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Shafiqur Rahman

कोरोनावायरस पर हिंदी में निबंध

कोरोनावायरस पर हिंदी में निबंध #हॉरर

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हेयर स्टाइल by mv

#diwali पर निबंध#

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Bishnu kumar Jha

फूल पर निबंध #Essay

फूल पर निबंध #Essay #जानकारी

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Jagdish Kushwaha

हर साल 22 अप्रैल को पूरी दुनिया में पृथ्वी दिवस मनाया जाता है। इस दिवस के प्रणेता अमरीकी सिनेटर गेलार्ड नेलसन हैं। गेलार्ड नेलसन ने, सबसे पहले, अमरीकी औद्योगिक विकास के कारण हो रहे पर्यावरणीय दुष्परिणामों पर अमरीका का ध्यान आकर्षित किया था। 

इसके लिये उन्होंने अमरीकी समाज को संगठित किया, विरोध प्रदर्शन एवं जनआन्दोलनों के लिये प्लेटफार्म उपलब्ध कराया। वे लोग जो सान्टा बारबरा तेल रिसाव, प्रदूषण फैलाती फैक्ट्रियों और पावर प्लांटों, अनुपचारित सीवर, नगरीय कचरे तथा खदानों से निकले बेकार मलबे के जहरीले ढ़ेर, कीटनाशकों, जैवविविधता की हानि तथा विलुप्त होती प्रजातियों के लिये अरसे से संघर्ष कर रहे थे, उन सब के लिये यह जीवनदायी हवा के झोंके के समान था।

वे सब उपर्युक्त अभियान से जुड़े। देखते-देखते पर्यावरण चेतना का स्वस्फूर्त अभियान पूरे अमरीका में फैल गया। दो करोड़ से अधिक लोग आन्दोलन से जुड़े। ग़ौरतलब है, सन् 1970 से प्रारम्भ हुए इस दिवस को आज पूरी दुनिया के 192 से अधिक देशों के 10 करोड़ से अधिक लोग मनाते हैं। प्रबुद्ध समाज, स्वैच्छिक संगठन, पर्यावरण-प्रेमी और सरकार इसमें भागीदारी करती हैं।

बहुत से लोग पर्यावरणीय चेतना से जुड़े पृथ्वी दिवस को अमरीका की देन मानते हैं। ग़ौरतलब है कि अमरीकी सिनेटर गेलार्ड नेलसन के प्रयासों के बहुत साल पहले महात्मा गाँधी ने भारतवासियों से आधुनिक तकनीकों का अन्धानुकरण करने के विरुद्ध सचेत किया था। गाँधीजी मानते थे कि पृथ्वी, वायु, जल तथा भूमि हमारे पूर्वजों से मिली सम्पत्ति नहीं है। वे हमारे बच्चों तथा आगामी पीढ़ियों की धरोहरें हैं। हम उनके ट्रस्टी भर हैं। हमें वे जैसी मिली हैं उन्हें उसी रूप में भावी पीढ़ी को सौंपना होगा।

गाँधी जी का यह भी मानना था कि पृथ्वी लोगों की आवश्यकता की पूर्ति के लिये पर्याप्त है किन्तु लालच की पूर्ति के लिये नहीं। गाँधी जी का मानना था कि विकास के त्रुटिपूर्ण ढाँचे को अपनाने से असन्तुलित विकास पनपता है। यदि असन्तुलित विकास को अपनाया गया तो धरती के समूचे प्राकृतिक संसाधन नष्ट हो जाएँगे। वह जीवन के समाप्त होने तथा महाप्रलय का दिन होगा।

