Find the Latest Status about apple tree poem from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, apple tree poem.
Vachandev
THE APPLE TREE The Tree's early leaf buds Were bursting with green, 'Shall I take them away?' Asked the Frost, oh so mean! "No, leave them alone Till the blossoms have grown,' Begged the Tree while she trembled From root to her crown. The apple tree!!!!
Vachandev
THE APPLE TREE The Tree's early leaf buds Were bursting with green, 'Shall I take them away?' Asked the Frost, oh so mean! "No, leave them alone Till the blossoms have grown,' Begged the Tree while she trembled From root to her crown. The apple tree!!!!
ROHIT PRADHAN
The apple tree and the framer Once upon a time, ther Lived framer in a village , Beside a forest he hand a big garden that hand an Old apple tree and other Plants, trees and beautiful Flowers. ©Rohit PRADHAN the apple tree and the framer
Vaishnave balaji
Once upon a time, there lived a framer in a village, beside the forest. He had a big garden that had an old apple tree and other plants, trees and beautiful flowers. ©Vaishnave balaji #Connections The Apple Tree and the framer. story
RaJ
एक उड़कर बीज आया धरती पे ऐसे ही बिखर गया। वर्षा ऋतु आई जब उसपे पानी बरस गया। पानी पाकर अंकुरित हुआ, धीरे धीरे जड़ें बढ़ाई धीरे धीरे चढ़ी ऊंचाई. फिर नन्हा हरा पौधा बनके धरती पे उभर गया। एक उड़कर बीज आया धरती पे ऐसे ही बिखर गया। वायुमंडल से हवाएं सोखकर, मिट्टी से थोड़ी नमी चुराकर। धीरे धीरे बढ़ता रहा अपना पोषण करता रहा। कभी आई तेज हवाएं उसके उसको बहुत झकझोरा, उसके आसमान छूने की उम्मीदों को आंधी पानी ने भी रोका। मौसम का मार सहता गया, और मजबूत बनता गया। कभी अनचाहे में इंसानों ने भी क्षति किया कभी मवेशी उसके पत्ते खाते रहें। सब कुछ झेलकर वो एक दिन एक विशाल पेड़ बन गया। एक उड़कर बीज आया धरती पे ऐसे ही बिखर गया। आज वह इंसानों को लकड़ियां और फल देता है, आज वह मवेशियों को छाया और चिड़ियों को घर देता है। आज वह इस वातावरण का हिस्सा बन गया है, आज वह सबके लिए अच्छा बन गया है। कठिनाइयों में डटे रहने से जीवन उसका संवर गया। एक उड़कर बीज आया धरती पे ऐसे ही बिखर गया। सुनो भाईयो! सहते रहना,डटे रहना और आगे बढ़ते रहना सफलता का मंत्र यही है और ऊंचे चढ़ते रहना। आज तुम छोटे हो तो नजर नहीं आते हो, कल जब बड़े हो जाओगे,हर कोई नजर उठा के देखेगा, जब काम आने लगेगा दूसरों के तब तुम्हारी पूछ बढ़ेगी ,हर कोई सर आंखों पे रखेगा। जब एक अवचेतन बीज अस्तित्व पा सकता है, तुम्हारे पास तो चेतना है,सोचो तुम क्या कर सकते हो, अगर तुम्हे इंतजार है कोई मसीहा आएगा, जो तुम्हारे अंदर बैठा है,क्यों उसे तुम बाहर ढूंढ़ते हो? एक एक सेकंड,एक एक मिनट कर के कितना साल गुजर गया। एक उड़कर बीज आया धरती पे ऐसे ही बिखर गया। poem on tree #1
RaJ
एक उड़कर बीज आया धरती पे ऐसे ही बिखर गया। वर्षा ऋतु आई जब उसपे पानी बरस गया। पानी पाकर अंकुरित हुआ, धीरे धीरे जड़ें बढ़ाई धीरे धीरे चढ़ी ऊंचाई. फिर नन्हा हरा पौधा बनके धरती पे उभर गया। एक उड़कर बीज आया धरती पे ऐसे ही बिखर गया। वायुमंडल से हवाएं सोखकर, मिट्टी से थोड़ी नमी चुराकर। धीरे धीरे बढ़ता रहा अपना पोषण करता रहा। कभी आई तेज हवाएं उसके उसको बहुत झकझोरा, उसके आसमान छूने की उम्मीदों को आंधी पानी ने भी रोका। मौसम का मार सहता गया, और मजबूत बनता गया। कभी अनचाहे में इंसानों ने भी क्षति किया कभी मवेशी उसके पत्ते खाते रहें। सब कुछ झेलकर वो एक दिन एक विशाल पेड़ बन गया। एक उड़कर बीज आया धरती पे ऐसे ही बिखर गया। आज वह इंसानों को लकड़ियां और फल देता है, आज वह मवेशियों को छाया और चिड़ियों को घर देता है। आज वह इस वातावरण का हिस्सा बन गया है, आज वह सबके लिए अच्छा बन गया है। कठिनाइयों में डटे रहने से जीवन उसका संवर गया। एक उड़कर बीज आया धरती पे ऐसे ही बिखर गया। www aapkisafalta.com सुनो भाईयो! सहते रहना,डटे रहना और आगे बढ़ते रहना सफलता का मंत्र यही है और ऊंचे चढ़ते रहना। आज तुम छोटे हो तो नजर नहीं आते हो, कल जब बड़े हो जाओगे,हर कोई नजर उठा के देखेगा, जब काम आने लगेगा दूसरों के तब तुम्हारी पूछ बढ़ेगी ,हर कोई सर आंखों पे रखेगा। जब एक अवचेतन बीज अस्तित्व पा सकता है, तुम्हारे पास तो चेतना है,सोचो तुम क्या कर सकते हो, अगर तुम्हे इंतजार है कोई मसीहा आएगा, जो तुम्हारे अंदर बैठा है,क्यों उसे तुम बाहर ढूंढ़ते हो? एक एक सेकंड,एक एक मिनट कर के कितना साल गुजर गया। एक उड़कर बीज आया धरती पे ऐसे ही बिखर गया। poem on tree #3