मैं दुनिया की सभी भाषाओं की इज्जत करता हूँ, पर मेरे देश में हिंदी की इज्जत न हो, यह मैं सह नहीं सकता।
हिन्दी के द्वारा सारे भारत को एक सूत्र #हिन्दीकविता#हिंदीदिवस#14सितम्बर
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गुस्ताखियां
बढ़ो बढ़ाओ हद कदमों की,
हालातों पर वार करें।
जिसने अर्पण किये शब्द सुर,
आओ उससे प्यार करें।
झनक उठी बन झंकार वीणा की,
हम सब उसका सत्कार करें।