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Preet💕
हरियाली हर सू छायो रे रंगीलो सावण आयो रे रंगीलो सावण आयो... बरखा की बुंदा लायो रे मनभावन सावण आयो रे मनभावन सावण आयो तीज त्योहार लायों रे रंग गई मैं बवारिया रे अरे मेहंदी सज गई हाथन में सवारिया आयो आयो रे रंगीलो सावण आयो रे हरिया लो सावण आयो हसी की बौछार फैलायो रे सब झूला झूलन आवो रे मन हरस हरस हर्शावो रे सुरंगों सावण आयो रे रंगीलो सावण आयो रे रंगीलो सावण आयो हरियाली हर सू छायो रे रंगीलो सावण आयो रे रंगीलो सावण आयो... बरखा की बुंदा लायो रे मनभावन सावण आयो रे मनभावन सावण आयो तीज त्योहार लायों रे
प्रेम कुमार रावत
वचन निभाने के खातिर मधु सुधन पूरी पर आए बहन सुभद्रा भईया बाल दाऊ संग जगन्नाथ कहलाए आस्था का संगम बना सुंदर विशाल झाकिया सजाए है पवित्र हुवा शहर का हर कोना आयो रे शुभ दिन आयो रे ©prem kumar ravat #Dark जय जगन्नाथ आयो रे शुभ दिन आयो रे
Niklesh express Singh Yadav
तुमसे दूर कैसे रह पाता, दिल से कैसे भूल पाता, काश। तुम आईना में बसी होती ,खुद को देखता तो तू ही नजर आती। #NojotoQuote याद आयो रे
स्मृति.... Monika
आयो रे आयो जन्मदिवस आयो आयो रे आयो रे जन्मदिवस आयो मेरे मोहन का, मेरे साँवरे का जग का पालनहार है वह प्रेम सरस रसधार वह बाँके बिहारी की बात अलग है गोपियन का श्रृंगार है वह भायो रे भायो मन को मेरे भायो आयो रे आयो जन्मदिवस आयो मेरे मोहन का, मेरे साँवरे का || वृन्दावन की हर गली में बस उसकी ही पुकार है जन्मदिवस कान्हा का मेरे सबके लिए त्योहार है लायो रे लायो खुशियाँ संग लायो आयो रे आयो जन्मदिवस आयो मेरे मोहन का, मेरे साँवरे का || ©स्मृति... मोनिका ✍️ ©स्मृति.... Monika #janmashtami#आयो रे आयो जन्मदिवस आयो#स्मृति.... मोनिका ✍️
INDRAJEET KUMAR,
वो घड़ी भी आ जाये जिसमें अच्छी बात हो सूरज निकले धीरे धीरे ऐसा भी प्रभात हो कलियों पर हो ओस की बूदे शाम ढले तारों के संग झिलमिल झिलमिल करती रात हो आयो रे भोर कहाँ से
nitsmit penshanwar
सांगरे देवा.... असा कसा चुप चाप बसतो गप्प गप्प राहुन आम्हा लेकरांचा खेळ बघतो।। सांग रे देवा......।। कधी उपाशी राहुन तुला जपतो आठोड्यातुन चार दिवस तरी तुझ्या नावानी माणुस उपाशी दिसतो सांग रे देवा........ असा कसा चुप चाप बसतो।। अगरबत्ती गुलाल, कापुराचा सुगंध तुला आनंद देण्यासाठी चढवतो फुलांच तर विचारूच नको जनू रात्रीच पांगरूण घेतल्या सारख चढवतो।। सांगरे देवा.... असा कसा चुप चाप बसतो।। तु चमकावा म्हणुन रोज दही दुधाने नहातो भरजडी वस्त्र मोत्यांचा हार तुलाच वाहतो कुंकवानी तर तुला होळीच्या रंगा परी रंगवतो सांग रे देवा....असा कसा चुप चाप बसतो।। रोज तुझ्या पुढे माथा टेकवतो हात जोडु जोडु हाच माणुस तुला रोज आपल्या स्वार्थासाठी फसवतो देरे देवा देरे देवा म्हणुन भिक मागतो की फुल, गुलाल सुगंध प्रसाद देऊन पैश्याचा घमंड दाखवतो सांग रे देवा... आता तरी असा कसा चुप चाप बसतो।। मना भावात तुझी भक्ती तुला नाही लोभ फुले फल हाराची शुध्द मन , तुला लोभवती भक्तीचा तु भुकेला आमच्या वेड्या मना तु सावरशी।। नितस्मित पेंशनवार ©nitukolhe smitnit सांग रे देवा #rain