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Rahul Ingale Patil
बोलली चंद्राची चंद्रकोर ©Rahul Ingale Patil बोलली चंद्राची #चंद्रकोर
Neophyte
तमाशबीनों के लिये हमें कठपुतली नही बनना है हम जो भी है,हमे नकली नही बनना है तुममे हौसला है तो हमे ऐसे ही गले लगाओ किसी के लिये मुझे गलत या सही नही बनना है नकली!
Eron (Neha Sharma)
मैं और मेरी नीली शर्ट अक्सर ये बाते करती हैं। इसमें लगे बटन जो है ना वो मेरा प्यार है जो विश्वास के धागे से बंधा है। देख लटककर ढीला न हो जाये कहीं बड़े प्यार से लिपटा है। मैं बड़े धैर्य की जो इस्त्री करता हूँ इस पर। वो तेरे क्रोध की जो सिकुड़न है उसे हटा देती है। मैं और मेरी नीली शर्ट अक्सर ये बातें किया करते हैं। शर्ट में लगे काज जीवन के परीक्षा रूपी झरोखे ठहरे। जिनमें से प्रेम रूपी बटन आसानी से निकल जाते हैं। तन पर कपड़ा ये नीले रंग का मेरा व्यवहार ठहरा जिसे नीले रंग में पिरोकर आसमान सा दिखने लगा है। जो कभी गरजकर कभी बरसकर, अपनी हर बात मनवा लेता है। घिसती भी है मेरी नीली शर्ट तो पुरानी जिंदगी की तरह नज़र आती है। जिसमें वक़्त के हर वो पहलू हैं जो मुझे तेरे प्रेम में और ज्यादा घेर लेते हैं। ©- नेहा शर्मा, दुबई UAE मेरी नीली शर्ट #नीली शर्ट
Sapan Kumar Ghosh
वो अक्सर रास्ते पे मिल जाती।निगाहे चार होती,पर बात न हो पाती।गोरे भरे गाल,नीली - नीली आंखे। जींस टॉप में कसा बदन,मुझे जन्नत की हूर लगती।कैसे बात शुरू करू ?कोई जतन काम न आया।रोज के मुलाकात से ढांढस मिलता, उत्साह बढ़ता।उसकी नीली आंखों में खो जाने को आतुर रहता।सारा दिन उसी की याद में मगन रहता।हिम्मत करके उसे प्रेम पत्र थमा आया।सारी रात वो मेरे सपनों में आती रही।मेरी बाहों में सोती रही।अगले दिन से मेरे जीवन मैं बहार आने वाली थी ।ये तो महज एक सपना था।हकीकत में गोरे,भरे बदन की अप्सरा; नीली आंखों वाली जन्नत मेरी होने वाली थी। भोर में ही जाग गया।तैयार होकर निकल पड़ा।दो घंटे रास्ते नापने के बाद मेरी जिंदगी नज़र आ ही गई।आज वो सुर्ख गुलाब सी नजर आ रही थी। आ.. हा..,मेरी स्वपन राजकुमारी ! इसे देख कर दोस्त सब जल मरेंगे।गोरे रंगत पे गुमान करने वाली, सारी भाभी अंगूठा रगड़ - रगड़ के अपने खून को जलाएंगी।आने वाले पल में वो मेरी हमदम,मेरी जान और मेरी महबूबा होगी।मैं उसको देखकर मुसकुराया।पर...वो संयत रही।कोई भी खुशी के भाव उसके चेहरे से नदारत थी।वो मेरे पास आई और बोली," भैया...! इसकी जरूरत मुझे नही है।इस पर हक किसी और का होगा। मैं तो इस खुश्क रास्ते से गुजर चुकी हूं...और वर्तमान में एक पति तथा दो बच्चों की मां भी बन चुकी हूं।" थोड़ी ही दूर पर एक उभरी तोंद वाला,सर पर गिने चुने बालों को ऐसे सहेज रहा था... मानो कई दिनों से भूखा - प्यासे को बिरयानी ले जाने का ऑफर मिला हो।ये क्या से क्या हो गया।मेरी बात बनते - बनते बिगड़ गई।कहा हुस्न की मल्लिका से शुरुआत हुई थी...एक गंजे की बीबी और दो बच्चों की मां पर खत्म हो गई। ©Sapan Kumar Ghosh # Poetry month नीली - नीली आंखे।
Shreya Subharya
वो शाम अंधेरी नहीं कुछ सांवली सी थी आसमान साफ था रास्ते धुंधली सी थी।। वो चांद जो ठहरा था आसमान कि गोद में हाथों तले आसमान की छोटी उंगली सी थी।। इंसान तो हठठे कठठे से थे पर उनकी सोच कुछ दुबली सी थी।। वो सादे से दिल की छाया कुछ बदली बदली सी थी।। उनकी अच्छाई का तो पता नहीं पर उनकी बुराइयां कुछ असली सी थी।। वो दिखते तो बहुत सीधे से थे पर उनकी आंखे कुछ जंगली सी थीं।। पूरी काया तो बदल ली किसी सहारे पर रूह अभी भी कुछ नकली सी थी।। #नकली
Akanksha Kelkar
साक्ष चंद्राची मनाने मनाशी एकरूप व्हावे नकळत तुझे नाव ओठी यावे तुझ्यासवे वाटे चांदराती फिरावे शीतलशा चांदण्यात धुंद होऊन जावे नजरेत तुझ्या मला मीच दिसावे मिलनास आपुल्या चंद्राने साक्षी व्हावे ...... आकांक्षा केळकर ©Akanksha Kelkar #प्रेम #कविता #साक्ष #चंद्राची #moonlight
J P Lodhi.
छुपा लो असली चहरें को तुम लाख बार मगर, एक दिन असली चेहरा दुनियां के सामने होगा। #नकली चहरें**