Find the Latest Status about लिक्विड नाइट्रोजन from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, लिक्विड नाइट्रोजन.
Rajesh Khanna
बड़ी बड़ी खोज लगाई थी तेरे ऊपर अभी तक 4 निकले हैं अभी तो research जारी है देखते हे नाइट्रोजन में आक्सीजन कितना मिलाते हैं ©Rajesh Khanna #scienceday नाइट्रोजन
MD Rashid
दुनिया का सबसे महंगा लिक्विड आंसू होता है! जिसमे १%पानी और ९९% फीलिंग होता है!!!! ©MD Rashid दुनिया का सबसे महंगा लिक्विड 😥😢
Ashtvinayak
A kholi S
दुनिया का सबसे महंगा लिक्विड आंसू होता है l इसमें 1% पानी और 99% फीलिंग होती है l मथुरा बिंद्राबन में घूमते हुए राधे-राधे l
Motivational Vipul Sahani video
kaushik
"सफेद रंग नहीं बेरंगा" सब रंगों में घुल मिल जाए वो है रंग सफेद -कौशिक दवे Caption में पढ़ें 👇👇👇👇👇 "सफेद रंग नहीं बेरंगा" सब रंगों में घुल मिल जाए वो है रंग सफेद सफेद रंग को समझो तो मानो दूध जैसा सफेद
Divyanshu Pathak
"Sweet sixteen" षोडषी अथवा स्वीट सिक्सटीन की अवधारणा इसलिए महत्वपूर्ण है कि जन्म के बाद प्रतिवर्ष एक-एक कला का पूर्ण विकास होता है। सोलह वर्ष में सभी सोलह कलाएं पूर्ण विकास को प्राप्त कर लेती हैं। एक और तथ्य महत्वपूर्ण है कि इस षोडषी पुरूष में तीन पुरूष रहते हैं- अव्यय, अक्षर और क्षर। इसमें अव्यय आलम्बन है, किसी कार्य-कारण भाव में नहीं आता। अक्षर निमित्त कारण है। अक्षर पुरूष स्वयं समष्टि रू प है। उसमें से व्यष्टि भाव में जीव और जड प्रादुर्भूत होते हैं। अत: अक्षर पुरूष ईश्वर कहलाता है। स्वयं अव्यक्त है, अदृश्य रहता है। ये अतिसूक्ष्म तत्व जब घनभाव में आता है तब यही व्यक्त होकर क्षर पुरूष कहलाता है। विश्व क्षर रू प है। इसको ये अक्षर गतिमान रखता है। क्षर पदार्थ के स्वरूप से जुडा हुआ समवायी कारण है। 🕉😁🔯🌷🤗😀😀💮💐💠🌻🏵🌺🚺🏵🌹🏵😃😊😊🕉💮 आधुनिक पश्चिमी वैज्ञानिक भी मानते हैं कि शरीर में भी प्रमुखत: सोलह तत्व हैं- आक्सीजन हाइड्रोजन (यद्रुजन यानी बहती हु
Kautilya
तारे क्यों गिरते हैं? दरअसल, जिसे हम टूटते तारे के रूप में देखते हैं, वह हमारी कक्षा में भरने वाले क्षुद्रग्रहों के छोटे-छोटे टुकड़े हैं। नाइट्रोजन, ऑक्सीजन और अन्य गैसों से युक्त वायुमंडल की आसपास की परतों के खिलाफ तेजी से उड़ने वाले पिंड के घर्षण के कारण। पिंड या तो सीधे पृथ्वी पर गिर सकते हैं या पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करने के लिए इतने करीब से उड़ सकते हैं। दूसरे मामले में, शरीर पृथ्वी के वायुमंडल को छोड़ने और दहन के माध्यम से अपना कुछ द्रव्यमान खोते हुए अपनी यात्रा जारी रखने में सक्षम है। पहले मामले में, यदि पिंड पूरी तरह से जलने और पृथ्वी की सतह तक पहुंचने में विफल रहता है, तो इसे उल्कापिंड कहा जाएगा। ©Kautilya तारे क्यों गिरते हैं? दरअसल, जिसे हम टूटते तारे के रूप में देखते हैं, वह हमारी कक्षा में भरने वाले क्षुद्रग्रहों के छोटे-छोटे टुकड़े हैं।