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Jaydeep Yadav
कृपया पुरा पढें 🕯🕯 #अधूरा_ज्ञान_खतरनाक_होता_है। 33 करोड़ नहीं 33 कोटि देवी देवता हैं हिंदू धर्म में ; कोटि = प्रकार । देवभाषा संस्कृत में
Sanjana Hada
यदि भविष्य में कभी रामायण हुईं तो सीता हरण भी अवश्य होगा .. और यदि महाभारत हुईं तो, चीरहरण भी जरूर होगा क्योंकि बिना सीताहरण और चीरहरण के ये दोनों ही अधूरे हैं ...?? ©Sanjana Hada सतयुग , द्वापरयुग #Rose
jaani
Sameer Das
#WhoCanSave_The_World त्रेतायुग में परमात्मा कविर्देव (कबीर परमेश्वर) उर्फ मुनींद्र ऋषि ने नल और नील के असाध्य रोग को आशीर्वाद मात्र से ठीक
Akash Das
#Who_Is_EarthSavior त्रेतायुग में परमात्मा कविर्देव (कबीर परमेश्वर) उर्फ मुनींद्र ऋषि ने नल और नील के असाध्य रोग को आशीर्वाद मात्र से ठीक कर
Paramjeet kaur Mehra
Seth Abhishek
The creativity of Anil Rathore
राम तेरे नाम से ही गूंज उठा हर धाम, महिमा तुम्हारी आज जग ने भी जानी है l कलयुग लग रहा जैसे कोई त्रेतायुग, लौटा रामराज, जहाँ राम राजधानी है l नभ से बना के फूल चरणों की रज-धूल, धरती पे प्रभू तुझे आज बरसानी है l राम तेरे चरणों से पावन आयोध्या धाम, तेरी ही सरण हमें ज़िन्दगी बितानी है ll #Anil_kr...✍@Selfwritten 🙏जय श्री राम🙏 राम तेरे नाम से ही गूंज उठा हर धाम, महिमा तुम्हारी आज जग ने भी जानी है l कलयुग लग रहा जैसे कोई त्रेतायुग, लौटा रामराज, जहाँ राम राजधानी है
Divyanshu Pathak
अंक -2 और दुर्गाष्टमी ------ ब्रह्माण्ड में जीवन का आधार ही 2 है। प्रकृति और पुरूष। परमात्मा और आत्मा। अभाव और भाव। भाव भी 2 ही हैं एक स्त्रैण और दूसरा पौरुष। धरा और गगन। नर और नारायण। दिन और रात। ग्यारहवीं शताब्दी में रामानुज' जो कि तमिलनाडु में पैदा हुए 'विशिष्टताद्वेत' का सिद्धांत दिया। वे कहते हैं कि आत्मा परमात्मा से जुड़ने के बाद भी अपनी अलग सत्ता बनाए रखता है। उनके सिद्धांत से उत्तर भारत में भक्ति की एक नई धारा सगुण भक्ति का विकास हुआ। आगे चलकर भक्ति सगुण और निर्गुण 2 रूपों में हुई साकार और निराकार भी यही 2 रूप हैं।निम्बार्काचार्य का दर्शन भी द्वेताद्वेत' राधा जी को कृष्ण की शक्ति मानते हैं। 1199 ईस्वी कन्नड़ जिले के उडुपी नगर में जन्मे मधवाचार्य जी ने द्वेतवात' नाम का दर्शन प्रतिपादित किया। इन सभी से पहले शिव' और शक्ति का अस्तित्व है। शक्ति का ही साकार स्वरूप महागौरी' है। माता महागौरी'------ गौरी' स्त्रैण भाव का शुद्ध रुप है। वे नारी की शक्ति और गरिमा हैं। डमरू उनके प्रेम और मृदुलता का भाव है तो त्रिशूल संसार मे व्याप्त तीन तरह क
Anupama Jha
निर्भया के नाम : (पूरी कविता कैप्शन में) #YoPoWriMo#poem#YQbaba#YQdidi #निर्भया की गहरी नीन्द ने सबको जगा दिया कितनी गिर सकती है मानवता , यह बता दिया. जिस रावण का जलता है पुतला हर स