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Vimlesh Miledar Saroj

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Vishakha Tripathi

किशन सरोज जी की खूबसूरत कविता #myvoice #vishakhatripathi #violin

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जगदीश कैंथला

कन्यादान कविता पद्यांश दो व्याख्या #बात

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Siddharth kushwaha

कल्पनाएं स्मृति यथार्थ कविता कानपुर

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यथार्थ इतना सरल है
कि कल्पनाएं
घर में कदम ही नही 
रख पा रही हैं!
बारिश और शाम में
इतनी सुंदरता विद्यमान है
कि कविताएं लिखी..?
लिखी जा रही हैं!
अर्थात् स्मृति में
पढ़ी जा रही हैं।

©Siddharth kushwaha #कल्पनाएं #स्मृति #यथार्थ #कविता #कानपुर

Shaikh Akhib Faimoddin

व्याख्या जीवन की.. #कविता

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व्याख्या जीवन की
क्या व्याख्या करुँ मै इस जीवन की जिसकी कोई व्याख्या ही नही
हर दिशा से मिलती है मुझे विषमता
क्या यही विषमता तो जीवन नही|

कोई सब कुछ होकर भी रोता है तो कोई कुछ ना होके भी हसता है
किसीका जीवन मधुबन तो किसीका रेगिस्तान भी नही
क्या यही विषमता तो जीवन नही|

जिसने सत्य को ही जीवन माना उसके किसीने छुए चरण नही
जिसने किया समाज को खोकला उसके खिलाफ कोई आवाज नही
क्या यही विषमता तो जीवन नही|

माना जीवन सुख दुख का संघर्ष ही सही पर इसके परिणामों में समानता क्यों नही
किसीको जलाया जाता है चंदन की चीता पर तो किसीको मिलता कफन भी नही
क्या यही विषमता तो जीवन नही|

अंत में क्या सही और क्या गलत इसका मिलता कोई जवाब नही
क्योंकि हर दिशा से मिलती है मुझे विषमता
क्या यही विषमता तो जीवन नही|
फिर भी करना चाहता हुँ व्याख्या जीवन की जीस जीवन की कोई व्याख्या ही नही| व्याख्या जीवन की..

PUJA VERMA

प्रेम की व्याख्या #कविता

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Anjani Upadhyay

पिनकोड की व्याख्या

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Dharmraj lohar

गीता की व्याख्या #विचार

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स्मृति.... Monika

#स्मृति कीअभिलाषा #nojotophoto

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 #स्मृति की#अभिलाषा

स्मृति.... Monika

#मेरी कविता -#भाग 2#स्मृति.... ✍️

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मेरी कविता -भाग -2
मेरी कविता शब्दों से अलंकृत, भावों से सुसंस्कृत 
कभी उत्सव का आह्लाद, कभी किसी बच्चे का संवाद
कभी पूरे देश की आवाज, कभी मेरे ही मन का राज 
कभी भीगी पलकें, कभी माथे को चूमती अलके 
कभी तप्त मरुभूमि को तृप्त करती बारिश की बूँदें 
कभी सपनों में खोकर जैसे आँखें हो मूँदे 
कभी निधिवन में राधा -कृष्ण के प्रेम को दर्शाती 
कभी रजनीगंधा की महक बन सबके मन को हर्षाती 
मेरी कविता पाठक के  मन में हो जाती अंकित 
मेरी कविता शब्दों से अलंकृत, भावों से सुसंस्कृत || #मेरी कविता -#भाग #2#स्मृति.... ✍️
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