Nojoto: Largest Storytelling Platform

New बगावत फिल्म धर्मेंद्र की Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about बगावत फिल्म धर्मेंद्र की from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, बगावत फिल्म धर्मेंद्र की.

    PopularLatestVideo

Manojkumar Srivastava

मेरा एक पसंदीदा फिल्मी गाना!फिल्म: मिलन# #फ़िल्म

read more
mute video

mukul marar

आँसूओं की बगावत

read more
समुद्र  सोच रहा था समुद्र कि ,
सहेज लेंगे ...
कुछ मोतियां आज भी 
पर आज मेरे आँसूओं ने
खुद से बगावत 
कर दी।। आँसूओं की बगावत

hindi kalam se official

बगावत की शुरुआत

read more
अपनी ममलुक़त सुलग़्ते देखो

इस बग़ावत को रोक कर देखो

तुम समंदर की स्याही बनाओ

 या हर अश्क़ हर ख़ूँ से अपने झूँठे सच दोहराओ

फिरसे लाठी, गोलियाँ चलाओ

इनकी हिम्मत तोड़ कर देखो

मगर ये कोशिश भी बेकार है

आज़ादी एक बुख़ार है 

जो पारद के पार है 

इश्क़ इंक़लाब,

इनकी शिफ़ा भी अब इंक़लाब है बगावत की शुरुआत

Harvinder Ahuja

# बगावत कलम की #ज़िन्दगी

read more
कलम मेरी रूकी है,धड़कन नहीं रूकी,
यहां कहानी नहीं जज़्बातों की बात है,
बात मेरी सुन के क्यों इतना चौंक गए,
हाथ में पकड़े हुए सिक्के भी पसीना पसीना हुए,
ले जाइए इन सिक्कों को किसी और पे वारिए,
जज़्बात नहीं है मेरे, बाजार में बिकने के लिए,
वो कहते हम सृजन की लकीर नहीं हैं,
उन से कहा दो वो भी अपनी तकदीर नहीं हैं।

©Harvinder Ahuja # बगावत कलम की

mukul marar

आँसू की बगावत

read more
समुद्र  सोच रहा था समुद्र कि ,
सहेज लेंंगे 
कुछ मोतियां आज भी ....
पर आज मेरे आँसूओं ने 
बगावत कर दी।। आँसू की बगावत

hindi kalam se official

बगावत की शुरुआत

read more
बग़ावत की शुरुआत 


इंक़लाब को आज़ां  देते देखो जनाजों के कफ़न खुलते देखो 

शहीदों को कूचों में निकलते देखो  इंक़लाब को आज़ां देते देखो 

जुर्ररत मंद अब भी  जाग रहे हैं  सुबोशाम जला चिराग़ रहे हैं

हर साँस में आज़ादी माँग रहे हैं इनकी मशालें बुझा कर देखो  

इनकी बग़ावत को रुकवा कर देखो , इनको रोकना अब बेकार है

इन्हें डरने से इंकार है ये बग़ावत की शुरुआत है

इन ज़ुल्म के पहाड़ों को गिरते देखो  ऐ जालिमो! अब अपने फ़साद का सूरज ढलते देखो 

इनको चुप करना बेकार है इन्हें इंक़लाब से प्यार है 

जिस काली घटा को तुमने फुहार समझ के नाकार दिया  उसी फुहार को तूफ़ाँ बनते देखो

अब इस बग़ावत को रोक कर देखो जिन फूलों को  तुमने पैरों तले रोंधना चाहा

मासूम पंखुड़ियां समझ कर ख़ाक में दफ़नाना चाहा  अब ख़ाक को कोयला बनते देखो

अपनी ज़ालिमाना हुक्मत को सुलग़्ते देखो इस बग़ावत को रोक कर देखो


जिस ख़ूँ को तुमने शहद में घोलना चाहा उस तहज़ाबियत मुँह में रख के तो देखो

इस बग़ावत को तुम रोक कर देखो। बगावत की शुरुआत
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile