आंधियों को चलने दो
हम तूफान से लड़ जाएंगे ।
लांघ कर समुद्र को
उस पार पहुँच जाएंगे ।
लंका का रावण हो या
मथुरा का हो कंस।
हस्तिनापुर का दुर् #कविता#nojotophoto
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Nasamajh
कैसी होगा वो मंज़र रात का
जब मैं पहली दफ़ा इस धरती पर
आंखें खोलकर माँ के गोद में
किलकारियाँ किया होऊँगा..!!
कैसा होगा वो मंज़र
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