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Parasram Arora
एक अच्छी कविता क़ो अस्तित्व में लाने के लिये दर्द क़ो दिल में जगह देनी चाहिए चेतना के तमाम गलियारों की खाक छान कर उन्हे अभिव्यक्ति के पटल तक लाना चाहिए दर्द पीड़ा और छटपटांहट कविता की सहचर और सहेलियां है..... उन्हे उछल कूद करने के लिये दिल की अमराई में झूले बाँध कर झूलने देना चाहिए अंतस की गहराइयों में संवेदनाओं की फ़सल उगाने के लिये भावनात्मक उन्नत किस्म के बीजो की व्यवस्था करनी चाहिए ©Parasram Arora अच्छी कविता
Raja Kumar
सबसे अच्छी कविता कविताओं की इस श्रृंखला में हमइसपोस्ट में लेकर आए हैं कुछ सुंदर विषयों पर अच्छी अच्छी कविताएं अर्थात हमने आपके लिए सबसे अच्छी कविता उपलब्ध करवाने का प्रयास किया है। यदि आप किसी भी तरह की कविता पढ़ना चाहते हैं तो हमारी वेबसाइट के search box में सर्च कर सकते हैं और अपनी मनपसंद कविता को पढ़ सकते हैं। चूंकि हम इन कविताओं को पहले ही प्रकाशित कर चुके हैं तो इस पोस्ट में हमने आपके लिए पूरी कविता उपलब्ध नहीं करवाई हैं लेकिन पूरी कविता को पढ़ना काफ़ी आसान हैं बस आपको अधिक पढ़ें पर क्लिक करना हैं और आप पूरी कविता पर पहुंच जायेंगे। ©Raja Kumar सबसे अच्छी कविता
sampu janagal
एक ज़रा सी प्रेम कहानी हम लड़कों की क़िस्मत में है आग बहुत सी थोड़ा पानी एक किताबों की अलमारी में थोड़े खुशबू के रेशे कुछ घण्टों की नींद उसी में दुनियाभर के ख्वाब बुरे से मीरा के भजनों को घेरे रहती है कबीर की बानी उम्मीदों की लम्बी सूची जाने पूरी होगी कैसे एक बड़ा बाज़ार सामने छोटी जेब ज़रा से पैसे चेहरे पर तैरा करती है एक झेंप जानी पहचानी एक लड़ाई अंतहीन है सारी उम्र इसी को दे दी गोलों को काला करने में दाढ़ी तक आ गयी सफेदी डीपी तक में रखनी पड़ती है कोई तस्वीर पुरानी ©sampu janagal #फेसबुक वाली कविता
Tanendra Singh Khirjan
सहजता, सरलता एवं बंदगी कुछ और थी, लोग थे पुराने मगर जिंदगी कुछ और थी, सुख सुविधाएं परिपूर्ण है मगर कहीं थोड़ा अभाव भी, जीने का सलीका और बदल दिया स्वभाव भी। न जाने क्यूं ये जिंदगी इंसान से खेलती हैं, बचपन और जवानी तो अब बुढ़ापा झेलती हैं, लोग भूल गए हैं बड़ों की बातें बूढ़ों के पास बैठना और उनकी यादें। दिन-ब-दिन हम खो रहे हैं जीवन के सुखद आभास को। न जाने क्यूं जमीं पर रहकर हम भूल रहे आकाश को।। इससे पहले कि हम गुलाम हो जाए, सुबह से पहले शाम हो जाए। इससे पहले कि काम तमाम हो जाए, सीख लो पुरानी बातें जो थोड़ी भी काम आ जाए ये रीति नहीं कहती कि हम पाश्चात्य के गुलाम हैं। हम अटल है भारत देश के कलाम हैं। कविता (प्रेरित करने वाली)
Jitendra KumarYadav ( jitu)
एक दिन (सबसे अच्छी कविता मेरा)