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R...Khañ
#5LinePoetry बेहती कश्ती को मेरे भी एक दिन किनारे मिल ही जाएंगी लाजमी है जो मेरे लिए ऱब उन राहों को मेरी भी एक दिन...वह मंजिल यक़ीनन दिखाएंगी ©R...Khan #बेहती#कश्ती #5LinePoetry
PubG Chhora
कि मैं कोई बहती नदी नही, समंदर सी शांत हु. दिल मैं छुपाए ना जाने ,कई बडे राज हुं। कि मैं बेहती नदी नहीं। #SilentWaves
Geetanjali parida
ज़िन्दगी खूबसूरत है,अगर जो तुम साथ हो, ज़िन्दगी बेहतीन है,अगर जो प्यार तुम्हरा साथ हो।। ज़िन्दगी खूबसूरत है,अगर जो तुम साथ हो, ज़िन्दगी बेहतीन है,अगर जो प्यार तुम्हरा साथ हो।।
Harshita Dawar
Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat दिल के सुराख को बंद करती रही दिल ऐ नादान अज़ीज़ बन रेत सी बहती रही हाल ए दिल आंखों से बेहतीन अदाज में जबरन सहती रही खामखा सी ज़िन्दगी को मरम्मत कराते मिस्त्री सी ज़िन्दगी सा खोखले दावे को पलस्तर से बरती रही #lifequotes #realityoflife #life #yqbaba #yqdidi Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat दिल के सुराख को बंद करती रही दिल ऐ नादान अज़ीज़ बन रेत
Ashay Choudhary
मेरे शहर के बीच एक नदी बहती है जब भी शहर के दिल को जाओ, हर मोड़ पर मिलती है नब्ज़ है, कोई छू ले तो हर दर्द कहती है बहता है जो कालिख बन कर पानी, उसे अपने लहू का रंग कहती है दिल से चली थी, फिर दिल तक आने को अधूरे रास्ते पर रुकने की निशानी देती है मेरे शहर में एक नदी बहती है . . मैं हैरान हूं ये नदी देख कर हर हाल में बहने के जज्बे को देखकर उस कालिख से सने इसके किनारे देख कर आज शहर हुआ तो समझा हूं तुम तो हमेशा मुझमें बहती हो मेरी हर करतूत का कालिख धोती हो तुम नदी हो, मेरे अंदर बहती हो जो तुम दिल तक आ गई तो कयामत है तुम सब समझती हो, आसपास से निकलती हो तुम नदी हो, मेरे अंदर बहती हो.. मेरे शहर के बीच में एक नदी बेहती है जिसका नाम है कान्ह, अभी कुछ दिनों पहले हमारे शहर की महापौर श्रीमती मालिनी गौड़ जी को कान्ह के स्वच्छ स्व
Harshita Dawar
Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat इन फिज़ायो में अजीब सी ख़ामोश इल्तिज़ा कर रही थी। सब खूसूरती की ओर अग्रसर होने लगी थी। कुछ अजी़ब सा शहर है ।अपनो को खोजने लगती। खूबसूरती के अलाम में ।अकेले से मेहसूस होता। अपने के साथ भी नहीं देख पाती थी खुद को। खो बैठती थी ।अकेले में खुद को। अपनी ही दुनियां में ।उस सन्नाटे में खुद को भुला देती थी । घंटो आंखो में आंसुओ कि बेहती धारा में अपनी को तलाशती रहती। फिर भी दिल से शुक्रिया निकलता ।जितना था वो भी अच्छा था। दिल को संभाले रिश्ते भी संभालने लगी। बस इन वादियों में अपनी नई ज़िन्दगी की शुरुवात करने लगी। #newzealand #mythoughts #feelings #bestyqhindiquotes #yqdidi #yqbaba New-Zealand dairies. Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat इन फिज़ायो में
शुभी
सैनिकों की बहादुरी को नज़र एक छोटी से ग़ज़ल (check caption) माँ की आबरू बचाने लो चले आए हम, शत्रुओं को वापस खदेड़ने लो चले आए हम. सियासत दिल-आवेज़ बात करती है, सीने पे गोली खाने लो चले आए हम. दफन और
Harshita Dawar
Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat बौद्धिक विचारों में गुम हो जाने किस देश घूम आती कोहिनूर सी इबादत को देहलीज लांघ कर नई दुनियां बसाती जन्म मृत्यु से कोसो दूर निकाल जाती , मौन रहकर भी, ख़ामोशी से अंतर्मन अलाप भर पाती इस दुनियां बेवजह रिश्तों के आवागमन में आकाश की गहरी नींद को तारों में स्थापित कर आती, उमर अकमल कलश विवश वीरान विकराल विनम्र विलाप, मन में चैन से छाने वो विकट पल मन में मधित ध्वनि बिखरते, आगमन आलोचना सब साथ ही गहरी नाभि से निकलते, सौंदर्य को एक शांत ज्वालामुखी में चिंगारी से निकलती भाप में गुम हो जाते मानो मानव की संवेदना संसार में बहावो में बेहती गंगा सी धार , विकराल रूप धारण कर लेती है। मौन में होकर मौन में जीना चाहती हूं । वाणी सी मधुर वीना में खोना चाहती हूं। अलाप अल्पविराम बन ख़ुद को खोजना चाहती हूं। ये मा की कोख का कर्ज़ चुका देना चाहती हूं। वीरांगना साध्वी प्रज्ञा प्राप्त खुद को पहचान लेना चाहती हूं। #lifequotes #respect #women #yqbaba #yqdidi #yqtales Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat बौद्धिक विचारों में गुम हो जाने किस देश घूम आती कोह
GURJASPAL SINGH
बचपन Bachpan मुझ को यकीन है सच कहती है जो मेरी माँ कहती है .. जब मेरे बचपन के दिन मे चाँद पर परियां रहती थी.. एक आज के दिन है जब अपने भी साथ नहीं देते
Vikas Sharma Shivaaya'
ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते-अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:। ॐ कालभैरवाय नम:। ॐ भयहरणं च भैरव:। ॐ ह्रीं बं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरूकुरू बटुकाय ह्रीं। ॐ भ्रं कालभैरवाय फट्। विश्वास की डोरी टूटे न दरबार तुम्हारा छुटे न-चमत्कार कुछ ऐसा करो के बेटा तुझसे रूठे ना तेरी मेरी प्रीत पुरनी याद है या फिर भूल चुके-या बाबा आँखों में तुम्हारे बन कर के शूल चुभे-तूने लिखी थी किस्मत जो किसी और के हाथो टूटे ना- चमत्कार कुछ ऐसा करो के बेटा तुझसे रूठे ना सदा ही रखा मान मेरा हर वक़्त हर घडी पग पग में-बन के लहू तेरी भगती संवारा बेहती थी मेरे रग रग में-तेरी किरपा से भरा जो गागर किसी भी कारण फूटे ना-चमत्कार कुछ ऐसा करो के बेटा तुझसे रूठे ना मान लिया सब गलती मेरी मैं नालायक बेटा हूँ -हाथ पकड़ के हाथ न छोड़ो माना सिक्का खोटा हूँ -तूने दिया है विकास को जो कुछ और कोई इसे लुटे ना -चमत्कार कुछ ऐसा करो के बेटा तुझसे रूठे ना 🙏 बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 ©Vikas Sharma Shivaaya' ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते-अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:। ॐ कालभैरवाय नम:। ॐ भयहरणं च भैरव:। ॐ ह्रीं बं बटुकाय आप