Nojoto: Largest Storytelling Platform

New आदेशानुसार Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about आदेशानुसार from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, आदेशानुसार.

    PopularLatestVideo

Simran kaur

#GodMorningSaturday जो व्यक्ति पुर्ण परमात्मा कबीर साहेब की संत रामपाल जी महाराज के आदेशानुसार भक्ति करता है । उनका घर मिनी सतलोक बन जाता है #nojotophoto #विचार

read more
 #GodMorningSaturday
जो व्यक्ति पुर्ण परमात्मा कबीर साहेब की संत रामपाल जी महाराज के आदेशानुसार भक्ति करता है ।
उनका घर मिनी सतलोक बन जाता है

N S Yadav GoldMine

{Bolo Ji Radhey Radhey} वैदिक आदेशानुसार :- आततायी छ: प्रकार के होते हैं, (1) विष देने वाला, (2) घर में अग्नि लगाने वाला, (3) घातक हथियार #सस्पेंस

read more
mute video

Vijay Tyagi

Pic credit- samsung glance wallpaper अनीता विजयवर्गीय आदेशानुसार लो कलम उठ गई....🙏 Pic credit - Samsung glance wallpaper #yqbaba #yqdidi #yqtales #yqdada #yqhindi #yqquotes #maasharatti #माशारत्ती

read more
शायरी शायर की जब तलक जवाँ रहती है
उमरदराज़ी चेहरे से तब तलक हवा रहती है
झुर्रियां पेशानी पे आ-आकर थक गई
जोश-ए-जवानी यूँ ही रगों में रवां रहती है Pic credit- samsung glance wallpaper
अनीता विजयवर्गीय आदेशानुसार लो कलम उठ गई....🙏

Pic credit - Samsung glance wallpaper

#yqbaba #yqdidi

Nirbhay Mishra AAP

आवश्यक सूचना ---------------------------------------- हमारे देश के माननीय प्रधानमंत्री जी के आदेशानुसार सभी बड़े, छोटे भाइयों, बहनो से विनम्

read more
आवश्यक सूचना
----------------------------------------
हमारे देश के माननीय प्रधानमंत्री जी के आदेशानुसार सभी बड़े, छोटे  भाइयों, बहनो से विनम्र निवेदन है कि दिन रविवार दिनांक 22 / 03 / 2020 को अपने घर के अन्दर ही रहे  व बाहर न निकले तथा ऐसा करने के लिए दूसरों को भी प्रेरित करे। इस भयानक बीमारी से खुद भी बचे और दूसरों को भी बचाएं।
हम आपके आभारी रहेंगे।
लखनऊ आवश्यक सूचना
----------------------------------------
हमारे देश के माननीय प्रधानमंत्री जी के आदेशानुसार सभी बड़े, छोटे  भाइयों, बहनो से विनम्

Shraddha kamble

युद्ध वाजलाय शंख युदधाचा प्रारंभ झालाय जिवघेण्या महामारीचा गेलय हादरुण जग सारं पडलाय भला मोठा प्रश्न?? घेऊनी विद्येची साथ होत आहे चाचणी

read more
युद्ध

वाजलाय शंख युदधाचा
प्रारंभ झालाय जिवघेण्या महामारीचा
गेलय हादरुण जग सारं
पडलाय भला मोठा प्रश्न??
घेऊनी विद्येची साथ
होत आहे चाचणी
परंतु
मनात टोचत आहे
भली मोठी टोचणी

विश्वव्यापी पसरलेल्या
या शितयुद्धात 
लाखो होत आहे बळी
अनेकांचे मृतदेह मिळत नाही
कुटुंबीयांच्या घरी 

शस्त्रविरहीत या शितयुध्दात
पुठे काय होणार कोणास ठाऊक??
शासनाने दीलेल्या आदेशानुसार
आपण आपलं कर्तव्य पाळु.. युद्ध

वाजलाय शंख युदधाचा
प्रारंभ झालाय जिवघेण्या महामारीचा
गेलय हादरुण जग सारं
पडलाय भला मोठा प्रश्न??
घेऊनी विद्येची साथ
होत आहे चाचणी

Vinni Gharami

कद छोटा रंग गोरा घनी दाढ़ी मुख पर, दारुण खुशी मिलती हैं मुझे उसके सुख पर। रक्त संबंध ना सही लेकिन उससे भी बढ़कर है वो, रमजान के रोजे के बाद #vinni_gharami #dedicated_to_my_sweet_bhai_luv_u_amir_bhai😘😘

read more
 कद छोटा रंग गोरा घनी दाढ़ी मुख पर,
दारुण खुशी मिलती हैं मुझे उसके सुख पर।

रक्त संबंध ना सही लेकिन उससे भी बढ़कर है वो,
रमजान के रोजे के बाद

yogesh atmaram ambawale

आमचे कर्तव्य संपले #withcollabratingYourQuoteAndMine #yqtaai #घंटानाद #टाळ्या #जनताकर्फ्यू #yqmarathi #मराठीलेखणी आम्ही सुजाण नागरिक !!! क

read more
ज्याची भीती होती तेच झालं,
संध्याकाळी ५ नंतर मोकळं रान झालं.
😔😞😒

(लेख मोठा आहे तरी वाचा) आमचे कर्तव्य संपले
#withcollabratingyourquoteandmine #yqtaai #घंटानाद #टाळ्या #जनताकर्फ्यू  #yqmarathi #मराठीलेखणी 
आम्ही सुजाण नागरिक !!!
क

Ravendra

पीएम किसान योजना अन्तर्गत सभी छूटे पात्र किसानों का होगा सर्वे, मिलेगी सम्मान निधि : डीएम बहराइच 06 मई। जिलाधिकारी डॉ दिनेश चन्द्र के निर #न्यूज़

read more
mute video

Vikas Sharma Shivaaya'

🚩🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️ 🙌🚩🔱 मां जगदम्बे🔱हमेशा हमारा आपका मार्गदर्शन करती रहे..., 📖✒️जीवन की पाठशाला 📙 🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी म #समाज

read more
🚩🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️
 🙌🚩🔱 मां जगदम्बे🔱हमेशा हमारा आपका मार्गदर्शन करती रहे...,

📖✒️जीवन की पाठशाला 📙

🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹

नवरात्र के छठे दिन मां दुर्गा का      स्वरूप:मां कात्यायिनी

नवरात्रि में छठ पर्व के दौरान भी माता कात्यायिनी की पूजा का विधान है- कात्यायिनी को माता दुर्गा का एक रूप माना जाता है...,
 
-मां दुर्गा की छठी विभूति हैं मां कात्यायनी-शास्त्रों के मुताबिक जो भक्त दुर्गा मां की छठी विभूति कात्यायनी की आराधना करते हैं मां की कृपा उन पर सदैव बनी रहती है- शास्त्रों में माता षष्ठी देवी को भगवान ब्रह्मा की मानस पुत्री माना गया है- इन्हें ही मां कात्यायनी भी कहा गया है, जिनकी पूजा नवरात्रि में षष्ठी तिथि के दिन होती है। षष्ठी देवी मां को ही पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में स्थानीय भाषा में छठ मैया कहते हैं, छठी माता की पूजा का उल्लेख ब्रह्मवैवर्त पुराण में भी मिलता है...,

-उत्तरप्रदेश के मथुरा के निकट वृंदावन के भूतेश्वर स्थान पर माता के गुच्छ और चूड़ामणि गिरे थे- इसकी शक्ति है उमा और भैरव को भूतेश कहते हैं, यहीं पर आद्या कात्यायिनी मंदिर, शक्तिपीठ भी है जहां के बारे में कहा जाता है कि यहां पर माता के केश गिरे थे। वृन्दावन स्थित श्री कात्यायनी पीठ ज्ञात 51 पीठों में से एक अत्यन्त प्राचीन सिद्धपीठ है...,

