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YOG fitness karma(swati)
Ram babu Ray
हाइकु 👇 बोला आकाश आज जयपुर में घटा निराली भीगीं धरती देखा अंबर भीगी आई बारिश आसमान से आज बूदें बरसी काले बादल ठंडी हवाएं घनघोर अंधेरा मुसला-धार नाचे मयूरा जमकर बरसीं खुशीयाँ आई कैसा संगम साथ संयोग बना बूदों से तरा..!! ©Ram babu Ray #हाइकु 👇 बोला आकाश आज #जयपुर में घटा निराली भीगीं धरती देखा अंबर भीगी
राजेश गुप्ता'बादल'
लगता है आज फिर इक बार तन्हाइयों ने मेरी करवट ली है, तभी तो लफ़्ज़ मुकरे सारे और अश्कों ने आंखों से सरारत की है। #रातकाअफ़साना #collab #nojoto #tanhaiyan #sararat #lafj #yadain #aankhein लगता है आज फिर इक बार तन्हाइयों ने मेरी करवट ली है, तभी तो लफ़्ज़
विक्रम मिश्र "अनगढ़"
Kartikey pandey
अरे तुम झूठ कहते हो......... read in caption. ©Kartikey pandey अरे तुम झूठ कहते हो शहर सुंदर तुम्हारा है। हमारे गाँव में क्यारी हजारों रंग के फूलों की, बड़ी मशहूर हैं गुडियाँ यहाँ सावन में झूलों की, आषाढ़
राघव_रमण (R.J)..
पहली दफा मिली वो हमसे मिलते ही वो मचल गई गौर से देखा मुझे जब मुझमें ही वो ढ़ल गई ।। मुझमें इतना घुल गई वो कर दिया इजहार प्यार मेरी हर बातों से जुड़कर करने लगी थी वो एतबार मेरी हर पंक्ति को पढ़कर कविता से वो गजल हुई गौर से देखा मुझे जब मुझमें ही वो ढ़ल गई।। पहली दफा मिली वो हमसे मिलते ही वो मचल गई गौर से देखा मुझे जब मुझमें ही वो ढ़ल गई ।। आई थी वो अपनी धुन में थी उसे खुद की तलाश मन मयूरा नृत्
Shweatnisha Singh🌸
तुम ही तो हो... रात घनेरी, कोहरा बड़ा, छलक रही रातरानी से इत्र है देखो, इस अतुल्य निशा के टिमटिमाते सितारों की सौग़ात, तुम ही तो हो... ©श्वेतनिशा सिंह ~🕊️ तुम ही तो हो... मेरी कल्पनाओं की उड़ान हो तुम... सागर के गहरे पैठ में छिपे मोती हो तुम... हर नींद के बाद अंगड़ाई बाहों की, तुम ही तो हो...
Insprational Qoute
छोड़ जग का मोह ओ कान्हा अब तुमसे ही प्रीत लगानी हैं, तेरे बिन न कुछ मेरा मात्र बेजान हूँ ये आज तुम्हें बतानी हैं, सुन तेरी बाँसुरी की धुन,बस तेरे कजरारे नेना को ही निहारूँ, न मीरा सी भक्ति मुझमें ओ कान्हा तुझ पर बलहारी जाऊं, मन मयूरा भटकत हैं, न जानत तू ही बसे मेरे मन के अंदर है, बन मृगमरीचिका की भांति बहता जाता अविरल समंदर हैं, कण कण में तेरा वास हैं, हृदयमन में ही तारे सांवरे प्रवास हैं, जब भी ले लूँ तेरा नाम,जिंदगी बन जाती मन मस्त कलंदर हैं, आ जाओ ओ बंसरी वाले तेरे स्नेहाभाव की ये दुनिया प्यासी हैं, तेरे नाम से दिन बन जाता,सुशोभित हो मन,मिट जाती उदासी है, तू ही कृष्ण, तू ही जगन्नाथ, तू ही द्वारिकाधीश तू ही गिरधारी हैं, कभी भ्राता तो कभी सखा तेरी भक्ति में लीन मैं तो मै मात्र दासी हूँ। ओ कान्हा तुम्हारी बांसुरी की धुन पर मुझे भी अब थिरकना हैं, लगा प्रेम संग भ्राता सी प्रीत ओ सांवरिया तुमसे कुछ कहना है, बनाई ये दुनिया तेरी आज ऐसी हो गई न रही हैं इसमे इंसानियत , आज बन तू कान्हा तुझे ही तेरी द्रोपदी की खोई लाज बचाना हैं। छोड़ जग का मोह ओ कान्हा अब तुमसे ही प्रीत लगानी हैं, तेरे बिन न कुछ मेरा मात्र बेजान हूँ ये आज तुम्हें बतानी हैं, सुन तेरी बाँसुरी की धुन,बस