चाकू, छूरी, खंजर, तलवार सिख रखे थे सब पैंतरे खिलाड़ी ने, वो नजरो से वार कर बैठी होश उड़ गए खिलाड़ी के। #nojotophoto
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Deepak Aggarwal
चाकू, छूरी, खंजर, तलवार सिख रखे थे सब पैंतरे खिलाड़ी ने, वो नजरो से वार कर बैठी होश उड़ गए खिलाड़ी के। #nojotophoto
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MAHENDRA SINGH PRAKHAR
कुण्डलिया :-
दूरी जब जब है बढ़ी , और बढ़ी है नेह ।
प्रियतम तेरी चाह में , जला रही मैं देह ।।
जला रही मैं देह , बावरी बनकर घूमूं ।
सूझे कब अब #कविता
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MAHENDRA SINGH PRAKHAR
कुण्डलिया :-
दूरी जब जब है बढ़ी , और बढ़ी है नेह ।
प्रियतम तेरी चाह में , जला रही मैं देह ।।
जला रही मैं देह , बावरी बनकर घूमूं ।
सूझे कब अब #कविता
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रजनीश "स्वच्छंद"
स्वीकार ना होगा।।
चलूं उनकी निशानी पर मुझे स्वीकार ना होगा,
ये रस्ता अनवरत चलता कभी इतवार ना होगा।
ना कोई तीर ना तलवार फिर भी लड़ रहा हूँ म #Poetry#कविता#nojotophoto