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Nilesh Mishra
वो बेवफा हमारा इम्तेहा क्या लेगी… मिलेगी नज़रो से नज़रे तो अपनी नज़रे ज़ुका लेगी… उसे मेरी कबर पर दीया मत जलाने देना… वो नादान है यारो… अपना हाथ जला लेगी. #MeraShehar नीलेश मिश्र
Alankrita Shah
जब सब विरान पड़ा था, वो खुद मे लिए आग खड़ा था। हा वो पलास का पेड़ जाने कितनो को प्रेरित करता, कल जब मै अन्नत निराशाओं को समेटे घर कि ओर चली तो रस्ते मे तुम्हे देखा असख्य सम्भावनाएं लिए हुए अटल , अडिग, जहां दूर दूर तक सब शून्य था , तुम सृजन का अवतार लिए खड़े थे सफर मे आते जाते जाने कितनो के सपनो को तुमने पुनजीर्वित किया होगा, उनमे से एक मै भी हूं। परिस्थितियां केवल परीक्षा मात्र हैं सम्भावनाओं का सृजन तुम्हें ही करना है। -अलंकृता ©Alankrita Shah #कहानियां #ख़ूबसूरत #कहानियाँ #ज़िन्दगी #safarnama
Mazhar Ansari
कोई प्यार से आवाज़ भी दे तो चिड जाती है जो सुनाती थी कभी कहनियां मुहब्बत की मज़हर अंसारी ❣️ कहनियां मुहब्बत की #waiting #कहानीयां #मुहब्ब्त #टूटा_हुआ_दिल #प्यार😍
Pushpendra Pankaj
कहानी-1 उपेक्षा से प्रतीक्षा तक -4 --------------------------- नातेदारों,मिलने वालों का आना जाना चल रहा था, हवन हो चुका था। गुरूकुल के विद्यार्थी भोजन कर रहे थे । तभी विक्रमजीत की बहन देवकांता दुधमुही दिव्यश्री को गोदी मे लेकर भाई विक्रम के पास आईं और भाभी जी की स्मृतियों में खोकर भावुक हो गई और भाई विक्रम के कंधे पर सिर रखकर सिसकियां लेने लगीं ।विक्रम भी अधिक समय तक स्वयं को संभाल नही सके और असहज हो गए । बुजुर्ग माता-पिता अंबिका और अमरजीत भी भावुक दृश्य देखकर स्वयं को संभाल नही सके और धीरे धीरे बहन भाई के पास चले आए । वे सिर पर हाथ रखकर बच्चों को सांत्वना दे रहे थे। दृश्य बङा भावुक था ,सभी की आँखे नम थी। एक प्रश्न था जो सबको परेशान कर रहा था -"अब दिव्यश्री की परवरिश----"तभी भयंकर रुदन की स्थिति मे नन्ही बच्ची रोने लगती है ।विक्रमजीत कंधे से लगाकर बच्ची को सुलाने का प्रयास किया और बच्ची सो भी गई किन्तु एक अजीब सी दुविधा उन्हें परेशान कर रही थी, जिसे कोई भी पढ़ सकता था । शेष---- उपेक्षा से प्रतीक्षा तक ,भाग-5 ©Pushpendra Pankaj #walkalone पंकज की कहानियाँ उपेक्षा से प्रतीक्षा तक भाग-5
आशुतोष विश्वकर्मा
बचपन और भूत वो दादी नानी की कहानियां भी बड़ी गजब होती थी... एक तरफ़ डराती थी, दूसरा हमे मुसीबतों से लड़ने के लिए हिम्मत देती थी... दरसअल उसमे भूत वग़ैरह तो एक उपमा थे... मक़सद सुनाने का उनका असल जिंदगी में सबल बनाने का था... Ashu दादी की कहानियां
Tiwari Shiv
कहानियां इश्क की कुछ इस कदर सामने आ रही हैं मजनू खड़े हैं साथ निभाने को लैला ही भागी जा रही हैं "शिव तिवारी" कहानियां इश्क़ की.......