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NiKhiL KhUIE .....🖋️

#message विपत्ती..

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Vipatti Se Badhkar…..
Anubhav Sikhane Wala Koi Vidyalaya
Aaj Tak Nahi Khula….!! –  #message विपत्ती..

OMG INDIA WORLD

विपत्ती का जीवन मे आना "पार्ट ऑफ लाइफ" है... और उस विपत्ती से भी मुस्करा कर बाहर निकलना "आर्ट ऑफ लाइफ" है। शुभ दिन #RIPRohitSardana

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#RIPRohitSardana विपत्ती का जीवन मे आना "पार्ट ऑफ लाइफ" है... और उस विपत्ती से भी मुस्करा कर बाहर निकलना "आर्ट ऑफ लाइफ" है।
शुभ दिन

©OMG INDIA WORLD विपत्ती का जीवन मे आना "पार्ट ऑफ लाइफ" है... और उस विपत्ती से भी मुस्करा कर बाहर निकलना "आर्ट ऑफ लाइफ" है।
शुभ दिन

Mukesh Poonia

#Morning #विपत्ती से बढ़कर #अनुभव #सिखाने वाला, आज तक कोई #विद्यालय नहीं खुला है #फ़िल्म

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Seema kushvaha

सरला -सुख विमला-विपत्ती (दुख) #tumhidekhona nojoto #hindi_poetry #Hindi #KumarVishwas #Shayar #नोजोटो #हिंदी #हँसते

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राजेश कुशवाहा 'राज'

--------------धन की आसक्ति------------ अनुराग,प्रेम,मित्रता अब धन पे है संवरती, मां के दिल की ममता भी अब है पुकारती, रह रह के इंसानियत है त #directions #कुशवाहाजी #kushwahaji

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--------------धन की आसक्ति------------
अनुराग,प्रेम,मित्रता अब धन पे है संवरती,
मां के दिल की ममता भी अब है पुकारती,

रह रह के इंसानियत है तेज से सिसकती,
धन के अभाव में अब न जिंदगी गुजरती,

चित्त,ध्यान,कल्पना भी अब नही निखरती,
भाव भंगिमाएं भी अब जेहन में न उतरती,

संत,कवि,वैद्य की अब है विद्वता बिगड़ती,
संपदा की ये लालसा है शौर्यता नकारती,

सत्य,दया,धर्म अब मनुजता को काटती,
दौलत की टोह में है वैमनस्यता पनपती, 

राज,शक्ति,सत्ता अब अनुराग की विरक्ती,
संपत्ति की आसक्ति ही है नर की विपत्ती,

कर्म,कांड,कृत्य सब है लोभ से पनपती,
धन से ही धर्म की है व्याख्या बदलती,

कृष्ण,राम,गौतम की ये धरा है पुकारती,
धर्म,दया,प्रेम से है ये जिन्दगी संवरती,

अनुराग,प्रेम,मित्रता अब धन पे है संवरती,
माँ के दिल की ममता भी अब है पुकारती।

©राजेश कुशवाहा --------------धन की आसक्ति------------
अनुराग,प्रेम,मित्रता अब धन पे है संवरती,
मां के दिल की ममता भी अब है पुकारती,

रह रह के इंसानियत है त

राजेश कुशवाहा 'राज'

--------------धन की आसक्ति------------ अनुराग,प्रेम,मित्रता अब धन पे है संवरती, मां के दिल की ममता भी अब है पुकारती, रह रह के इंसानियत है त #directions #कुशवाहाजी #kushwahaji

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--------------धन की आसक्ति------------
अनुराग,प्रेम,मित्रता अब धन पे है संवरती,
मां के दिल की ममता भी अब है पुकारती,

रह रह के इंसानियत है तेज से सिसकती,
धन के अभाव में अब न जिंदगी गुजरती,

चित्त,ध्यान,कल्पना भी अब नही निखरती,
भाव भंगिमाएं भी अब जेहन में न उतरती,

संत,कवि,वैद्य की अब है विद्वता बिगड़ती,
संपदा की ये लालसा है शौर्यता नकारती,

सत्य,दया,धर्म अब मनुजता को काटती,
दौलत की टोह में है वैमनस्यता पनपती, 

राज,शक्ति,सत्ता अब अनुराग की विरक्ती,
संपत्ति की आसक्ति ही है नर की विपत्ती,

कर्म,कांड,कृत्य सब है लोभ से पनपती,
धन से ही धर्म की है व्याख्या बदलती,

कृष्ण,राम,गौतम की ये धरा है पुकारती,
धर्म,दया,प्रेम से है ये जिन्दगी संवरती,

अनुराग,प्रेम,मित्रता अब धन पे है संवरती,
माँ के दिल की ममता भी अब है पुकारती।

©राजेश कुशवाहा
  --------------धन की आसक्ति------------
अनुराग,प्रेम,मित्रता अब धन पे है संवरती,
मां के दिल की ममता भी अब है पुकारती,