गाँधीजी ने बरसों पहले भारत को विकास के त्रुटिपूर्ण ढाँचे को अपनाने के विरुद्ध सचेत किया था। उनका सोचना था कि औद्योगिकीकरण सम्पूर्ण मानव जाति के लिये अभिशाप है। इसे अपनाने से लाखों लोग बेरोजगार होंगे। प्रदूषण की समस्या उत्पन्न होगी। बड़े उद्योगपति कभी भी लाखों बेरोजगार लोगों को काम नहीं दे सकते। गाँधी जी मानते थे कि औद्योगिकीकरण का मुख्य उद्देश्य अपने मालिकों के लिये धन कमाना है।
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आधुनिक विकास के कारण होने वाली पर्यावरणीय हानि की कई बार क्षतिपूर्ति सम्भव नहीं होगी। उनका उपरोक्त कथन उस दौर में सामने आया था जब सम्पूर्ण वैज्ञानिक जगत, सरकारें तथा समाज पर्यावरण के धरती पर पड़ने वाले सम्भावित कुप्रभावों से पूरी तरह अनजान था। वे मानते थे कि गरीबी और प्रदूषण का गहरा सम्बन्ध है। वे एक दूसरे के पोषक हैं। गरीबी हटाने के लिये प्रदूषण मुक्त समाज और देश गढ़ना होगा।

गाँधी जी का उक्त कथन पृथ्वी दिवस पर न केवल भारत अपितु पूरी दुनिया को सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। वह विकास की मौजूदा परिभाषा को संस्कारित कर लालच, अपराध, शोषण जैसी अनेक बुराईओं से मुक्त कर संसाधनों के असीमित दोहन और अन्तहीन लालच पर रोक लगाने की सीख देता है। वह पूरी दुनिया तथा पृथ्वी दिवस मनाने वालों के लिये लाइट हाउस की तरह है।

पृथ्वी दिवस की कल्पना में हम उस दुनिया का ख्वाब साकार होना देखते हैं जिसमें दुनिया भर का हवा का पानी प्रदूषण मुक्त होगा। समाज स्वस्थ और खुशहाल होगा। नदियाँ अस्मिता बहाली के लिये मोहताज नहीं होगी। धरती रहने के काबिल होगी। मिट्टी, बीमारियाँ नहीं वरन सोना उगलेगी। सारी दुनिया के समाज के लिये पृथ्वी दिवस रस्म अदायगी का नहीं अपितु उपलब्धियों का प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने तथा आने वाली पीढ़ियों के लिये सुजलाम सुफलाम शस्य श्यामलाम धरती सौंपने का दस्तावेज़ होगा। 

🧡🧡 जगदीश कुशवाहा भोपाल🧡🧡 #alone   हमारी मातृभूमि के लिए एक छोटा सा निबंध😃😃😃

#alone हमारी मातृभूमि के लिए एक छोटा सा निबंध😃😃😃 #विचार

3 Love

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पलक यादव

. कुत्ते पर निबंध लिखना चुटकुला

. कुत्ते पर निबंध लिखना चुटकुला #स्पोर्ट्स

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Siddharth shrivastav..#

माँ के माथे पर बिंदी 
और भाषा में हिंदी सबसे अच्छी ....!! माँ के माथे पर बिंदी 
और भाषा में हिंदी सबसे अच्छी !!

माँ के माथे पर बिंदी और भाषा में हिंदी सबसे अच्छी !!

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Akhilesh

गाय पर निबंध (Essay on Cow)

गाय पर निबंध (Essay on Cow) #Knowledge

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Hetal Joshi

 गाय पर निंबध...

गाय पर निंबध... #nojotophoto #કલા

4 Love

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somnath gawade

शालेय जीवनात
"मी मुख्यमंत्री झालो तर"..
हा निबंध नसता तर
आज हा सत्तासंघर्ष
उद्भवलाच नसता. #निबंध
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md mujammil