-विजयादशमी का पर्व माता कात्यायिनी दुर्गा द्वारा महिषासुर का वध करने के कारण मनाया जाता है जो कि श्रीराम के काल के पूर्व से ही प्रचलन में रहा है, इस दिन अस्त्र-शस्त्र और वाहन की पूजा की जाती है...,

मंत्र:ॐ देवी कात्यायन्यै नमः॥

-ऋषि कात्यायन की पुत्री ही कात्यायनी थीं-कात्यायन ऋषि को विश्वामित्रवंशीय कहा गया है- स्कंद पुराण के नागर खंड में कात्यायन को याज्ञवल्क्य का पुत्र बतलाया गया है- उन्होंने 'श्रौतसूत्र', 'गृह्यसूत्र' आदि की रचना की थी...,

श्लोक:
चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहन। 
कात्यायनी शुभं दद्याद्देवी दानवघातिनी ॥
ॐ ह्रीं नम:।।'

-कहते हैं कि सिद्ध संत श्रीश्यामाचरण लाहिड़ीजी महाराज के शिष्य योगी 1008 श्रीयुत स्वामी केशवानन्द ब्रह्मचारी महाराज ने अपनी कठोर साधना द्वारा भगवती के प्रत्यक्ष आदेशानुसार इस लुप्त स्थान पर स्थिति इस श्रीकात्यायनी शक्तिपीठ जो राधाबाग, वृन्दावन नामक पावनतम पवित्र स्थान पर स्थित है का पुर्ननिर्माण कराया था...!

Affirmations:
76.इस साल मै परिवर्तन के लिए मानसिक कार्य करूँगा ...,
77.मै सारी जीवित वस्तुओं से जुड़ा हुआ हूं...,
78.मै जीवन में नए द्वारा खोलता हूं...,
79.मेरे सब अनुभव मेरे लिए सही है...,
80.मै दूसरे लोगों को उन्ही की तरह रहने देता हूँ.. ,

बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गई की दूरी और मास्क 😷 है जरूरी ....सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ....!
🙏सुप्रभात 🌹
आपका दिन शुभ हो 
विकास शर्मा'"शिवाया" 
🔱जयपुर -राजस्थान 🔱

©Vikas Sharma Shivaaya' 🚩🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️
 🙌🚩🔱 मां जगदम्बे🔱हमेशा हमारा आपका मार्गदर्शन करती रहे...,

📖✒️जीवन की पाठशाला 📙

🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी म

N S Yadav GoldMine

#City बहुत से भक्तों के मन में यह प्रश्न होता हैं कि केदारनाथ मंदिर का निर्माण किसने किया या केदारनाथ की कहानी क्या हैं पढ़िए इससे जुड़ी कथा ! #पौराणिककथा

read more
बहुत से भक्तों के मन में यह प्रश्न होता हैं कि केदारनाथ मंदिर का निर्माण किसने किया या केदारनाथ की कहानी क्या हैं पढ़िए इससे जुड़ी कथा !! 🎪🎪 
{Bolo Ji Radhey Radhey}
केदारनाथ धाम :-  🚩 केदारनाथ धाम 2013 में आई प्राकृतिक आपदा के बाद से सैलानियों के बीच अत्यधिक प्रसिद्ध हो चुका है। हालाँकि धार्मिक रूप से इसकी मान्यता पहले जैसी ही है। ऐसा इसलिए क्योंकि केदारनाथ 12 ज्योतिर्लिंगों में एक ज्योतिर्लिंग, पंच केदार में एक केदार एवं उत्तराखंड के चार छोटे धामों में से एक धाम है। अब बात करते है केदारनाथ के इतिहास की। बहुत से भक्तों के मन में यह प्रश्न होता हैं कि केदारनाथ मंदिर का निर्माण किसने किया या केदारनाथ की कहानी क्या हैं? इसलिए आज हम आपको केदारनाथ मंदिर का संपूर्ण इतिहास बताएँगे।

