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Parasram Arora
माहौल मे सूनापन और तुम्हारा ये. असहनीय मौन इशारा कर रहा है कि यहां सब कुछ इतना ठीक नहीं है जिसकी मै प्रतीक्षा कर रहा था अब इस नींरव एकांत मे संवाद फ़िज़ा की तासिर क़ो अवश्य प्रभावित करेगा ऐसा मुझे लग रहा है ©Parasram Arora सूनापन और मौन
likh_neeraj
जब जरूरत-सी लगती है मुझे मेरे आँसूओं की , तब आँखे मेरी सूखी रहती है! ©Neeraj आँखे और उनका सूखापन ! #lost #love #Nojoto
Ankit Mishra
न जाने किस गफ़लत में है जहन जो तेरे दीदार को आज भी तरसता है। खिड़कियॉ सूनी ही रह जाती है अक्सर जब अन्दर का तूफ़ा कहीं बाहर बरसता है। सूखापन
Author Sanjay Kaushik (YouTuber)
सूखे फूल है मात पिता से , फैंक ना देना उनको कर भूल वरना खुशियां मिटेंगी जीवन से राहो में मिलेंगे शूल । सेवा भाव से माली ने ,जब इनको था पाला तब ना सोचा था कि इक दिन इनका , भविष्य होगा काला तुम भी आखरी साँस तक ना सेवा भाव को छोड़ो मात पिता की सेवा से कदापि मुँह ना मोड़ो । Sanjay Kaushik #सुखेफूल: मात पिता और सूखे फूल
Rajesh Saini
कारवांओ के पगचिन्हों पर चलते- चलते......... न जाने कब से स्वयं का अस्तित्व भुलाता रहा.......... वेवजह ही रौनक बनना चाहा उन महफिलों में........... जहाँ शमां तो जलती है, पर रोशनी के लिए नहीं, दिलों को जलाने के लिए........ # सूनापन
Dee . . . . .चातक
सूना सूना मन का कौना लगता सूना घर का हर कौना सूने से नैना हो जाते सूने मन के बोल भी सूने छोड़ के जैसे रूह गयी हो जिस्म पड़ा है एकदम सूना सूने से इस जीवन रण में मन भी सूना मस्तिष्क भी सूना #सूनापन
s दृश्यता
ये कैसी खामोशी है । मेरे आस पास मेरे मन का सूनापन है । या तुम्हारे न होने का ग़म है। #सूनापन
Archana Chaudhary"Abhimaan"
साथ हो या ना हो, अहसास होता है मां बाप का साया। दूर होकर भी आबाद होता है हमारा आशियां। अनाथ होने का आभास दिल दहला जाता था। अब अनाथ होकर अस्तित्व के खोने का अहसास ही रह जाता है। पंछी को अपने घरौंदे से प्यार होता है। जब घरौंदा ही गुम हो जाए तो कुछ ना रह जाता है। शब्द खो जाते है, खालीपन सा रह जाता है। #सूनापन
Sunil Kumar Maurya Bekhud
घर सूना सूना लगता है जिसमें इक दिन किलकारी थी आए दिन उत्सव होते थे मंगल था खुशियां सारी थी पंछी उड़ गए ना जाने कहां, खुश नए घरौंदो में रहते उड़ते उड़ते बड़ी दूर गए न देखा पीछे मुड़ करके हम जा न सके संग संग उनके हमें अपनी दुनिया प्यारी थी जब से गए रौनक भी गईं सुनसान हुआ आंगन अपना सपनों में ही वो मिलते हैं क्या भूल गए बचपन अपना आई न कभी सुधि बेखुद क्या उनकी कोई लाचारी थी ©Sunil Kumar Maurya Bekhud # सूनापन
Mayank Chunnu Singh
दिल ले लिया आपने जह़ाँ भी ले लिया अब और क्या ? हुजुर को नजराना चाहिए... M' #रूखापन