2047 में मेरे सपनों का भारत कैसा होगा इस पर निबंध

#AajkaBharat

2047 में मेरे सपनों का भारत कैसा होगा इस पर निबंध #AajkaBharat #पौराणिककथा

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YOGESH SINGH

निबंध

निबंध #कविता

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Akash 24

हप्पू सिंह ने लिखा पिताजी पर निबंध

हप्पू सिंह ने लिखा पिताजी पर निबंध

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Neha Pant Nupur

चौखट पर बने ऐपण, माथे पर बंधनवार
ओ ईजा, ओ बुबू की करते पुकार
स्टील का गिलास, चाय उसमे डबडबान
भयंकर धूप सेंक कर भी थोड़ी और सेंक लें 
बल हर पहाड़ी में इतनी जान















भट्ट, गहद, नीबू, चौलाई सुनते ही टपक जाए लार
कुछ ऐसी ही खुशबू है जिस माटी की
वो उत्तराखंड है जग में महान ।।


#Uttrakhand #ProudPahadi

©Neha Pant Nupur #उत्तराखंड #proudpahadi 
#Nostalgia 

उत्तराखंड मेरी मातृभूमि, मातृभूमि मेरी पितृभूमि
ओ भूमि तेरी जय जयकारा
म्यारो हिमाला ।।
(गिर दा)❤️

#उत्तराखंड #proudpahadi #Nostalgia उत्तराखंड मेरी मातृभूमि, मातृभूमि मेरी पितृभूमि ओ भूमि तेरी जय जयकारा म्यारो हिमाला ।। (गिर दा)❤️ #uttrakhand

58 Love

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shayari platform

धूप में बच्चे के लिए तपती है मां
धूप में बच्चे के लिए झुलसती है मां
गर्लफ्रेंड और बीवी तो कहीं भी मिल जाएगी
 लेकिन किस्मत वालों को मिलती है मां ।

©shayari platform
  #MothersDay मदर्स डे पर हिंदी शायरी इमेज मदर्स डे पर शायरी हिंदी में

#MothersDay मदर्स डे पर हिंदी शायरी इमेज मदर्स डे पर शायरी हिंदी में

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Anokhi

हिंदी दिवस - 14 सितंबर

हिंदी शोभे बिंदी से.....!

हिन्दुस्तानी शोभे हिंदी से.....!

आभा अनोखी # हिंदी दिवस # हिंदी की बिंदी...

# हिंदी दिवस # हिंदी की बिंदी...

17 Love

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BRAHM PRAKASH

समझ सका ना मूल्य प्रेम का
नफरत की तलवार  उठा ली।
          क्षत-विक्षत    कर मातृभूमि के
             गौरव को रक्तरंजित कर डाली।
इससे बढ़कर हे  मनुज तेरा
और     पतन   क्या   होगा?
              मानवता     की   गौरव  का
              और    हनन    क्या    होगा? मातृभूमि

मातृभूमि #poem

16 Love

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RK SHUKLA

Kashmir मातृभूमि

जहा शैल पर रुधिर बीर का गिरा हुआ है
उसी जगह पर गाथा हम लिख जाएंगे
एक सूत्र में पूरा भारत लिए पुरोए
जगह जगह मां का आंचल लहराएंगे
PRK मातृभूमि

मातृभूमि #कविता

6 Love

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Sanju

हमे हमारी भारत मां से मिला इतना दुलार💓💖 है
सच कहूं तो दोस्तो उसके आंचल की  
छाया से छोटा ये संसार🗺️ है। मातृभूमि

मातृभूमि #कविता

35 Love

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वीरेन्द्र सिंह ' वीर '

मातृभूमि को छोड़कर दूर जाने वाले ।
  अपने वतन में भी हैं पेट भर निवाले।।
 देश की आब ओ हवा ने तुझे पाला है
  ज़रूरत में क्यों हो रहा गैरों के हवाले।


             वीरेन्द्र सिंह 'वीर' मातृभूमि

मातृभूमि

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Archana Bharti

सात रंगों का संगम यहाँ, 
सात सुरों का मिलन यहाँ, 
धरती है यह स्वर्ग हमारी, 
हम सब की मातृभूमि यहाँ।

©Archana Bharti #मातृभूमि
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Vikash Arya

