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Viney Pushkarna
है यकीन एक दिन आएगा, शक्तिस्तम्भ जा दृढ़ निश्चय रंग लाएगा। हर व्यक्ति इसके बारे पूछेगा बतलायेगा। देखना मेरी भाइयो बहनो वो दिन भी जल्द ही आएगा। गुलामी का जब उतार मखौटा हर भारतीय संस्कृति हिंदी गायेगा, जन फेब को छोड़ चैत्र माघ मनाया जाएगा, सूर्य उदय से होगा नव दिवस, रात को न गुड मॉर्निंग बतलायेगा। तब हर व्यक्ति होगा नैतिक और नारी स्वाभिमान बचाएगा। तब नारी, बेटी यां छोटा बच्चा अकेले बाहर जाने से न घबराएगा। है विश्वास मेरा बिंदु पर निशाना लग जायेगा पुनः भारत का हर प्राणी गौरव संस्कार अपनाएगा वन्देमातरम शक्तिस्तम्भ परियोजना हेतु सम्पर्क करें 7355212966
Ravendra
entertainment intertenment&intertenment
सूखन-वरो ने खुद बना दिया सूखन को मज़ाक.. जरा सी दाद क्या मिली खिताब मांगने लगे! #राहत_इंदौरी कविता कोश भारतीय काव्य को एक जगह संकलित करने के उद्देश्य से आरम्भ की गई एक अव्यावसायिक, सामाजिक व स्वयंसेवी परियोजना है। #yqbab
Madhav Jha
बोहोत समझाया और किया मगर असम्मान मिला; उड़ चला अब पहल परियोजना के लिए कोलैब करें हिंदी कविता लिखें दस वाक्यों में **कृपया अनुशीर्षक (caption) में न लिखें** समय सीमा:- सुबह 10बजे से शाम 7ब
Madhav Jha
एक कशमकश अवरोधन जहां तथ्यों की तार्किकता भी विफल हो। कोलैब करें। पहल परियोजना के लिए हिंदी कविता लिखें 10 वाक्य में **कृपया अनुशीर्षक में न लिखें** समय सीमा :- 1 बजे से 7 बजे तक (6 घंटा)
KP EDUCATION HD
KP STUDY HD video editing apps for Android mobile apps ©KP STUDY HD सुनिश्चित करें कि आप अपने ऑनलाइन/ऑफ़लाइन आवेदन के साथ आगे बढ़ने से पहले मानदंडों को पूरा करते हैं। मुख्य विचार: नौकरी का नाम:मुख्य परियोजन
Ravendra
ई रिक्शा पलटा चालक हुआ घायल ©Ravendra ई रिक्शा के पलट जाने से चालक चोटहिल बाबागंज। पोषण सामग्री लेकर गांव जा रहा ई-रिक्शा पलट गया जिसमें रिक्शा चालक चोटहिल हो गया। ब्लॉक नवाबगंज
Divyanshu Pathak
विविक्तसेवी लघ्भाषी यतवाक्कायमानसः। ध्यानयोगपरो नित्यं वैराग्यं समुपाश्रित:।। (गी. अ.- 18,श्लोक - 52) पवित्र वातावरण में रह कर नित्य अपने शब्दों पर विचार करने वाला वैरागी मुझ पर आश्रित रहता है तो इस ध्यान से-- अहंकारं बलं दर्पं कामं क्रोधम् परिग्रहम्। विमुच्य निर्ममः शान्तो ब्रह्मभूयाय कल्पते।। (गी. अ.-18,श्लोक-53) अपने अहंकार ,बल,घमण्ड,काम और क्रोध को त्याग देने में सक्षम होता है और अपने शान्त व्यवहार से पृथ्वी पर मुझे पाता है। #हुलस_रहा_माँटी_का_कण_कण_उमड़_रही_रसधार_है_त्योहारों_का_देश_हमारा_हमको_इससे_प्यार_है_। भादों माह लगते ही हर दिन व्रत, पर्व, और उत्सव के रूप म