रह रह के इंसानियत है त

#maxicandragon

#मुर्गा_लडाना अर्थ बताकर समझाईए इसका मतलब किसी बात को गलत ढंग से बताकर एक दूसरे मे मनमुटाव की स्थती पैदा करना है जैसे एक बार एक घर मे विपत #Sadharanmanushya

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#मुर्गा_लडाना अर्थ बताकर समझाईए

इसका मतलब किसी बात को गलत ढंग से बताकर एक दूसरे मे मनमुटाव की स्थती पैदा करना है

जैसे एक बार एक घर मे विपत्ती आने के पश्चात भूरी सूर्पनखा कल्लो और मोटी मे ऐसी स्थित उत्पन्न हुई, पहले सब कुछ ठीक दिखाई देता था परंतु वैसा था नही, चारो के मन का भेद एक मनुष्य जानता था,पर वो कहते नही था, काकी किसी का आत्मसम्मान न टूटे, समय गुजरता गया, औरभेद सामने आते गए 
विकट परिस्थिति मे जब आसमान टूटा, तब जो समीप था वो दूर भाग गया, जो बुरा था वो सज्जन निकला, जो सज्जन था वो दुर्जन निकला, जो हितैषी था वो चतुर निकला
जो जैसा था स्थिति के बदले पर ही सामने आए
लेकिन इसमे वो लोग भिन्न थे, जो मुर्गा लडाने का कार्य कर रहे थे
जिसने मुख्य भूमिका भूरी  की थी
भूरी भिन्न भिन्न परिस्थिति मे खेलना जानता थी
इस खेल मे पारंगत होने के साथ साथ जब्बराई भी थी
झूठ,  फरेब, रोना, मनाना, चिल्लाना इत्यादि कलाओं मे माहिर थी
इस परिस्थिति मे भूरी ने सभी पात्र मे षडयंत्र के ही बोना शुरू किए
सारे साम्राज्य पर आधिपत्य स्थापित किया
सभी को अलग अलग तरह से बरगलाना, झूठ फैलाना, डराना, चुप करवाना इत्यादि क्रीयाओ को सम्पन्न किया
जो वस्तु भूरी के पास होती, वो उसे लुप्त बताती
या किसी और को पास बताती
किसी और से न पूछा जाए, उसका भी इंतजाम करती
ली हुई वस्तु को नकारना, किसी और का बताना, दूसरे से वस्तुओ का अधिग्रहण करना, और सब होने के उपरांत रोना, ये भूरी की चालबाजीयो का खून था

आपने इस कहानी से समझा की मुर्गा लजाना किसे कहते है
#SadharanManushya

©#maxicandragon #मुर्गा_लडाना अर्थ बताकर समझाईए

इसका मतलब किसी बात को गलत ढंग से बताकर एक दूसरे मे मनमुटाव की स्थती पैदा करना है

जैसे एक बार एक घर मे विपत

N S Yadav GoldMine

#gururavidas श्री कृष्‍ण का धृतराष्‍ट्र को फटकार कर उनका क्रोध शान्‍त करना और धृतराष्‍ट्र का पाण्‍डवों को हृदय से लगाना पढ़िए महाभारत !! 📝📝 #समाज

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HP

विपत्ति

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अहंकार और स्वार्थ के वशीभूत होकर आपस में लड़ने झगड़ने लगे और उनकी प्रतिभा उन्हीं के लिए विपत्ति बन गई।









अखंड ज्योति विपत्ति

HP

विपत्ति

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धन की तरह ही ख्याति और मान प्रतिष्ठा की महत्वाकांक्षा भी संसार में भारी विपत्ति उत्पन्न करने वाली सिद्ध होती है।






अखंड ज्योति विपत्ति
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