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Dr Mangesh Kankonkar
हा मंद मंद वारा झुळूक सुखाची देई दोन प्रेमी जिवांना क्षण हा प्रीतीचे देई या सागरी किनारी शंख शिंपल्यांची रास हताश या जिवाला मिळे जगण्याची नवी आस जीवनाचे कोडे अवघड सोडवता हे सुटेना येता या सागरी किनारी कोणतीही समस्या उरेना या सागरी किनारी मन प्रसन्न होवूनी जाई धुंद आसमंत सारा गीत मी मनात गाई ©Mangesh Kankonkar या सागरी किनारी🌊 #seaside
shrvan parihar
सागर खुदाए सागरी कुआ करोडों हज़ार गंग पधारी आगवे धिन धिन छे परिहार
_suruchi_
चाफ्या ची उधळंण नभी शोभे केशर सडा त्या वरी नभ सागरी, लहर मखमली विहारे तेजा चे गलबत त्यावरी विहंगांचे सुमधुर सुस्वर गुंजन पुलकित हर्षित बहुत गुणीजन सोहळा मनोवांछित हा पाहोन उधळी सुगंध, सुमन कांचन आली अलगद पहाट पहा सृष्टीचा उल्हास देखावा टिपावा खास मनः पटला वरती चाफ्या ची उधळंण नभी शोभे केशर सडा त्या वरी नभ सागरी, लहर मखमली विहारे तेजा चे गलबत त्यावरी विहंगांचे सुमधुर सुस्वर गुंजन पुलकित हर्षित बहुत
Odysseus
(song) अंतरीचे भाव तुजला सांग ना कळवू कसे एकटा मी फूल प्रीतीचे इथे फुलवू कसे दिवस होते रम्य अपुले मखमली होत्या निशा बहर होता चहुकडे अन् धुंदल्या होत्या दिशा ती नशा ती मौजमस्ती, प्रेम ते विसरू कसे दूर केले क्रूर नियतीने तुला मजपासुनी आठवे गतकाळ नयनी मेघ येती दाटुनी रोज निर्झर आसवांचे मी तरी लपवू कसे नाखवाची साथ नाही या उसळत्या सागरी नाव खाई हेलकावे उंच या लाटांवरी या घडीला मीलनाचे गीत मी गाऊ कसे तारकांना घेउनी तो चांद आला अंबरी रात पुनवेची तरी अंधार माझ्या अंतरी दुःख विरहाचे प्रिये मी आणखी सोसू कसे ©charudatta_kelkar ©Odysseus अंतरीचे भाव तुजला सांग ना कळवू कसे एकटा मी फूल प्रीतीचे इथे फुलवू कसे दिवस होते रम्य अपुले मखमली होत्या निशा बहर होता चहुकडे अन् धुंदल्या
Guruprasad
अजुनी रुसूनी आहे ❤️ Read the caption .. अजुनी रुसून आहे अजुनी रुसून आहे, खुलता कळी खुले ना मिटले तसेच ओठ, की पाकळी हले ना ! ॥धृ.॥ समजूत मी करावी, म्हणुनीच तू रुसावे मी हास सांगता
Avadhoot Trinetra Dhar Dubey
आयुर्वेद दोह:- पानी में गुड डालिए, बीत जाए जब रात! सुबह छानकर पीजिए, अच्छे हों हालात!! *धनिया की पत्ती मसल, बूंद नैन में डार!* दुखती अँखियां ठीक हों, पल लागे दो-चार!! *ऊर्जा मिलती है बहुत, पिएं गुनगुना नीर!* कब्ज खतम हो पेट की, मिट जाए हर पीर!! *प्रातः काल पानी पिएं, घूंट-घूंट कर आप!* बस दो-तीन गिलास है, हर औषधि का बाप!! *ठंडा पानी पियो मत, करता क्रूर प्रहार!