुभाती रही है मुझे गली के नुक्कड़ पर मौहल्ले भर के लोगों का बैठकर सुलगती आग से हाथों को सेकना कहाँ रह गया है ये नज़ारा शरद के बहाने ही तो ये मौके बन पाते हैं कभी- कभी अब क्योंकि तुम्हारा जाने का समय हो गया है तो तुम जाओ शरद,मौसम कहाँ किसी के रहे हैं ये तो सदा से बदलते आए मनुष्य की तरह। #शरद#
सुरेश चौधरी
शरद श्वेत सित संहृता, शीतल समीर सैन नीरव नीरज नीर सम, नाचत नटखट नैन शरद पूर्णिमा
Pratibha Kamble
कोजागिरी पौर्णिमा आज शरदपौर्णिमा है एसी आख्यायिका होती है जब आधी रात देता है सुनाई कोण करे हैजागरती कहते है ऐसे आवाजे सुनाई देती आज है पार्टी अंगन मेरे बालगोपाल जमाए वर्गणी कोण कहे करेंगे वडापाव यही बेहतर पौर्णिमा के दिन कोण कहे बिर्याणी मुह् मे लाके पानी नही हुई जादा वर्गणी तो करेंगे भेल पुरी रहता है खेल मजेदार हमारा गावा में होवे है हलवा दूध पहाडो पे इन दिनो में होती है गपशप बाते बहोत सारी अपना अड्डा जमाए चांदणीरातआस्वाद हलवे का गरम मसालेदार दुध का ©Pratibha Kamble शरद पूर्णिमा
Brandavan Bairagi "krishna"
हर तरफ हरियाली ही हरियाली और ये मौसम सुहाना है। भरे है खेत पानी से तालाबों सा नजारा है। खिले है फूल गुलशन में, बिखरी है खुश्बू भी हवाओं में। आने वाली है शरद ऋतु, अब यही शोर है फिजाओं में। बृन्दावन बैरागी"कृष्णा" ©Brandavan Bairagi "krishna" शरद ऋतु
Prashant Mishra
दूधिया-दूधिया आसमां आज है खूबसूरत बहुत चन्द्रमा आज है बारिशें होंगी अमृत की आकाश से हो बधाई, शरद पूर्णिमा आज है --प्रशान्त मिश्रा शरद पूर्णिमा