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Alok Vishwakarma "आर्ष"

वाद्याविच्छिन्न बजता सुदुर,
भृत प्रेयसी के लव प्रचुर ।
बसती हृदय वृन्दा मधुर,
झूमे पहन झंकृत नुपुर ।।
वसुधा विलिन कर संगिनी,
मनमीत दिव पुर पग धरे ।
सलिला सिमर अर्द्धांगिनी,
बह आर्ष संग अमृत झरे ।। "वृन्दा का सौंदर्य"
शब्दहीन भावों से ओतप्रोत, एक सारगर्भित व अलभ्य कविता..

Much Love..
💝💕🌹💕💝

#dedicated #alokstates #vrindasays #lovequote

"वृन्दा का सौंदर्य" शब्दहीन भावों से ओतप्रोत, एक सारगर्भित व अलभ्य कविता.. Much Love.. 💝💕🌹💕💝 #dedicated #alokstates #vrindasays lovequote #lovequotes #hindipoetry #yqdidi #endlesslove #infinitywriter

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vishnu prabhakar singh

तेरी मेरी राहें
पद चिह्न जुदा
गति तुम्हारी पहचान
ठहराव मेरा धर्म
विस्तार करते प्रयास
विचार मेरा अभ्यास
जुगत भरे क्षण
सूचक मेरा मन
लक्ष्य को समर्पित
मैं अलभ्य को अर्पित
व्यवस्था परक आचरण
आचरण परक व्यवस्था
मातहत दुनियादारी
मातहत राष्ट्रवादी
कुशल शिक्षा प्रमाण
यायावर होना पहचान
योगदान दे साधन
फक्कड़ मैं अभिवादन
योग्यता भरे व्यवहार
मेरा हर व्यवहार विचार
चौराहा करे प्रतीक्षा
मेरी भी है इच्छा
राहें हो जैसी
भारतीयता एक जैसी🇮🇳
🙏 आत्मा लक्ष्य का पूरक है।


तेरी मेरी राहें
पद चिह्न जुदा
गति तुम्हारी पहचान
ठहराव मेरा धर्म
विस्तार करते प्रयास

आत्मा लक्ष्य का पूरक है। तेरी मेरी राहें पद चिह्न जुदा गति तुम्हारी पहचान ठहराव मेरा धर्म विस्तार करते प्रयास #Collab #yqdidi #YourQuoteAndMine #तेरीमेरीराहें #विप्रणु

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अशेष_शून्य

°_श्रीरुद्राष्टकं_°
तुलसीदास कृत
"शिव रुद्राष्टकम्"
(रुद्र + अष्टक)
रुद्र ( शिव)
के आठ श्लोकों के समूह
में से अष्टम् श्लोक -🌸 ______________🌷ॐ🌷______________
हे कल्याणकारी परमेश्वर ! हे परमपिता ! तुम्हें नमन
_____________🌷🙏🌷______________
श्लोक ::- 
न जानामि योगं जप

______________🌷ॐ🌷______________ हे कल्याणकारी परमेश्वर ! हे परमपिता ! तुम्हें नमन _____________🌷🙏🌷______________ श्लोक ::- न जानामि योगं जप

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41d118899e30449d9543d6a98ff61ef7

N S Yadav GoldMine

राजन। इस प्रकार बहुत विलाप करके धर्मराज युधिष्ठिर फूट-फूट कर रोने लगे पढ़िए महाभारत !! 🌷🌷
महाभारत: स्‍त्री पर्व सप्त़विंष अध्याय: श्लोक 21-29 {Bolo Ji Radhey Radhey}
📜 अहो। आपने इस गूढ रहस्य को छिपाकर हम लोगों को मार डाला। कर्ण की मृत्यु से भाईयों सहित हमें बड़ी पीड़ा हो रही है। अभिमन्यु, द्रौपदी के पुत्र और पान्चालों के विनाश से और कुरूकुल इस पतन से हमें जितना दु:ख हुआ था उससे सौ गुना यह दु:ख इस समय मुझे अत्यन्त व्यथित कर रहा है। 

