Nojoto: Largest Storytelling Platform

New अाम Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about अाम from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, अाम.

Related Stories

    PopularLatestVideo

Kala Rai

अामा #poem

read more
mute video

सुरज उदार तिम्सिना

मेरो अामा शिर्षक कविता मन परे लाईक/कमेन्टले स्वागत गर्नुहोला। #poem

read more
अामा
तिमि कहिले 
नअाउने संसारमा।
उडान भरेको नि नौ वर्ष 
थाहा नपाई बितेछ दिन बित्दै 
जादा कहिलेकाही त म अाफुलाई
शुन्यतामा पो मन रंग- तरंगमा तिमिलाई
मध्य रातको सुनसानमा सधैं घरको काममा
व्यस्त भएको झल्याकझुलुक्क सपनीमा देख्छु।

लेखक: सुरज उदार तिम्सिना मेरो अामा शिर्षक कविता मन परे लाईक/कमेन्टले स्वागत गर्नुहोला।

Rima Kc

अामा तिमी नै हौ इश्वर मेरो,धाउदिनँ कुनै मन्दिर  तिम्रो काख हो संसार मेरो,स्वर्गभन्दा पनि सुन्दर प्रेमको पवित्र गङ्गा हौ तिमी ,ममताकी खानी #nojotovideo

read more
mute video

Nojoto Hindi (नोजोटो हिंदी)

हुनर खुछ खास करनें मे नही किसी आम चीज को खास तरह से करने मे होता है | Shiprika Saxena Acharya की यह रचना किसी अाम चीज को खास में बदलने का सर #Hindi #nojotohindi #hindipoetry

read more
 हुनर खुछ खास करनें मे नही किसी आम चीज को खास तरह से करने मे होता है |
Shiprika Saxena Acharya की यह रचना किसी अाम चीज को खास में बदलने का सर

Lakhvir Singh Rathore"LKV"

 केरल में बाढ़ और बारिश से भयंकर तबाही हुई थी. पिछले कुछ दशकों में केरल में कभी बाढ़ की बात सुनी भी नहीं गई. राज्य में दक्षिण पश्चिमी मानसून

read more
  केरल में बाढ़ और बारिश से भयंकर तबाही हुई थी. पिछले कुछ दशकों में केरल में कभी बाढ़ की बात सुनी भी नहीं गई. राज्य में दक्षिण पश्चिमी मानसून

Shivank Shyamal

2) वो 12वें साल कुर्ते के पीछे, एक दाग का डर लगने लगता था। असहजता और मरोड़ का भूचाल सा आ जाता था , जांघ, पेट और आंत में पीड़ा का समंदर उफना #periods #कविता #menstruation #MenstrualHygieneDay #maahvari

read more
माहवारी

ये माहवारी कोई भ्रम नहीं है,
वो लड़की है इसमें कोई शर्म नहीं है ,
और हम ,उन मासिक धर्म पर उंगली उठाए,
ये हमारा धर्म नहीं है।।

1) की कक्षा 7 का प्रथम दिवस उसको याद आता था,
कि कई प्रयत्नों के बाद उसने अपना बैग लगाया था,
अश्रु वर्षा के मध्य , उसने मां को जब पुकारा था ,
कुछ हिचक कर, उसने फिर कुछ ना बताया था।।

प्रथम दिवस का सूर्य , ढलने को उतर रहा था ,
पर उसकी पीड़ा का उदय तो अब हो रहा था।
मुरझाए हुए चेहरे के साथ, उसने घर में प्रवेश किया ही था,
की मां को देख , अश्रु बांध टूट गया था।
read caption

©Shivank Shyamal 2) वो 12वें साल कुर्ते के पीछे,
एक दाग का डर लगने लगता था।
असहजता और मरोड़ का भूचाल सा आ जाता था ,
जांघ, पेट और आंत में पीड़ा का समंदर उफना
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile