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Ek villain
जीवन यापन भी एक युद्ध के समान ही तो है जिसमें हर पल हार और जीत का सामना करना पड़ता है मन फिर भी अंधेरा रहता है हर पल मनुष्य कितने ही अंतर दूध से जो तू जीता रहे दूसरों से प्रेम अपेक्षा क्रोध गली निशा अपमान और शुभ आदि के लेनदेन में ना जाने कब तक युद्ध स्तर पर संघर्ष रहता है लेकिन अंत में उसे खुद को ईश्वर के हाथों छोड़ देना होता है सत्य यही है कि यदि ऐसे युद्ध से मुक्ति चाहे तो ईश्वर का स्मरण ही सही मार्ग दिखाता है इससे मन की शांति और संतोष का मार्ग खुल पाता है वास्तव में अध्यात्मा का मार्गो से सुरंग की भांति होता है ©Ek villain #WinterSunset जीवन यापन करना है तो किसी से युद्ध मत करो योद्धा बनो
ashwanishalya
Motivational indar jeet group
जीवन दर्शन 🌹 अध्यात्म मार्ग के पथिक अपनी उपासना साधना और आराधना के प्रति निष्ठावान होकर ही जीवन यापन करते हैं !.i. j ©motivationl indar jeet guru #जीवन दर्शन 🌹 अध्यात्म मार्ग के पथिक अपनी उपासना साधना और आराधना के प्रति निष्ठावान होकर ही जीवन यापन करते हैं !.i. j
SUNIL SAXENA SIWAN
लॉक डाउन से एक सीख मिली है, जीवन यापन के खर्च तो बेहद कम है ! सिर्फ लाइफस्टाइल ओर दिखावा ही खर्चीला होता है!! - Sunil Saxena लॉक डाउन से एक सीख मिली है, जीवन यापन के खर्च तो बेहद कम है ! सिर्फ लाइफस्टाइल ओर दिखावा ही खर्चीला होता है!!!
Krish Vj
चिंतन:_ जीवन और मृत्यु मानव जीवन कर्म पर आधारित है। जिसने जन्म लिया है, उसकी मृत्यु निश्चित है । जीवन और मृत्यु एक सिक्के के दो पहलू है, अर्थात "प्रारंभ
SK pant
सोने से पहले आज का महत्वपूर्ण ज्ञान 👇👇👇,, यहां एक दूसरे से ज़्यादा परिचित होने की कोशिश ना करें,, 🙂 क्योंकि लोग परिचितों से तंग होकर ही इधर को आते हैं..!! 😬😝😜😂 ©MK Madhav #कॉमेडी #Identity Saname Riyashaikh Anil kumar maurya kajal moria IshQparast {Offical} सोने से पहले आज का महत्वपूर्ण जीवन यापन ,, एक दूस
Monu Kumar Baitha
अब जब कभी दर्द हद से ज्यादा बढ़ जाता है, चुपके से तकिये से लिपट सिसक लेता हूँ, माँ ! रातों को नींद बड़ी मुश्किल से आती है अब.. वो तेरा लोरी सुनाकर सुलाना याद आता है, माँ! अब तो रूखी-सुखी जैसे तैसे खा लिया करता हूँ.. तेरे हाथों की बनी पकवान,अब तो मय्यसर है,माँ! घर से रिश्ता अब मेहमानों के जैसा लगता है.. वहाँ की तकलीफों को सीने में सहना पड़ता है,माँ! चन्द पैसों की खातिर छोड़ आया,बचपन की गलियों को.. भला शहर की मीनारे दिल को तसल्ली दे पाया है,माँ! दूर हूँ, मजबूर हूँ.. क्या करूँ,घर से बहुत दूर हूँ। जब कोई भी घर से दूर रहकर अपना और अपने परिवार के कल्याण के लिए जीवन यापन कर रहा होता है न,
~Manraj Meena
समस्याये अगर अपनो से है तो समाधान खोजो न्याय नही, न्याय से एक खुश होगा दूसरा दुःखी ये बिल्कुल सही नही ! @ अहसास अपने अपने अपनो के बीच समस्याये होना कोई नई बात नही है, पुराने समय मे लोग आपस मे मामले को सुलझाकर वापिस से भाईचारे के साथ जीवन यापन करने लग जाते थे ! प