📜 अब तो मैं केवल कर्ण के ही शोक में डूब गया हूं, और इस तहर जल रहा हूं, मानो किसी ने जलती आग में रख दिया हो। यदि पहले ही यह बात मुझे मालूम हो गयी होती तो कर्ण को पाकर हमारे लिये इस जगत् में कोई स्वर्गीय वस्तु भी अलभ्य नहीं होती तथा कुरूकुल का अंत कर देने बाला यह घोर संग्राम भी नहीं हुआ होता। 

📜 राजन। इस प्रकार बहुत विलाप करके धर्मराज युधिष्ठिर फूट-फूट कर रोने लगे। रोते-रोते उन्होंने धीरे-धीरे कर्ण के लिये जलदान किया। यह सब सुनकर वहां एकत्र हुई सारी स्त्रियां जो वहां जलांजलि देने के लिये सब ओर खड़ी थीं सहसा जोर-जोर से रोने लगीं। 

📜 तदन्तर बुद्धिमान कुरूराज युधिष्ठिर ने भाई के प्रेम से कर्ण की स्त्रियों को परिवार सहित बुलवा लिया और उन सबके साथ रहकर उन धर्मात्मा बुद्धिमान धर्मराज युधिष्ठिर विधि पूर्वक कर्ण का प्रेत कृत्य सम्पन्न किया। तदन्तर वे बोले- मुझ पापी ने इस रहस्य को न जानने के कारण अपने बड़े भाई को मरवा दिया। 

📜 अतः आज से स्त्रियाँ के मन में कोई गुप्त रहस्य नहीं छिपा रह सकेगा। ऐसा कहकर ब्याकुल इन्द्रियों वाले राजा युधिष्ठिर गंगाजी के जल से निकले और समस्त भाईयों के साथ तट पर आये।। एन एस यादव।।
{Bolo Ji Radhey Radhey}
📜 स्त्रीपर्व  सम्पूर्ण।।

©N S Yadav GoldMine
  #Aurora राजन। इस प्रकार बहुत विलाप करके धर्मराज युधिष्ठिर फूट-फूट कर रोने लगे पढ़िए महाभारत !! 🌷🌷
महाभारत: स्‍त्री पर्व सप्त़विंष अध्याय: श्

#Aurora राजन। इस प्रकार बहुत विलाप करके धर्मराज युधिष्ठिर फूट-फूट कर रोने लगे पढ़िए महाभारत !! 🌷🌷 महाभारत: स्‍त्री पर्व सप्त़विंष अध्याय: श् #पौराणिककथा

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41d118899e30449d9543d6a98ff61ef7

N S Yadav GoldMine

अब तो मैं केवल कर्ण के ही शोक में डूब गया हूं और इस तहर जल रहा हूं पढ़िए महाभारत !! 🌅

महाभारत: स्‍त्री पर्व  :- सप्त़विंष अध्याय: श्लोक 21-29 
{Bolo Ji Radhey Radhey}
📜 अहो। आपने इस गूढ रहस्य को छिपाकर हम लोगों को मार डाला। कर्ण की मृत्यु से भाईयों सहित हमें बड़ी पीड़ा हो रही है। अभिमन्यु, द्रौपदी के पुत्र और पान्चालों के विनाश से और कुरूकुल इस पतन से हमें जितना दु:ख हुआ था उससे सौ गुना यह दु:ख इस समय मुझे अत्यन्त व्यथित कर रहा है। 

📜 अब तो मैं केवल कर्ण के ही शोक में डूब गया हूं और इस तहर जल रहा हूं, मानो किसी ने जलती आग में रख दिया हो। यदि पहले ही यह बात मुझे मालूम हो गयी होती तो कर्ण को पाकर हमारे लिये इस जगत् में कोई स्वर्गीय वस्तु भी अलभ्य नहीं होती तथा कुरूकुल का अंत कर देने बाला यह घोर संग्राम भी नहीं हुआ होता। 

📜 राजन। इस प्रकार बहुत विलाप करके धर्मराज युधिष्ठिर फूट-फूट कर रोने लगे। रोते-रोते उन्होंने धीरे-धीरे कर्ण के लिये जलदान किया। यह सब सुनकर वहां एकत्र हुई सारी स्त्रियां जो वहां जलांजलि देने के लिये सब ओर खड़ी थीं सहसा जोर-जोर से रोने लगीं। 