* करे हाजमे का सदा, ये तो बंटाढार!! *भोजन करें धरती पर, अल्थी पल्थी मार!* चबा-चबा कर खाइए, वैद्य न झांकें द्वार!! *प्रातः काल फल रस लो, दुपहर लस्सी-छांस!* सदा रात में दूध पी, सभी रोग का नाश!! *प्रातः- दोपहर लीजिये, जब नियमित आहार!* तीस मिनट की नींद लो, रोग न आवें द्वार!! *भोजन करके रात में, घूमें कदम हजार!* डाक्टर, ओझा, वैद्य का , लुट जाए व्यापार !! *घूट-घूट पानी पियो, रह तनाव से दूर!* एसिडिटी, या मोटापा, होवें चकनाचूर!! *अर्थराइज या हार्निया, अपेंडिक्स का त्रास!* पानी पीजै बैठकर, कभी न आवें पास!! *रक्तचाप बढने लगे, तब मत सोचो भाय!* सौगंध राम की खाइ के, तुरत छोड दो चाय!! *सुबह खाइये कुवंर-सा, दुपहर यथा नरेश!* भोजन लीजै रात में, जैसे रंक सुरेश ! *देर रात तक जागना, रोगों का जंजाल!* अपच,आंख के रोग सँग, तन भी रहे निढाल^^ *दर्द, घाव, फोडा, चुभन, सूजन, चोट पिराइ!* बीस मिनट चुंबक धरौ, पिरवा जाइ हेराइ!! *सत्तर रोगों कोे करे, चूना हमसे दूर!* दूर करे ये बाझपन, सुस्ती अपच हुजूर!! *भोजन करके जोहिए, केवल घंटा डेढ!* पानी इसके बाद पी, ये औषधि का पेड!! *अलसी, तिल, नारियल, घी सरसों का तेल!* यही खाइए नहीं तो, हार्ट समझिए फेल! *पहला स्थान सेंधा नमक, पहाड़ी नमक सु जान!* श्वेत नमक है सागरी, ये है जहर समान!! *अल्यूमिन के पात्र का, करता है जो उपयोग!* आमंत्रित करता सदा, वह अडतालीस रोग!! *फल या मीठा खाइके, तुरत न पीजै नीर!* ये सब छोटी आंत में, बनते विषधर तीर!! *चोकर खाने से सदा, बढती तन की शक्ति!* गेहूँ मोटा पीसिए, दिल में बढे विरक्ति!! *रोज मुलहठी चूसिए, कफ बाहर आ जाय!* बने सुरीला कंठ भी, सबको लगत सुहाय!! *भोजन करके खाइए, सौंफ, गुड, अजवान!* पत्थर भी पच जायगा, जानै सकल जहान!! *लौकी का रस पीजिए, चोकर युक्त पिसान!* तुलसी, गुड, सेंधा नमक, हृदय रोग निदान! *चैत्र माह में नीम की, पत्ती हर दिन खावे !* ज्वर, डेंगू या मलेरिया, बारह मील भगावे !! *सौ वर्षों तक वह जिए, लेते नाक से सांस!* अल्पकाल जीवें, करें, मुंह से श्वासोच्छ्वास!! *सितम, गर्म जल से कभी, करिये मत स्नान!* घट जाता है आत्मबल, नैनन को नुकसान!! *हृदय रोग से आपको, बचना है श्रीमान!* सुरा, चाय या कोल्ड्रिंक, का मत करिए पान!! *अगर नहावें गरम जल, तन-मन हो कमजोर!* नयन ज्योति कमजोर हो, शक्ति घटे चहुंओर!! *तुलसी का पत्ता करें, यदि हरदम उपयोग!* मिट जाते हर उम्र में,तन के सारे रोग। 🙏त्रिनेत्र🙏🏻 जय जय आयुर्वेद ©Avadhoot Trinetra Dhar Dubey #Corona_Lockdown_Rush आयुर्वेद दोह:- पानी में गुड डालिए, बीत जाए जब रात! सुबह छानकर पीजिए, अच्छे हों हालात!! *धनिया की पत्ती मसल, बूंद न