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Devang shukla
Dear Anatomy Do us a favour Stay in our Memories forever. यार फर्स्ट सेमेस्टर तो पढ़ लिया है।दूसरा शुरू हुआ है, जो पहले से कठिन है, इस बार चढ़ जाइयो दिमाग में। Please Anatomy. #yqbaba #yqdidi #yqquo
Kumar Naresh
मनमौजी था मै पहले, हसी मज़ाक किया करता था, फिकर न थी किसी बात की, चाय और दोस्ती संग बकवास किया करता था । न चिंता, न थी फिकर किसी की, न किसी की यादें परेशान किया करती थी, बस सेमेस्टर एग्जाम्स का बोझ था, उसे भी दोस्तो संग ग्रुप स्टडीज में उड़ा दिया करता था । आज कॉलेज की दुनियां से निकला हूं, नीचे ज़मीन और ऊपर खुला आकाश है, मन में कुछ कर गुजरने की आस है, ये सब तो ठीक है पर, पहले एक जॉब की तलाश है। ज़िन्दगी की भाग दौड़ में सब बावले है, एक दूसरे से आगे निकलने के लिए उतावले है, भागते दौड़ते वो चाय की टपरी कहीं पीछे छूट गई, अब सिर्फ यादें बची है, वो हसी मज़ाक बेआवज सी हो गई है। मनमौजी था मै पहले, हसी मज़ाक किया करता था, फिकर न थी किसी बात की, चाय और दोस्ती संग बकवास किया करता था । न चिंता, न थी फिकर किसी की, न किस
JALAJ KUMAR RATHOUR
अपने सपनों को किनारे रख हम इस इंजीनियरिंग के सागर में डुबकी लगाने कूद जाते हैं। बैक ,रेमेडियल,सेमेस्टर बैक जैसे कई गोते लगने के बाद ,इस महासागर से निकलता है। एक इंजिनियर रूपी गोताखोर जो भविष्य में आने वाली जिंदगी की हर लहर को आसानी से पार कर जाता है। कुछ वक्त बीतने के बाद फिर हमें याद आता है। किनारे पर रखे, हमारे सपने,अपने ,वो शहर ,घर जहां से हमने अपने मंजिल का प्रारम्भ किया था। वो शख्स जिसके इंतजार में हमने अपनी जिंदगी का एक हिस्सा गुज़ार दिया था। वो हॉस्टल जहां की रातों को हमने जागना सिखाया था।वो चाय की दुकान का कुल्हड़ जिसको हमने लिप किसिंग करना सिखाया था। वो क्लासेस जिनको हमने बंक करना सिखाया था और वो दोस्त जिन्हें हम हमेशा ताना देते कि "यार तू इंजिनियर में ना होता तो आज बहुत बड़ा सिंगर ,शायर , लेखक या फिर कुछ अच्छा होता मगर दोस्तो इंजीनियरिंग हमको इंजिनियर ही नहीं बल्कि एक ऐसा इंसान बना देती है। जो हार कर भी जीत की उम्मीद रखता है। जिसके सपनों की लिए नीदे भी कम पड़ जाती है। तो दोस्तो घबराइए नहीं आप वो है। जो आज भी कई लोग बनने का ख्वाब देखते है और शुक्रिया आपका इंजीनियरिंग की राहो में आने के लिए आपकी यात्रा मंगलमय रहे * भारतरत्न इंजिनियर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया को जन्मदिवस की बधाई ......#जलज_कुमार_राठौर अभियंता दिवस की शुकामनाएं Happy Engineers Day अपने सपनों को किनारे रख हम इस इंजीनियरिंग के सागर में डुबकी लगाने कूद जाते हैं। बैक ,रेमेडियल,सेमेस्टर बैक जैसे कई गोते लगने के बाद ,इस महास
JALAJ KUMAR RATHOUR
सुनो कॉमरेड, मुझे नही पता कि क्यूँ जब तुम्हारा मन करता है तब तुम मुझे याद करती हो। क्या तुम मतलबी हो? या फिर तुम आज भी डरती हो कि कहीं ये जमाने के चार लोग हमारे बेनाम रिश्ते को बदनामी से भरा कोई नाम ना दे दे। तुम्हारा डरना जायज है क्युकी, हम उस समाज में है । जहाँ स्त्री की पवित्रता की जाँच अग्नि परीक्षा से होती है।परंतु मेरे हँसते खेलते सेमेस्टर जैसे जीवन में तुम्हारा अर्द्धवार्षिक परीक्षा सा आना मेरे सुखमय जीवन में उथल पुथल ला देता है। वैसे तो मैं नही जानता तुम्हारा मुझे वक़्त बेवक्त याद करने का कारण क्या है। परंतु तुम्हारे इन कारणों की वजह से मेरे जीवन के महत्वपूर्ण हिस्से संस्मरण मात्र बनकर रह जाते है। मुझे पता है। तुम व्यस्त हो किसी और के जीवन कि वो स्त्री बनने में जिस स्त्री को उस व्यक्ति की " सफलता के पीछे एक स्त्री का हाथ होता है। वाली स्त्री बताया जाता है। परंतु मेरा विचार था कि तुम खुद एक सफल स्त्री बनो और तुम्हारी इस सफलता का श्रेय तुम मुझे दो, श्रेय व्यक्ति को श्रेष्ठ बनने की और अग्रसर करते है। अधिक श्रेय देना किसी व्यक्ति को अभिमानी बना देता है। मैं सिर्फ इतना चाहता हूँ। कि तुम मुझे बात करो जब तुम्हें जरूरत हो परंतु मेरी भी बात सुनो जब मुझे तुम्हारी जरूरत हो।क्युकी सिर्फ तुम ही नही, मैं भी मतलबी हूँ। .... #जलज कुमार #DawnSun सुनो कॉमरेड, मुझे नही पता कि क्यूँ जब तुम्हारा मन करता है तब तुम मुझे याद करती हो। क्या तुम मतलबी हो? या फिर तुम आज भी डरती हो कि