📜 तदन्तर बुद्धिमान करूराज युधिष्ठिर ने भाई के प्रेम से कर्ण की स्त्रियों को परिवार सहित बुलवा लिया और उन सबके साथ रहकर उन धर्मात्मा बुद्धिमान धर्मराज युधिष्ठिर विधिपूर्वक कर्ण का प्रेत कृत्य सम्पन्न किया। 

📜 तदन्तर वे बोले- मुझ पापी ने इस रहस्य को न जानने के कारण अपने बड़े भाई को मरवा दिया। अतः आज से स्त्रियों के मन में कोई गुप्त रहस्य नहीं छिपा रह सकेगा। ऐसा कहकर ब्याकुल इन्द्रियों वाले राजा युधिष्ठिर गंगाजी के जल से निकले और समस्त भाईयों के साथ तट पर आये।

©N S Yadav GoldMine
  #humanrights अब तो मैं केवल कर्ण के ही शोक में डूब गया हूं और इस तहर जल रहा हूं पढ़िए महाभारत !! 🌅

महाभारत: स्‍त्री पर्व  :- सप्त़विंष अध्य

#humanrights अब तो मैं केवल कर्ण के ही शोक में डूब गया हूं और इस तहर जल रहा हूं पढ़िए महाभारत !! 🌅 महाभारत: स्‍त्री पर्व :- सप्त़विंष अध्य #पौराणिककथा

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5630dbc1df37c2b9f7066a5fed46ddbf

sandy

 #स्पर्श

वेदा हल्ली कुणाशी बोलायला मागत नव्हती.नेहमी आईबाबांबरोबर खूप गप्पा मारणारी वेदा गप्प गप्प राहू लागली होती.

वेदाचा वाढदिवस जवळ आला

#स्पर्श वेदा हल्ली कुणाशी बोलायला मागत नव्हती.नेहमी आईबाबांबरोबर खूप गप्पा मारणारी वेदा गप्प गप्प राहू लागली होती. वेदाचा वाढदिवस जवळ आला #story #nojotophoto

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00d4e343867ceb44a843cc68328df58c

Anita Saini

मैं कामिनी हूँ
मैं दामिनी भी
मैं स्त्री हूँ मैं सृष्टि भी
मैं श्रुति हूँ मैं स्मृति भी मैं तृप्ति हूँ मैं तृष्णा भी  
मैं प्रेम हूँ किंचित घृणा भी  
मैं उषा हूँ मैं निशा भी
मैं दशा भी हूँ दिशा भी 
मैं उत्त्पति हूँ मैं विकास भी

मैं तृप्ति हूँ मैं तृष्णा भी मैं प्रेम हूँ किंचित घृणा भी मैं उषा हूँ मैं निशा भी मैं दशा भी हूँ दिशा भी मैं उत्त्पति हूँ मैं विकास भी #yqbaba #YourQuoteAndMine #yqrestzone #collabwithrestzone #yqrz #rzpictureprompt #rzpicprompt3537

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Anil Siwach

|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 8 ।।श्री हरिः।। 6 – पूर्णकाम ‘तृष्णाक्षये स्वर्गपदं किमस्ति' 'देवाधिप की मुखश्री आज म्लान दीखती है!

|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 8 ।।श्री हरिः।। 6 – पूर्णकाम ‘तृष्णाक्षये स्वर्गपदं किमस्ति' 'देवाधिप की मुखश्री आज म्लान दीखती है!

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Anil Siwach

|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 8 ।।श्री हरिः।। 6 – पूर्णकाम ‘तृष्णाक्षये स्वर्गपदं किमस्ति' 'देवाधिप की मुखश्री आज म्लान दीखती है!

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Anil Siwach

|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 8 ।।श्री हरिः।। 12 - प्रार्थना का प्रभाव 'भगवान् यार्कशायर में हैं और दक्षिण ध्रुव में नहीं है?' वह

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Anil Siwach

|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 8 ।।श्री हरिः।। 12 - प्रार्थना का प्रभाव 'भगवान् यार्कशायर में हैं और दक्षिण ध्रुव में नहीं है?' वह

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