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Himmu Maan
मै लवंडा मुखिया का वो ठहरी पंडताएन वो हमसे इश्क़ करने की इजाजत मांगती मैं कहता पहले मेरी मइया से पूंछ आइन मान🖤 #मै लवनदा मुखिया का 🙏🙏🙏
OMG INDIA WORLD
प्रकृति की गोद में #चरित्रहीन स्त्री और पुरूष के लिए बहुत ही सुन्दर रचना दो मिनट का समय निकालकर एक बार आवश्य पढ़े ! स्त्री तबतक 'चरित्रहीन' नहीं हो सकती जबतक कि पुरुष चरित्रहीन न हो। संन्यास लेने के बाद गौतमबुद्ध ने अनेक क्षेत्रों की यात्रा की। एक बार वे एक गांव गए। वहां एक स्त्री उनके पास आई और बोली आप तो कोई राजकुमार लगते हैं। क्या मैं जान सकती हूँ कि इस युवावस्था में गेरुआ वस्त्र पहनने का क्या कारण है ? बुद्ध ने विनम्रतापूर्वक उत्तर दिया कि तीन प्रश्नों के हल ढूंढने के लिए उन्होंने संन्यास लिया। बुद्ध ने कहा- हमारा यह शरीर जो युवा व आकर्षक है वह जल्दी ही वृद्ध होगा फिर बीमार व अंत में मृत्यु के मुंह में चला जाएगा। मुझे वृद्धावस्था, बीमारी व मृत्यु के कारण का ज्ञान प्राप्त करना है। बुद्ध के विचारो से प्रभावित होकर उस स्त्री ने उन्हें भोजन के लिए आमंत्रित किया। शीघ्र ही यह बात पूरे गांव में फैल गई। गांववासी बुद्ध के पास आए और आग्रह किया कि वे इस स्त्री के घर भोजन करने न जाएं क्योंकि वह चरित्रहीन है। बुद्ध ने गांव के मुखिया से पूछा- क्या आप भी मानते हैं कि वह स्त्री चरित्रहीन है ? मुखिया ने कहा कि मैं शपथ लेकर कहता हूं कि वह बुरे चरित्र वाली स्त्री है।आप उसके घर न जाएं। बुद्ध ने मुखिया का दायां हाथ पकड़ा और उसे ताली बजाने को कहा। मुखिया ने कहा- मैं एक हाथ से ताली नहीं बजा सकता क्योंकि मेरा दूसरा हाथ आपके द्वारा पकड़ लिया गया है। बुद्ध बोले इसी प्रकार यह स्वयं चरित्रहीन कैसे हो सकती है जबतक कि इस गांव के पुरुष चरित्रहीन न हो। अगर गांव के सभी पुरुष अच्छे होते तो यह औरत ऐसी न होती इसलिए इसके चरित्र के लिए यहाँ के पुरुष जिम्मेदार हैं l यह सुनकर सभी लज्जित हो गये लेकिन आजकल हमारे समाज के पुरूष लज्जित नहीं गौरवान्वित महसूस करते है क्योंकि यही हमारे "पुरूष प्रधान" समाज की रीति एवं नीति है l. ashish ©OMG INDIA WORLD #चरित्रहीन स्त्री और पुरूष के लिए बहुत ही सुन्दर रचना दो मिनट का समय निकालकर एक बार आवश्य पढ़े ! स्त्री तबतक 'चरित्रहीन' नहीं हो सकती जबतक
Sukhdev Panday
जो कमाकर पैसे लाता हो घर का मुखिया उसे ही होना चाहिए,पैसे की कीमत सिर्फ कमाने वाले को ही होती है। अन्यथा उस घर में दरिद्रता का ही निवास रहता है। ©Sukhdev Panday घर का मुखिया
Kaushal Kumar
घर का मुखिया घर का मुखिया अक्सर घर की, मर्यादा में रह जाता हैं। घर में सबकी सुनते-सुनते, अपनी कहता रह जाता हैं।। अक्सर खुद को आगे करके, जो सारा बीड़ा लेता है। जिसके मन में जोड़ भरा हो, तोड़ उसे पीड़ा देता है।। सर्दी, गर्मी, बारिश में जो, डटकर सदा खड़ा रहता है। उसका खुद का दर्द हमेशा, अंदर कहीँ पड़ा रहता है।। अंदर - अंदर चीख रही पर, बाहर लगता खेल रही है। कौन समझता है धरती को, कितनी पीड़ा झेल रही है।। हरा - भरा जो वृक्ष सदा से, फल, छाया देता आता है। टहनी सूखी हो जाने पर, जलने को काटा जाता है।। बोझ उठा लेने वाले पर, बोझ अधिक डाला जाता है। सदा सहज ढल जाने वाला, जगह-जगह ढाला जाता है।। रीत जगत की ऐसी ही है, जो जितना करता जाता है। वही अंत में उम्मीदों के, खंडन से मरता जाता है।। ............कौशल तिवारी . . ©Kaushal Kumar #घर का मुखिया
vipin prajapati Vicky
ज़रूरी है 👨👩👧👧घर का मुखिया👨👩👧👧 लेकर बोझ परिवार का अपने कभी नहीं वह रुखता है दुख संकट आ जाए कितना भी कभी मायूस नहीं दिखता है । 👨👩👧👧👨👩👧👧👨👩👧👧👨👩👧👧👨👩👧👧👨👩👧👧👨👩👧👧👨👩👧👧 घर के हर सदस्य का ध्यान वह खुद से ज्यादा रखता है पेट सभी का भरता है कभी खुद भूखे सो जाता है। 👨👩👧👧👨👩👧👧👨👩👧👧👨👩👧👧👨👩👧👧👨👩👧👧👨👩👧👧 छोटा हो या बड़ा सभी से एक जैसा व्यवहार करता है कभी भला तो कभी बुरा वह सबकी नजरों में बनता है । 👨👩👧👧👨👩👧👧👨👩👧👧👨👩👧👧👨👩👧👧👨👩👧👧👨👩👧👧 लेकर साथ परिवार को चलना यही इच्छा मन में रखता है घर के हर चीज का प्रबंध घर का मुखिया ही तो करता है। 👨👩👧👧👨👩👧👧👨👩👧👧👨👩👧👧👨👩👧👧👨👩👧👧👨👩👧👧👨👩👧👧 जय हिन्द⚔️🇮🇳 vp àrmy ⚔️🇮🇳 घर का मुखिया
Vineet Kumar Pathak
#मुखिया पर संसय# राजनीति करने की ताकत मुझमें नहीं रही है मां। ऐसा कर लो कोई नेता, मुझसे बेहतर ढूंढो मां ।मैं तो कहता हूं तुम से बेहतर कोई ना होगा। तुमने ही 10 वर्ष तलक पीएम को चुप रखा था मां|(vineet Pathak) #कांग्रेस का मुखिया कौन# #Forest
Prashant Mishra
उसके अंतर्मन में 'वो', कितना *बेज़ार हुआ होगा जब परिवार चलाने वाला, खुद बीमार हुआ होगा (बेज़ार- अप्रसन्न, खिन्न) *मुस्तकबिल की सोच के वो, कितना लाचार हुआ होगा उसके आगे जब उसका पौरुष बेकार हुआ होगा *(मुस्तकबिल- भविष्य) पाई-पाई जोड़ के वो, जिसकी हर ईंट सजाया था सबसे ज्यादा भारी उसपे, वो घर-बार हुआ होगा अनहोनी का ख़तरा जब महसूस हुआ होगा मन में आँखों के आगे 'उम्मीदों' का संघार हुआ होगा आँख मूँदकर सोया था पर नींद कहाँ आई होगी तकिया छुरी लगी होगी, बिस्तर तलवार हुआ होगा --प्रशान्त मिश्रा बीमार हुआ घर का मुखिया