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Komal Pardeshi
Komal Pardeshi
Komal Pardeshi
Prerit Modi सफ़र
2122 2122 2122 2 इश्क़ अब मैं, हद से ज्यादा तुझसे करता हूँ।। सच कहूँ अब मैं तुझे, खोने से डरता हूँ।। ये दरख्शाँ, ये चमक मेरी तुझी से है। मैं दिलों जाँ से सनम, तुझ पर ही मरता हूँ।। ग़म में पीने का मज़ा कुछ और होता है। क़तरा क़तरा मय को, अब साग़र में भरता हूँ ज़िन्दगी ने क्यों डराया हर दफ़ा मुझ को। तीरगी में होता हूँ, तो मैं सिहरता हूँ।। रहती हैं माँ की दुआएँ, साथ में हर दम। माँ लगाती है गले से, जब भी डरता हूँ।। तुम "सफ़र" खेतों में आकर के, कभी देखो। पेट के ख़ातिर, मैं महनत कितनी करता हूँ।। 2122 2122 2122 2 दरख्शाँ- प्रकाश से भरा हिद्दत- उष्णता, तीव्रता #gazal #yqbaba #yqdidi #shayari #सफ़र_ए_प्रेरित #philosophy #love
Sangeeta Patidar
तन्हाई मिली मुझ को ज़रूरत से ज़ियादा, पढ़ती हैं किताबें मुझे वहशत से ज़ियादा। भर गया दिल तो फ़ेर ली ज़माने ने नज़रें, मारती है ख़ामोशियाँ, दहशत से ज़ियादा। कोई क्या देगा, है हर कोई खोखला यहाँ, मिलती हैं नफ़रतें यहाँ चाहत से ज़ियादा। मजबूरियों की आड़ में मिली मुझे दूरियाँ, लगती हैं ज़िम्मेदारियाँ, नेमत से ज़ियादा। उँगली उठाने का वक़्त सबके पास 'धुन', जलाती हैं बेफ़िक्रियाँ, हिद्दत से ज़ियादा। हिद्दत- उष्णता, तपिश नेमत- उपहार Rest Zone 'काव्य सृजन' "तन्हाई मिली मुझ को ज़रूरत से ज़ियादा, पढ़ती है किताबें मुझे वहशत से ज़ियादा।
Anupama Jha
प्रश्न- उत्तर (कविता कैप्शन में) #YoPoWriMo#poem#YQdidi#YQbaba #प्रश्न उत्तर #पूछा एक दिन मैंने चाँद से कहते हैं तुम शीतल हो तो क्यूँ भर जाते हैं लोग देख तुम्हें उष्णता से
अम्बुज बाजपेई"शिवम्"
शीत के घात से भयभीत मन को, उष्णता का आभास कराती बसंत है। ठूंठ हो जड़ता के तिमिर को, हरित आभा से हटती बसंत है। जम कर गर्वित हो रहे तुच्छ हिमबिंदुओं कों, ताप से द्रवित कर भाप बनाती बसंत है निराशा से भरे मानव हृदय को, प्रकृति राग लगाती बसंत है। परिवर्तन सदैव हितकर ही होता है, इस बात को चित्त में बसाती बसंत है। शीत के घात से,भयभीत मन को उष्णता का आभास कराती बसंत है ठूंठ हो जड़ता के तिमिर को हरित आभा से हटती बसंत है जम कर गर्वित हो रहे तुच्छ हिमबिं
अभिलाष सोनी
अक़्सर शमा की ताबिश से ही परवाने पिघलते हैं। नूर-ए-चश्म की अदाओं से तो दूर से ही सँभलते हैं। ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ आज का शब्द है "ताबिश" "taabish" जिसका हिन्दी में अर्थ होता है तपन, उष्णता, ज्योति, प्रकाश, जगमगा
DR. SANJU TRIPATHI
तेरे इश्क की ताबिश से मेरी जिंदगी रोशन हो गई, जब से चाहने लगा तू मुझे मैं तेरे ही रंग में रंग गई। ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ आज का शब्द है "ताबिश" "taabish" जिसका हिन्दी में अर्थ होता है तपन, उष्णता, ज्योति, प्रकाश, जगमगा