KP EDUCATION HD
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Suchita Pandey
बात उन दिनों की है जब मै अपनी MBA की पढ़ाई कर रही थी. पहली बार घर से बाहर निकली थीं, बाहर की दुनिया कैसी होंगी ऐसे बहोत से सवाल मन मे थे, थोड़ी घबराहट भी थीं. पढ़ाई तो करनी ही है ये ठान कर बस निकल गए. वहा pg के रूम मे हम 3 गर्ल्स रहा करती थी. रूचि, सावी और मै. दोनों बड़ी चंचल और शरारती थीं. हम बात बात पे कभी हँसा करते थे कभी लड़ा तो कभी मस्ती. पढ़ाई का स्ट्रेस तो था ही साथ मे मज़ा भी बहोत आता था.रूममैट्स बड़े प्यारे जो थे. देखते देखते 2 साल बीत गए सेमेस्टर exams स्टार्ट होने वाले थे, उसी बीच मेरी शादी fix हो गयी. और exams के बीच ही मेरी शादी हो गयी. Pg छोड़ते वक़्त काफ़ी दुःख हुआ काफ़ी लगाव हो चूका था उन सबसे, उस जगह से, उस माहौल से. उन दो सालो मे काफ़ी कुछ देखा मैंने, सीखा, परखा। ज़िन्दगी का एक खूबसूरत पड़ाव एक वो भी था, या यूँ कहिये ज़िन्दगी के असल मायने तो हमने वही से जाने.. आज भी वो बीते वक़्त याद आते है और चेहरे पे एक मुस्कान छा जाती है.. वक़्त निकलता गया हम भी आगे निकल गए OPEN FOR COLLAB 😁 #ATफिरसबबदलगया • A Challenge by Aesthetic Thoughts! 💚 एक प्यारी सी कहानी या कविता लिखें जिसकी अंतिम पंक्ति हो: "और
JALAJ KUMAR RATHOUR
प्लेसमेंट-एक सफल असफलता पार्ट-9 यही कारण है इंजिनीयरिंग के आखरी सेमेस्टर में लगभग 75 प्रतिशत बालको को बाबागीरी में उज्ज्वल भविष्य नजर आता है। और हो भी क्यों ना अब तो बाबा स्टार्टअप भी कर रहे है। विश्वास नही तो कपालभासी वाले बाबा को ही देख लो। इस महफ़िल में रेगुलर सदस्यता देने वाले सदस्यों का एक पैनल था जो नये सदस्य को पहले बकरे की तरह खिलाता था और फिर काटता था पर यह काटना किसी बन्दी द्वारा काटे जाने वाले काटने से अच्छा था क्युकी यहाँ पर सबका कटता था समय और जेब, बहुत कोशिशो के बाद भी पैनल मुझे सदस्यता देने में असमर्थ था। क्युकी मे सिर्फ उनके चखने में व्यस्त था। हरी मटर और हल्दी राम की आलू की भूजिया को कौन मना कर सकता है क्युकी मैं घर से इनके लिए हर बार नमकींन लाता था जो इनकी आपात कालीन परिस्थिती में मदद करती थी इस लिए मुझे इनमे से भी कोई मना नही कर सकता था।" चलो भाई का वार्डेंन आयेगा सुबह जल्दी जगाने कल 26 जनवरी के लिए" मुख्य कार्यकर्ता ने कहा, भले ही 26 जनवरी को देश को गणतंत्र के सूत्र में बाँधा गया था। पर ये दिन हम होस्टलर को सिर्फ अलग अलग करता था वो भी कॉलेज के मैदान की सफाई के लिए,अत: हम सभी बिना विलंब किये अपनी अपनी लुगाई अरे भाई लुगाई नही रजाई की और चल दिये। 2 बज चुके थे और सुबह 5 बजे उठना था इस लिए मैं जल्दी से अपने बिस्तर पर लेट गया और मेरी रजाई ने मुझे आलिंगन कर लिया। .. #जलज प्लेसमेंट-एक सफल असफलता पार्ट-9 यही कारण है इंजिनीयरिंग के आखरी सेमेस्टर में लगभग 75 प्रतिशत बालको को बाबागीरी में उज्ज्वल भविष्य नजर आता ह
Jyotshna Rani Sahoo
उन्हें मिलना था भाग -८ ऐसा क्यूं होता,दिल जिससे भागता वो भागा भागा आ जाता है किस्मत बनकर।अंशु के लिए सब आसान है क्यूं की वो सब आसान समझता है। वो जिंदगी को आसान समझ
saumya
teri meri kahani part two 👇 read in caption और एक मै उसकी दोस्त नहीं बन पाई थी शायद उसको मुझ जैसा दोस्त नहीं चाहिए होगा राजवीर के पापा बहुत एक बिजनेसमैन थे और उसकी शायद 3 फैक्ट्री थी