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☺️Vishu☺️
आदर आणि अंगावरची चादर कुणाला देऊ नका आपणच उघडे पडतो अर्थ चा अनर्थ करू नका समजणार्यांना समजेल
likh_neeraj
• उहापोह सुबह से जिस सवाल का जवाब खोजकर थक गया वो मिला मुझे सड़क के किनारे रस्सी पर चलते पर हुए मैंने सोचा इन जिंदगियों में उसकी असल मात्रा इतनी कम है! मुझे थकते हुए इतनी जल्दी आश्वस्त नहीं होना चाहिए ©likh_neeraj #sadak उहापोह
S ANSHUL'यायावर'
उद्दद्वेलित मन,भटका जीवन खोजता है कुछ एकांत क्षण। बस हो एक सिगरेट, जिसमे हो जाये हम मगन। एक गिलास में हो चिल्ड रम, जो घोल ले मेरे सारे गम। जीवन की उहापोह से, अलग होजाये ये अंतरतम। अब बस छुटकारा देदो, हमे तमाम दुनियादारी से, जो बची है वो जिंदगी भी, हाथ से न कही जाये फिसल। #उहापोह #nojoto #life
Preeti Karn
मद्धिम सी रौशनी में सूई में धागे पिरोने जैसा ही रहा "प्रेम"!! अनिवार्यता या बाध्यता नहीं रही बस हाथ आने और छूटने की मृगतृष्णा सी। प्रीति #प्रेम_love #उहापोह #yqdidifeelings
Chintoo Choubey
कम पड़ जाते हैं शब्द मेरे ज़िन्दगी के बारे में लिखने को, यह वो अध्ययन है जो नया एहसास देती है, हर पल, कभी ज़िन्दगी खुशी देती है,कभी ग़म ही खाली, दु:ख देती है ज़िन्दगी, झकझोर देती है, मायाजाल की ऐसी ज़िन्दगी खाली नहीं छोड़ती, तुम जो सोंचोंगे, वो ज़िन्दगी ने सोंच रखा है, हिस्से तुम्हारे क्या है ये तय रखा है, फिर भी लालसा अपनी यही बनाए रखना, कि गुज़र गया वो वक्त अच्छा था, आनेवाला पल भी अच्छा होगा! जिंदगी की उहापोह
Mokshada mishra
mohabbat ki ahat ko aur ishq ki likhawat ko badal pana aasan nahi hai ae dost ज़रा सी समझ की फेर में अर्थ का अनर्थ कर देती हैं । कलम with mishraji ©Mokshada mishra अर्थ का अनर्थ #Morning
BANDHETIYA OFFICIAL
कलम कुंद,कला कुंठा, अकल मारी गयी,न उत्कंठा, गलत को गलत बोलने की क्षमता क्षय, सही को सही बोलने की ममता क्षय, गजब का उहापोह इस दौर है, है भी,ना भी,मोह इस दौर है। ©BANDHETIYA OFFICIAL उहापोह का दौर ! #baarish
Singh Manpreet
मैं तैनूँ दसना आवदे दिल दा वी ते तेरे दिल दा वी जानना हाल बैके. कि तूँ इस पागल दे लई टाईम कढेंगीं मैं चा पीनीया तेरे नाल बैकै. ©Singh Manpreet चा
दि कु पां
ज़रूर बेटा.. हां तुने मान रखने को हां तो कहा जीवन दे तुम्हें कोई मां बाप ने उपकार ना किया हां भरण पोषण सामर्थ्य अनुसार ज्ञान दे काबिल बनाया.. हर तुम्हारा अच्छा बुरा बचपन से लेकर इस अवस्था तक तुमको बतलाया.. आज दिखता कुछ गलत होगा तभी मना कर दिल तेरा दुखाया होगा.. इतना तो सोच तेरे हर कष्ट से तुझसे ज्यादा दर्द होता था उसे,, फिर आज कैसे तूझे वो तकलीफ़ देगा.. तेरा अच्छा जान ही तुझको मना किया होगा.. जीवन का उहापोह.. द्वंध रिश्तों का..
विवेक महेरे 'जनाब'
इश्क़ हूआ हे तुझे गर,तो जल्द इजहार कर। वर्ना ये ऊहापोह 'जनाब'रूलायगी तुझे उम्र भर।। ऊहापोह-असमंजस