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HintsOfHeart.
"आ जाना प्रिय आ जाना! अपनी एक हँसी में मेरे आँसू लाख डुबा जाना! फैला वन में घन-अन्धकार, भूला मैं जाता पथ-प्रकार- जीवन के उलझे बीहड़ में दीपक एक जला जाना। सुख-दिन में होगी लोक-लाज, निशि में अवगुंठन कौन काज? मेरी पीड़ा के घूँघट में अपना रूप दिखा जाना। आ जाना प्रिय आ जाना!"¹ ©HintsOfHeart. #अज्ञेय #जन्मजयंती ( 07 March 1911) 1. सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय' - हिन्दी में अपने समय के सबसे चर्चित कवि, कथाकार, निबन्धकार,
Nojoto Hindi (नोजोटो हिंदी)
सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन "अज्ञेय" के कलम से प्रस्तुत है- जो पुल बनाएँगे वे अनिवार्यत: पीछे रह जाएँगे। सेनाएँ हो जाएँगी पार मारे जाएँग
Abhijeet
बिहार हूँ मै, ना तो मुझे अभिमान है न ही मै शर्मिंदा हूँ क्यूँकि, इतिहास का शुरुआत हूँ मै सीता की पावन जन्मभूमि हूँ मै मैत्रेयी का अद्भुत ज्ञान हूँ मै चाणक्य सा कूटनीतिज्ञ हूँ मै अशोक का साम्राज्य हूँ मैं आर्यभट्ट का शून्य हूँ मैं Full poem in caption.... -© अभिजीत #NojotoQuote बिहार हूँ मै, ना तो मुझे अभिमान है न ही मै शर्मिंदा हूँ क्यूँकि, इतिहास का शुरुआत हूँ मै सीता की पावन जन्मभूमि हूँ मै मैत्रेयी का अद्भु
Deepak Kanoujia
प्रेम सहेजो तुम जैसे वर्षों से सहेजे गए कंगन किसी नववधू के जैसे सहेजा गया कोई मोती किसी सीप में जैसे सहेजी गयी कुछ सेल्फियां और तस्वीरें वर्षों तक... प्रेम मुझसे जैसे कस्तूरी कोई किसी मृग की, होता हूँ तुझमें ही और रहूँगा तुझमें ही कहीं... ना मांगो इसे स्वर्ण मृग समझ कोई ना भेजो किस
Somya Baranwal
बिहार हूँ मैं Please read caption बिहार हूँ मै, ना तो मुझे अभिमान है न ही मै शर्मिंदा हूँ क्यूँकि, इतिहास का शुरुआत हूँ मै सीता की पावन जन्मभूमि हूँ मै मैत्रेयी का अद्भु
Divyanshu Pathak
मैं भारतीय जीवनशैली के वैभवशाली इतिहास में यहाँ की मिट्टी और पर्यावरण का विशेष योगदान मानता हूँ।आज हम प्रकृति के सामीप्य का ढोंग तो करते हैं लेकिन हमें ये पता नहीं होता कि ऋतुओं के अनुरूप पथ्य और अपथ्य क्या है?पहला सुख निरोगी काया तो सब जानते हैं। फिर भी भक्ष्य और अभक्ष्य का भेद भुलाकर "स्वाद" के ग़ुलाम हो नए रोगों को निमंत्रण देते हैं। घी- संक्रान्ति की हार्दिक शुभकामनाएं आपको। माननीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की पुण्यतिथि पर उनको सादर नमन। "भादवे का घी" भाद्रपद मास आते आते घास पक जाती है। जिसे हम घास कहते हैं। वह वास्तव में अत्यंत दुर्लभ #औषधियाँ हैं। इनमें धामन जो कि गायों को