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साहस
सपने है अपने बुने हुए,आवागमन का वाहक दे दो। बिखेर कर विकास का निकास द्वार मजार को नाहक दे दो।। उर - हृदय, उर्मिल - जल बूंद, उर्वी - पृथ्वी , केकी - मोर , अतलांत - बहुत गहरी #shortpoem #yourquotodidi #YourQuoteAndMine Collabora
Bharat Bhushan pathak
प्रकृति निहाल हो उठी,चहुँओर असीम शान्ति का उद्भव हुआ। निदाघ के भयावह चाबुकों से मुक्त हो समस्त वसुंधा आनंद सागर में हिलकोरे खाने लगी। धरतीपुत्र अंबर के शुभाशीष से द्रवित हो उठे। समस्त जलस्रोत इस अमृतमय बूँदों में स्नान कर अपने मनोभाव को सकल चराचर से साझा करने को उद्वेलित हैं। उनमनों की विकलता का अब शमन हुआ। केकी भी सपरिवार कहीं सघन द्रुमालय में आह्लादित है। जनमानस भी इस आशीर्वाद को ग्रहण कर अपने कर्मपथ में अग्रसित हो चुका है,समस्त चराचर की भावनाओं का दर्शन आइए एक नूतन छंद में हम आज कर सकते हैं या स्वतंत्र मनोभाव भी हम रखें। इस प्यारे छंद का नाम राधेश्यामी छंद है,आइए इस मनहर ऋतु पर हम अपने प्रेरक भाव रखकर वर्षारानी का स्वागत करें। इस छंद का विधान है गुरुजनों के मार्गदर्शनानुसार:-32 मात्रा प्रति चरण,16-16 मात्रा पर यति,चार चरण दो चरण समतुकांत,चरणांत गुरु। वर्षा रानी निकली घर से,पालकी चढ़ी बूँदों वाली। गर्जन करके मेघा बोले,अब आई जग में मतवाली।। हरी-भरी अब होगी धरती,नहीं रहेगी अब गर्मी ©Bharat Bhushan pathak प्रकृति निहाल हो उठी,चहुँओर असीम शान्ति का उद्भव हुआ।निदाघ के भयावह चाबुकों से मुक्त हो समस्त वसुंधा आनंद सागर में हिलकोरे खाने लगी। धरतीपु
AB
भोर उजालों की तुमने देखी होगी तुम सूरज की पहली तरुण किरण,! खिलाती नव कोंपल जहाँ गूंजते बोल चहकते केकी, कीर और कोयल,! मुख चंद्र सा और नैन जुगनुओं से टिमटिम तकते रिमझिम -रिमझिम ओ सांवरिया तू कितना मनभावन है,! होंठ दमक-दमक हैं जैसे गीली मिटिया और अमंद मुस्कान तुम्हारी खोलती कबूतर ने जैसे लायी प्रेम कविता पिया की चिठ्ठीयां,! ह्रदय में समा रही ऐसे जमीं से छू रही अटालिका ऐसे तुम मोती माला का समंदर में चमक रहा अल्बत्ता,! Dedicating a #testimonial to Mala Gupta👸❤💚 माला दीदी, हाय मैंने आपके लिए लिख ही दिया, 🙈🙈, और सच बड़ी ही खुशी हो रही आपके लिए लिखा, सुकून ही
AB
एक रंग मुझे तुम्हारा तुमसे मिला... अब तुम ही कहो इस रंग को ये तितली नाम दे भी तो क्या नाम दे ,!? ( अनुशीर्षक ) तुम्हें पता है तुम कौन हो,? शायद नहीं, पर मैंने ना तुम्हें हमेशा से सूरज सा देखा है, तेज से भरा अच्छा ये बताओ किसी पठारी क्षेत्र में बैठकर
i am Voiceofdehati
संस्कृत भाषा का परिचय आखिर क्यों संस्कृत भाषा सर्वश्रेष्ठ है (देखिए अनुशीर्षक में) संस्कृत भाषा सर्वश्रेष्ठ क्यों है #संस्कृत_की_सामर्थ्य_देखिए अंग्रेजी में एक प्रसिद्ध वाक्य है "THE QUICK BROWN FOX JUMPS OVER A LAZY DOG