गांन नहीं सुर-ताल नहीं में फिर भी गांना चाहता हूं।
बेशक तेल चुके दीपक का भल्ले जले बाती की रस्सी।
में अंतिम कण रक्त का तन से ये दिप जलाना चाहता हूं।
इस मातृभूमि की बलीवेदी शिश चढ़ाना चाहता हूं।।
गांन नहीं सुर-ताल नहीं में फिर भी गांना चाहता हूं ।

©Vikash Arya
  #मातृभूमि
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Lucky kunjwal ( Musafir)

ये आत्मा ही नहीं दिल भी रोता है
जब कोई जवान शहीद होता है।।

आज ये धरती आसमा भी बहुत रोया है,
हमने आज फिर देश के रक्षको को खोया है।

बड़ी बैचेनी है इस दिल में आज,
ना जाने कितनी माताओ ने अपने लाल को खोया है।

'भारत माँ कि जय' के नारो के साथ,
आज फिर एक सिपाही वापस शरहद पे आया है।

जय हिन्द जय भारत 
जय हिन्द के जवान........ जय हिंद जय भारत.....
जय हिंद कि सेना..........
#भारतीय #भारतीयसेना #भारत #मातृभूमि

जय हिंद जय भारत..... जय हिंद कि सेना.......... #भारतीय #भारतीयसेना #भारत #मातृभूमि

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@michaeljohnsmashcrackers

बस अकेले ही हैं सफर यहां हर किसी का
जमाने में आना जाना तो लगा ही रहता है 
हर किसी का
बस यूं ना मायूस होकर बैठ मेरे दोस्त
यूं ना कर अफसोस हर किसी का

©@michaeljohnsmashcrackers @हिंदी #हिंद ,

#MereKhayaal

@हिंदी #हिंद , #MereKhayaal

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Chintoo Choubey

यूँ तो कई बार लोगों से सुना है वो भी कई ज्ञानी लोगों से,किंतु वहां मै चकरा जाता हूँ,जब मेरा साक्षात्कार होता है,कोई ज्ञानी मेरा साक्षात्कार करता है,
हर बार बस यही पूछ्ते है कि अङ्रेज़ि आती है?
आती है ?आती है, तो क्या बोल पाते हो?
मगर आज तक किसी साक्षात्कार करने वाले ज्ञानियों ने यह नहीं पूछा , हिंदी कितनी अच्छी बोल पाते हो?
हिंदी सिर्फ हिंदी दिवस के लिए नहीं होती , यह हमें हर जगह लोगों को बताना पड़ेगा, कि हिंदी है हमवतन् है हिन्दुस्तान हमारा ,
और सभी ज्ञानियों को यह समझना चाहिए कि, साक्षात्कारियों को हमारी पात्रतानुसार कार्य के लिए चुनें, ना कि भाषा के आधार पर ।
हिंदी भाषियों को खूब शुभकामनाएं।
 हिंदी और हिंद

हिंदी और हिंद

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Richa Mishra


   • हिन्दी : भारत मां की बिंदी • 
            






                  || अनुशीर्षक में ||
                       हिन्दी भारत मां की बिंदी
हिंदी भारत की भाषा !
सब मिल कर गाएं 
हिंदी भारत की गाथा ll

विश्व में फैले इसके गान 
वसुधैव कुटुंबकम् इसकी शान !
हि

हिन्दी भारत मां की बिंदी हिंदी भारत की भाषा ! सब मिल कर गाएं हिंदी भारत की गाथा ll विश्व में फैले इसके गान वसुधैव कुटुंबकम् इसकी शान ! हि

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Sejal Pandit

जो स्थान है नारी के माथे पर बिंदी का वही स्थान है भाषाओ मे हिंदी का। हिंद, हिंदी, हिंदुस्तान ।

हिंद, हिंदी, हिंदुस्तान ।

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अभिव्यक्ति और अहसास -राहुल आरेज

मातृभूमि

#soultouching

मातृभूमि #soultouching

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