केदारनाथ मंदिर का इतिहास :-  🚩 महाभारत युद्ध के पश्चात पांडवों का पश्चाताप कुरुक्षेत्र की भूमि पर 18 दिनों तक लड़े गए महाभारत के भीषण युद्ध के बारे में भला कौन नही जानता। इस युद्ध में सभी रिश्तों की बलि चढ़ गयी थी फिर चाहे वह गुरु-शिष्य का रिश्ता हो या भाई-भाई का या चाचा-भतीजे का। 18 दिनों तक निरंतर कुरुक्षेत्र की भूमि कौरव व पांडवों की सेना के रक्त से लाल हो गयी थी।
(Rao Sahab N S Yadav}
🚩 महाभारत का युद्ध समाप्त होने के पश्चात विजय तो अवश्य ही पांडवों की हुई थी लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी क्योंकि उन्होंने भी बहुत कुछ खो दिया था। युद्ध समाप्ति के कुछ समय बाद, जब सभी पांडव भगवान श्रीकृष्ण के साथ बैठकर युद्ध के परिणामों व प्रभावों के बारे में चर्चा कर रहे थे तब श्रीकृष्ण ने उन्हें पश्चाताप करने को कहा। श्रीकृष्ण के अनुसार पांडवों के ऊपर ब्रह्महत्या, गौत्रहत्या, कुलहत्या, गुरुहत्या इत्यादि कई पाप चढ़ चुके थे। इसके लिए उनका प्रायश्चित करना आवश्यक था। पांडवों ने इसका उपाय पूछा तो श्रीकृष्ण ने बताया कि उन्हें इन पापों से मुक्ति केवल भगवान भोलेनाथ ही दे सकते हैं। इसके पश्चात, सभी पांडव भगवान श्रीकृष्ण की आज्ञा से भगवान शिव से मिलने काशी नगरी की ओर चले गए।

पांडवों के द्वारा भगवान शिव की खोज :- 🚩 श्रीकृष्ण के आदेशानुसार सभी पांडव भगवान शिव की नगरी काशी (बनारस या वाराणसी) पहुंचे। हालाँकि भगवान शिव को पांडवों के उनसे मिलने आने की सूचना पहले ही मिल चुकी थी लेकिन वे उनसे मिलना नही चाहते थे। भगवान शिव पांडवों के द्वारा किये गए ब्रह्महत्या व गौत्रहत्या के पाप से अत्यधिक क्रोधित थे, इसलिए वे पांडवों से बिना मिले ही वहां से चले गए। पांडवों ने काशी नगरी में भगवान शिव को हर जगह ढूंढा लेकिन वे उन्हें नही मिले। इसके बाद सभी पांडव हिमालय के पहाड़ों पर बसे उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में चले गए। भगवान शिव भी पांडवों से छुप कर यहीं आये थे।

भगवान शिव ने लिया बैल रुपी अवतार :- 🚩 जब भगवान शिव ने पांडवों को अपने पीछे-पीछे गढ़वाल क्षेत्र की ओर बढ़ते हुए देखा तो उन्होंने इसका एक उपाय निकाला। वहां पहाड़ों के बीच कई पशु घास के मैदान में चर रहे थे। भगवान शिव उन पशुओं के बीच में गए और बैल रुपी अवतार ले लिया ताकि पांडव उन्हें पहचान ना पाए। भीम ने पकड़ा भगवान शिव के बैल रुपी अवतार को गढ़वाल के पहाड़ों पर भी पांडवों ने भगवान शिव को हर जगह ढूंढा लेकिन वो उन्हें नही मिले। अंत में महाबली भीम को एक उपाय सूझा और उसने अपना शरीर पहाड़ों से भी बड़ा कर लिया। उसने अपना एक पैर एक पहाड़ी पर और दूसरा पैर दूसरी पहाड़ी पर टिकाया और गहनता से महादेव को ढूंढने लगा।

