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अल्पेश सोलकर
माझ वचन बनायला.. किती आश्वासन तयार असतात.. काही आश्वासनं होऊन वचन बनतात.. तर काही वचन म्हणून आश्वासन पाळतात.. माझ वचन बनायला.. किती आश्वासन तयार असतात.. काही आश्वासनं होऊन वचन बनतात.. तर काही वचन म्हणून आश्वासन पाळतात.. #alpeshSolkar #happypromiseday
Kamal bhansali
Mujhe Dar Lagta hai ki कंही मेरी मासूमियत बिखर न जाये आजकल फिजा का रंग बदल रहा बहती हवाओं का ढंग बदल रहा किस पर विश्वास करु देवताओं के अंदर राक्षस घूम रहा मन्दिर मस्जिद की देहरी तक जहरीले सांप घूम रहे मेरी मासूमियत के पंख भय से सिकुड़ रहे 🥀🙏🌱 आस्थाएं यही कहती कलिया ही फूल बन किसी घर के मंदिर में सज जाती भविष्य के गर्भ में एक नया भविष्य का आकार दे जाती वो सहमे नहीं डरे नहीं उन्हें सुरक्षा का वचन चाहिए मासूम की मासूमियत को यह छोटा सा आश्वासन चाहिये ✍️कमल भन्साई #NojotoQuote आश्वासन
Parasram Arora
क्या कभी देखी है तुमने मेरी ग्लानिग्रस्त पुतली नयन की क्या कभी मिली है झलक तुम्हे मेरे अश्रुमिषित मुस्कानो की क्या कभी देखी है तुमने. इन आँखों में छायी विकलता मेरे ह्रदय की काश कोई आकर समझ पाता.मेरे तर्क वितर्क के आवृतो को और दे जाता मुझे सौगात आश्वासनो की ©Parasram Arora आश्वासन
Parasram Arora
पथ पर धूल की धुंध उठ रही और हवाओं मे आंधी अपना ज़ोर आज़मा रही लेकिन मन मे साहस और तन की त्वरा मे कोई कमी नहीं रही अब तुम ही बताओ मे मैं इन आँधियो से क्यो डरू? मैं तों उड़ता रहूंगा कर्मक्षेत्र के विस्तृत वातायन मे रवि ने भी तों झाका है फिर से और मेरे लिए नए सवेरे भी वो लाता रहेगा. इसका आश्वासन भी दिया है इसिलए मैं आश्वासत हूँ की मेरे जीवन की गति निर्बाध रूप से चलती रहेगी.. भले ही जीवन का धरातल समतल हो या उबड़ खाबड़ ©Parasram Arora आश्वासन
Parasram Arora
मेरी प्राचीन.. पुरातन पीड़ा आँज भी पूरी त्वरा से अपनी हिफाज़त करने मे सक्षम है अवसाद और विषाद इसके पुराने सहोदर है जिन्होंने इसे विचलित होने से पहले ही सहारा दे रखा है और अपनी दोस्ती मे प्रगाड़ता बनाये रखने का भी भरपूर आश्वासन दे रखा है ©Parasram Arora आश्वासन...
NiKhiL KhUIE .....🖋️
Gyan Ka Arth Hai- Janne Ki Shakti Jhoot Ko Sach Se Prthak Karne Wali Jo Vivek Buddhi Hai Ushi Ka Naam Gyan Hai..!! #gyan ka Arth
Saurabh Singh
सुबह नैन खुलते मन जिसका चाहे दर्शन हो उन्हें ही कहा गया है। प्रेम और धन - मन मंदिर दर्शन करते समय जो पास हो प्राथना में जिसका राम आभास हो वह है। प्रेम झगड कर भी जिनपर क्रोध ना आए। सच में प्रेम का अर्थ वहीं कहलाए ।। जिनके कंधे पर सीर रखते दुख मिट जाए। ऐसा कंधा ही शत - प्रतिशत प्रेम बताए।। खुद दुख में होकर भी मन जिसके लिए करे दुआ प्रेम का इस भाषा में कहा गया है। खुदा लाख भूलना चाहे लेकिन ना भुला पाए। प्रेम का राज यही असलियत में कहलाए।। घर के फोटो में मॉ - बाप के साथ उसके साथ फोटो हो ऐसा लगना ।। वहीं सोच ही कहलाता प्रेम का गहना । दूसरों की गलती बता कर डांटना फिर एकांत में हसना , यही है। प्रेम की धरना ।। खुद के अलावा जिसे अपना शरीर समझा जाए ।। वह दूसरा आत्मा ही प्रेम परिभाषा बताए।। यह कविता की लाइन पढ़ते समय जिसकी याद आए बस वही आपका प्रेम है। ❤️❤️✍🏻सिंह सौरभ✍🏻❤️❤️ #@Prem ka Arth@#