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Manoj Srivastava
हम राम नहीं हैं, इसलिए हमारा कोई भरत हो ही नहीं सकता। यदि हमें भरत चाहिए, तो स्वयं राम बनना होगा। और भरत होकर ही हम राम को पा सकते हैं। वैसे आज भी संसार में राम और भरत दोनों हैं, पर वे हमसे कितनी दूर हैं या हमारे पास हैं। यह जान लेना मुश्किल है। यदि हम पहल करने के अभिलाषी हैं, तो हमें हमारा अभीष्ट मिल सकता है। पर दूसरे से आकांक्षा रखना, निराशा का ही पर्याय होती है। हम दीपक हैं, दह कर दूसरों को प्रकाशित करेंगें। स्वयं अंधेरे में लिपटे रहेंगे। 🙏 #भ्रातृत्व #अनाम #शाम और तन्हाई #293
सिन्टु सनातनी "फक्कड़ "
(भ्रातृत्व का कर्तव्य बोध) (अंतिम भाग) माफ करना मुझे सपने में आ भ्रातृत्व कर्तव्य-बोध का याद दिलाने, दोगला भाई कहके तुम्हें था पुकारा, तुम्हारे जमींर को भी था धित्कारा, गर हो भ्रातृत्व कर्तव्य-बोध का अहसास तनिक भी, तो हो रहे नारी का अत्याचार पर उलगुलान लाओ, अब तो नारी सम्मान का विस्तार समाज को बताओ, भ्रूण हत्या, दहेज-दानव से हमको मुक्त कराओ, अब तो कहो उन दरिंदो से हवस का शिकार ना बनाओ, और तेज़ाब से आभांकित चेहरे को ना जलाऔ, अब तो जागो और नारीत्व शक्ति के सम्मान की विधि तलाशो, इतना कह बहन अनजान और बहन निर्भया भी अंर्तध्यान हो गई। सहसा मैं जाग उठा, और कुंठित हो अंर्तमन में था झाक रहा, अब में ना अहम में था और ना तो वहम में था। इन्सान सच्चा हुँ मैं अब ये भी ना मन में था। ©फक्कड़ मिज़ाज अनपढ़ कवि सिन्टु तिवारी #भ्रातृत्व का कर्तव्य बोध 😎minaक्षी goyल😎 sweta tiwari Priyanka Singh #suman# Bhavana Pandey
सिन्टु सनातनी "फक्कड़ "
जग ढुंढा खुद के अंदर झाक ना पाया, अहम में था मैं और बहम में था मैं, इन्सान सच्चा हुँ ये बात लिए मन ही मन में था मैं। जब तेज़ाब से जली चेहरा लिए बहन अनजान और बहन निर्भया ने आके सपने में दोगला-दोगला भाई कह के जगाया तो हैरान था मैं। फिर सपने में में ही पूछ बैठा पीडित बहनो से क्यूँ आप मुझे यू धित्कारती हो। तो वो बोली भाई माफ करना हमें, हमने भ्रातृत्व के कर्तव्य बोध का याद दिलाने को मन में तेरे कुठाराघात किया। याद हैं तुम्हें जब त्रेता में मैंने (सूर्पनखा) जा राम-लक्ष्मण से प्रेम-निवेदन था किया, काटी थी नाक लक्ष्मण ने मेरी, और जा तुम्हें वृतांत विस्तार से था सुनाया, और तुमने क्षणिक देर ना कर सीता हरण कर स्वयं भगवान राम से जा मुट्ठी था भिड़ाया, लेने प्रतिशोध अपमान का मेरे, कुल का नाश भी था कराया और स्वर्ण लंका भी तो था जलाया, उस भगिनी को भी तो था सम्मान दिलाया। (भ्रातृत्व कर्त्तव्य बौध-भाग-1) ©फक्कड़ मिज़ाज अनपढ़ कवि सिन्टु तिवारी #Nojoto VOW भ्रातृत्व का कर्तव्य बोध 😎minaक्षी goyल😎 sweta tiwari Priyanka Singh Bhavana Pandey #suman#
Sameer Das
#Most_Shocking_Prophecies भविष्यवक्ता ‘‘श्री वेजीलेटिन’’ के अनुसार भारत से उत्पन्न हुई शांति भ्रातृत्व भाव पर आधारित नई सभ्यता, संसार में-दे
अशेष_शून्य
कुछ शेष है अगर कहीं और उसे खोने के भय से मैं ख़ुद को खो न दूं कहीं; इससे कहीं बेहतर है मैं उसे खो दूं अभी, जो कभी न कभी कहीं न कहीं मुझसे खोने ही वाला है। ~©Anjali Rai सब कुछ खोते खोते मैंने सब कुछ खोने का भय भी खो दिया । कुछ शेष है अगर कहीं और उसे खोने के भय से मैं ख़ुद को खो न दूं कहीं;
Aprasil mishra
" वह राम हैं.. वह राम हैं। " >>> "वनितsर्पणा = प्राणप्रिया (पत्नी) का समर्पण करने वाले " ******************************* संघर्ष पथ में प्रेरणा के एक ही तो नाम
Aprasil mishra
" हम और अहमियत " """हम और अहमियत """ हमारी निरस स्थितप्रज्ञता हमारी परिस्थितिमूलक साधना का प्रवर परिणाम है, हमसे एकांश सरसता की प्राप्
Anil Siwach
ABHISHEK SWASTIK
दृढ़ संकल्प चेतना, कमल नयन भगवान से । मर्यादा पुरुषोत्तम भावना, सीखो तुम श्री राम से ।। मातृ-पितृ की आज्ञा, सर्वप्रथम अविराम से । हर परिस्थिति सम्हालना, सीखो तुम श्री राम से ।। सेवा सभी गुरुचरण की, करना तुम निःस्वार्थ से । मातृ भूमि की वंदना, सीखो तुम श्री राम से ।। मानवता की भावना, रखना तुम हर प्राणि से । डिगना नही उद्देश्य से, सीखो तुम श्री राम से ।। मित्र की आदर्शता, राघव-सुग्रीव नाम की । निश्छल भ्रातत्व प्रेम को, सीखो तुम श्री राम से ।। निशिचर प्रकृति को मारना, अतिरौद्र प्रकृति व्यवहार से । राजनीति व्याख्यान को, सीखो तुम श्री राम से ।। -अभिषेक अस्थाना(स्वास्तिक) दृढ़ संकल्प चेतना, कमल नयन भगवान से । मर्यादा पुरुषोत्तम भावना, सीखो तुम श्री राम से ।। मातृ-पितृ की आज्ञा, सर्वप्रथम अविराम से । हर परिस्थ