🚩 भीम के विशालकाय रूप को देखकर पहाड़ों के सभी पशुओं में हलचल पैदा हो गयी और वे इधर-उधर भागने लगे लेकिन एक बैल अपनी जगह पर स्थिर खड़ा रहा। उस बैल पर भीम के विशालकाय रूप का कोई प्रभाव नही दिखा। यह देखकर भीम समझ गया कि यहीं बैल महादेव का रूप है जो बैल का अवतार लेकर हमसे छिप रहे हैं। महादेव को भी पता चल गया कि भीम ने उन्हें पहचान लिया है। यह देखकर वे बैल रुपी अवतार के साथ धरती में समाने लगे। भगवान शिव के बैल अवतार को धरती में समाते देख भीम तेजी से उनकी ओर लपका और बैल की पीठ अपने हाथों से जकड़ ली।

🚩 भीम के द्वारा बैल की पीठ अपने हाथों में जकड़े जाने के कारण वह वही पर रह गयी जबकि बैल के अन्य चार भाग उत्तराखंड के चार अन्य स्थलों पर निकले। आज उन्हीं स्थलों पर चार अन्य केदार हैं। इनमें भगवान शिव के बैल रुपी अवतार का मुख रुद्रनाथ में, भुजाएं तुंगनाथ में, नाभि मद्महेश्वर में व जटाएं कल्पेश्वर में प्रकट हुई थी। इन्हीं पाँचों जगहों को सम्मिलित रूप से पंचकेदार के नाम से जाना जाता हैं।

केदारनाथ मंदिर किसने बनवाया :- 
🚩 भीम के द्वारा भगवान शिव के बैल अवतार की पीठ पकड़े जाने के बाद वह वही रह गयी थी। जब उन्हें बैल के बाकि चार अंग चार अन्य स्थानों पर प्रकट होने का ज्ञान हुआ तब उन्होंने शिव की महिमा को समझ लिया। इसके बाद पांडवों के द्वारा ही इन पाँचों जगहों पर शिवलिंग की स्थापना कर शिव मंदिरों का निर्माण करवाया गया। इससे भगवान शिव सभी पांडवों से अत्यधिक प्रसन्न हुए और उन्हें सभी पापों से मुक्त कर दिया।

🚩 हालाँकि इसके बाद पांडवों के पोते जन्मेजय ने केदारनाथ मंदिर के निर्माण को और आगे बढ़ाया और यहाँ आम लोगों को पूजा करने की अनुमति प्रदान की। इसलिए केदारनाथ मंदिर के निर्माण में जन्मेजय का भी योगदान था। समय के साथ-साथ पांडवों के द्वारा बनाया गया यह मंदिर जर्जर हो गया व कई जगह से क्षतिग्रस्त हो गया। फिर जब भारत की भूमि पर आदि शंकराचार्य ने जन्म लिया तब उनके द्वारा संपूर्ण भारत भूमि की पैदल यात्रा की गयी व चारों दिशाओं में चार धाम की स्थापना की गयी।

🚩 तब आदि शंकराचार्य ने ही इस केदारनाथ मंदिर का पुनः निर्माण करवाया था जिसे आज हम देखते हैं। इसके बाद अपने जीवन के अंतिम समय में आदि शंकराचार्य ने इसी केदारनाथ मंदिर के पास ध्यान लगाया था व समाधि ले ली थी। उनकी समाधि आज भी केदारनाथ मंदिर के पास में ही स्थित है। फिर दसवीं से तेरहवीं शताब्दी के बीच कई भारतीय राजाओं ने मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया था।

🚩 हालाँकि 2012 में आई भीषण प्राकृतिक आपदा के बाद केदारनाथ मंदिर के आसपास के ढांचे को बहुत क्षति पहुंची थी। इस प्राकृतिक आपदा में आदि शंकराचार्य की समाधि भी बह गयी थी। इसके बाद भारत व उत्तराखंड की सरकारों के द्वारा केदारनाथ धाम, आदि शंकराचार्य की समाधि व उसके आसपास के स्थलों को पुनः ठीक करवा कर उसे नवीन रूप दिया गया।

©N S Yadav GoldMine #City बहुत से भक्तों के मन में यह प्रश्न होता हैं कि केदारनाथ मंदिर का निर्माण किसने किया या केदारनाथ की कहानी क्या हैं पढ़िए इससे जुड़ी कथा !
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile