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Pushpvritiya

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©Pushpvritiya विस्मृति के पृष्ठों से

विस्मृति के पृष्ठों से #कविता

42 Love

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Pushpvritiya

हाथ हर बार छुड़ाया,जब भी हम थामा किए,
 यूं पराया किया कि हक जता न पाएंगे........!
                                    न पूछना बता न पाएंगे........!!

@पुष्पवृतियां

©Pushpvritiya 
  विस्मृति के पन्नों के कुछ अंश

विस्मृति के पन्नों के कुछ अंश #कविता

1,674 Views

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डॉ वीणा कपूर "वेणु"...

क्या लिखूं क्या कहूं#
क्या लिखूं क्या कहूं भूल रही हूं मैं
न जाने किस युग में झूल रही हूं मैं
कभी कभी अच्छा बहुत अच्छा लगता
है भूल जाना।
न स्मृतियों के फूल न विस्मृतियों के
शूल अपनाना।
बस बस कुछ भूलकर हो जाओ मौन
फिर रहस्य, सत्य जान पाएगा कौन।

©Veena Kapoor भूल जाना
स्मृतियों के फूल
विस्मृतियों के शूल
सत्य

#MereKhayaal

भूल जाना स्मृतियों के फूल विस्मृतियों के शूल सत्य #MereKhayaal #कविता

19 Love

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LOL

गौर से गर सोचो तो
आज की दुनिया में
यद्यपि निकल चुकी है
पुरुषों से आगे
पर भूल भी चुकी है
प्रेम करना स्त्री..
©KaushalAlmora #विस्मृति 
#स्त्री 
#प्रेम 
#love 
#yqdidi 
#yqbaba 
#poetry 
#shayari
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Shravan Goud

प्रेम मैंने अपना जीवन
देकर उसको आबाद किया। #विस्मृति7497
#विराग
#अंत #YourQuoteAndMine
Collaborating with Maya 
Collaborating with Anil Krishna

#विस्मृति7497 #विराग #अंत #YourQuoteAndMine Collaborating with Maya Collaborating with Anil Krishna

0 Love

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Sangeeta Patidar

'विस्मृति का प्रायश्चित'
आख़िरी ख़्वाहिश में भी हाथ आएगा इंतज़ार ही,
झूठ से रूठने के बाद भी दिल करेगा ऐतबार ही।

कितनी उम्दा  और मखमली सी होती तसल्लियाँ,
फिर मिलने के बाद बेक़रारी से करेगा इज़्हार ही। 

आराम कहाँ से आए जब आता भी नहीं है ख़याल,
नाराज़ होकर भूलने से,  ग़ुरूर बोलेगा इन्कार ही। 

साथ निभाने का वादा  भुलाते हैं मजबूरी के नाम, 
बेफ़िक्री में नज़रअंदाज़ी से झूठ होगा इक़रार ही। 

बे-ख़याली के गुनाह का कैसे करें प्रायश्चित 'धुन', 
यूँ नज़रों में रहने के लिये फिर समझेगा प्यार ही।  Rest Zone 'विस्मृति का प्रायश्चित'




#restzone #rztask55 #rzलेखकसमूह #sangeetapatidar #ehsaasdilsedilkibaat #yqdidi #प्रायश्चित्त #forget

0 Love

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Pushpvritiya

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©Pushpvritiya कुछ यूं ही सा.... 
विस्मृति के पन्नों से...  Kumar  Sudha Tripathi sheetal pandya मेरे शब्द Divya Joshi

कुछ यूं ही सा.... विस्मृति के पन्नों से... Kumar Sudha Tripathi sheetal pandya मेरे शब्द Divya Joshi

68 Love

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Motivational indar jeet guru

जीवन दर्शन 🌹
" विस्मृति " कि यह मूर्च्छना ही है , जो हमें स्वयं को पहचानने से , "उत्कर्ष "और "आनन्द "की उपलब्धियों से वंचित कर देती है !.i. j

©motivationl indar jeet guru #जीवन दर्शन 🌹
" विस्मृति " कि यह मूर्च्छना ही है , जो हमें स्वयं को पहचानने से , "उत्कर्ष "और "आनन्द "की उपलब्धियों से वंचित कर देती है !.i.

#जीवन दर्शन 🌹 " विस्मृति " कि यह मूर्च्छना ही है , जो हमें स्वयं को पहचानने से , "उत्कर्ष "और "आनन्द "की उपलब्धियों से वंचित कर देती है !.i. #विचार

18 Love

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Sanjeet Kumar

है, 
कौन सी 
वो गंध...?

जो पीछा करती है 
सदा...सर्वदा  

सर्व-सुगन्धित-द्रवों से परे
पराजित करती 
हर गंध को...!!!
सुशोभित करती चित्त विस्मृति को,,,, 

                   ****प्रिय ****

वह यादों की गंध है.....!! 

घर कि डेहरी को गलियारो में समेटी हुई...!!! है, 
कौन सी 
वो गंध...?

जो पीछा करती है 
सदा...सर्वदा  

सर्व-सुगन्धित-द्रवों से परे

है, कौन सी वो गंध...? जो पीछा करती है सदा...सर्वदा सर्व-सुगन्धित-द्रवों से परे

6 Love

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Arjun Radtunga

 विश्वविद्यालय है यह भूख और महाविनाश का
तीर्थयात्रा मानव की, एक लम्बा जुलूस ।
भूख के निशान भटकते फिरते हैं पृथ्वी पर
हरा पेड़ झूल गया है अन्त

विश्वविद्यालय है यह भूख और महाविनाश का तीर्थयात्रा मानव की, एक लम्बा जुलूस । भूख के निशान भटकते फिरते हैं पृथ्वी पर हरा पेड़ झूल गया है अन्त #nojotophoto

6 Love

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Neeraj Vats

आज थार मरुस्थल गामी हूं
कल कल-कल बहता पानी हूं
मैं रज का कण रज का सेवक
रज में ही तो मिल जाना है
ए पथगामिनी क्यों पथ अवरुद्ध करे?
क्या तुझे साथ में जाना है?
ए पथगामिनी क्यों पथ अवरुद्ध करे.......

होगा क्या शुभकर मेरा 
एक तेरे साथ आने मात्र से
विष भी क्या कभी अमृत हुआ
 केवल स्पर्श सवर्ण पात्र से
तुझको अलंकृत सब तीर करे
मुझ तीर रहित सरित को तो
एक दिन इतस्ततः थम जाना है
ए पथगामिनी क्यों पथ अवरुद्ध करे.......

तू प्राणवायु इस दुनिया की
मैं अनंत के अंत की भांति हूं
तू स्मृति है महामुनियों की
मैं चल-अचल सी भ्रांति हूं
स्मृति विस्मृति का क्यों संग करे?
क्या उसे भी विस्मृति में ढल जाना है?
ए पथगामिनी क्यों पथ अवरुद्ध करे......

तू शोभायुक्त पिक सप्तरागी
मैं पन्था जग का वैरागी
एक दूजे के प्रतिकूल हम
कैसे बन जायें सह-भागी
क्यों मुझ संग तू सपने सँजोये
इस नीरज को तो इस जल में 
ही आदि अंत को पाना है
ए पथगामिनी क्यों पथ अवरुद्ध करे......

©Neeraj Vats
  #राष्ट्रीय_हिंदी_दिवस
#हिंदीदिवस #हिंदी_कविता #हिंदीनोजोटो #हिंदी_शायरी #Hindi #hindidiwas2022 #hindidiwasspecial 

आज थार मरुस्थल गामी हूं
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मुखौटा A HIDDEN FEELINGS

एक तस्वीर की एहमियत बीते पलो मे पता चलता है

ओझल होने लगती हैं  यादें भी,
समुद्र के तट से धीरे धीरे ओझल होती किसी जहाज की तरह.
काश!
बना पातीं उनकी तस्वीरें
रख  कर उन्हें तरतीब से
बचा लेती जीवन के कुछ अनमोल पल. डर है विस्मृति के अँधेरे सुरंग में
लुप्त न हो जाएँ मेरी संजोई यादें
समय की परतों के अंदर
दफ़न न हों जाएँ मेरे सुनहरे पल.
अगणित यादें लिये हुए  गर्भ में
छिन न जाये मुझसे मेरा बीता हुआ कल.

©DEAR COMRADE (ANKUR~MISHRA) एक तस्वीर की एहमियत बीते पलो मे पता चलता है

ओझल होने लगती हैं  यादें भी,
समुद्र के तट से धीरे धीरे ओझल होती किसी जहाज की तरह.
काश!
बना पाती

एक तस्वीर की एहमियत बीते पलो मे पता चलता है ओझल होने लगती हैं यादें भी, समुद्र के तट से धीरे धीरे ओझल होती किसी जहाज की तरह. काश! बना पाती #poem #tasvir

8 Love

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Krish Vj

विस्मृत  सी  हो  गई 'स्मृति', वो कसमें-वादे सब 
लापरवाह  नहीं  मैं,  'वक़्त-वक़्त' की  बात है सब 

डर  गया  था  मैं, अपने  'डर'  से  जीत  पाया अब
मन में जो  निराशा थी,  आशा में बदल पाया अब 

छोड़  गए  उस  राह  पर, दर्द  के  साथ 'आँसू' अब 
तन्हा  रातें,  बेज़ान 'सवेरा'  सिसकती  'आहे' अब 

बहुत देर  कर दी है, बचा  नहीं कुछ  खो गया सब
चल रही थी साँसे उसकी, नींद में सो गया वो अब 

प्रायश्चित अग्नि में जल रहा, 'विरह' में जी रहा अब
हत्या कर दी उसके अरमानो की, क़ातिल सा अब 

लौट नहीं सकता वो वक़्त, वो 'गुड़िया' प्यारी अब
विरान 'ज़िन्दगी', 'ज़ख़्म' से आबाद हूँ मैं बस अब  विस्मृति का प्रायश्चित:_

विस्मृत  सी  हो  गई  'स्मृति',  वो  कसमें-वादे सब 
लापरवाह  नहीं  मैं,  'वक़्त-वक़्त' की  बात है सब 

डर  गया  था

विस्मृति का प्रायश्चित:_ विस्मृत सी हो गई 'स्मृति', वो कसमें-वादे सब लापरवाह नहीं मैं, 'वक़्त-वक़्त' की बात है सब डर गया था #yaadein #विस्मय #स्मृतियाँ #restzone #rzलेखकसमूह #rztask55 #अल्फाज_ए_कृष्णा

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Poonam Suyal

विस्मृति का प्रायश्चित 

(अनुशीर्षक में पढ़ें) विस्मृति का प्रायश्चित 

कभी-कभी,
होता है कुछ ऐसा 
जो नहीं करना चाहते हैं हम कभी,
करना पड़ता है वैसा 

खुद पर होते जुल्मों को

विस्मृति का प्रायश्चित कभी-कभी, होता है कुछ ऐसा जो नहीं करना चाहते हैं हम कभी, करना पड़ता है वैसा खुद पर होते जुल्मों को #yqdidi #yqrestzone #collabwithrestzone #rzलेखकसमूह #rztask55 #rzwriteshindi

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भाग्य श्री बैरागी

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☘️☘️ #kkप्रेमएकतपस्या ☘️☘️
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प्रेम की तपस्याओं  में, माता पार्वती ही पहला नाम है,
जगत की हर परीक्षा में  म

🌸Day 5🌸 ☘️☘️ #kkप्रेमएकतपस्या ☘️☘️ 🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️ प्रेम की तपस्याओं में, माता पार्वती ही पहला नाम है, जगत की हर परीक्षा में म #yqdidi #yqhindi #कोराकाग़ज़ #collabwithकोराकाग़ज़ #जन्मदिनकोराकाग़ज़ #KKजन्मदिनमहाप्रतियोगिता #मेरी_बै_रा_गी_कलम

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justaju_e_sukun

"स्त्री"
       


  by
 -चंchal
read in caption जो पर दिये ईश्वर ने गगन को छूने के लिए उन्हें अपनी मंज़िल बदलकर पिंजरे को आशियाना बनाना होगा।
न सरकार की मौन साधना टूटेगी न हैवानियत अपना सिर

जो पर दिये ईश्वर ने गगन को छूने के लिए उन्हें अपनी मंज़िल बदलकर पिंजरे को आशियाना बनाना होगा। न सरकार की मौन साधना टूटेगी न हैवानियत अपना सिर #ShiningInDark

9 Love

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Divyanshu Pathak

अपने जीवन को समझना हमारी
जीवन-शैली का अंग रहा है
स्वाध्याय काल में स्वयं के बारे में
चिन्तन करते रहना
एक नियमित आवश्यकता है।
इसी से व्यक्ति शनै:-शनै:
अपने मूल स्वरूप तक पहुंच पाता है।
अपने संस्कारों का परिष्कार कर पाता है।
वह स्वयं को सृष्टि का अंग समझता है
तथा आवरण दूर होने के साथ ही
उसकी मूल शक्तियां जागृत हो जाती हैं।
उसकी सामाजिक उपादेयता भी
स्वत: बढ़ जाती है। 💕☕good morning ji 💕👨☕☕☕🍫🍫🍫💕💕👨🍧🍧🍧💓💓😊💞💞💕👨☕🍫👨
संस्कार जीवन-व्यवहार का महत्वपूर्ण पहलू है। व्यावहारिक जीवन का आधार है और व्यक्ति की पहचान भी है।

💕☕good morning ji 💕👨☕☕☕🍫🍫🍫💕💕👨🍧🍧🍧💓💓😊💞💞💕👨☕🍫👨 संस्कार जीवन-व्यवहार का महत्वपूर्ण पहलू है। व्यावहारिक जीवन का आधार है और व्यक्ति की पहचान भी है।

0 Love

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Kranti Thakur

#विस्मृत यादेँ
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Shivam Chauhan

 मै कोई विस्मृत नहीं

मै कोई विस्मृत नहीं #कविता #nojotophoto

7 Love

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Prabodh Prateek

 आज़ादी के आन्दोलन के उस अविस्मरणीय योद्धा ज्वलंत देशप्रेम , अदम्य साहस , निर्भीक जोश , आदर्श के प्रति अटल निष्ठा , दृढ़ संकल्प शक्ति , ज्ञान

आज़ादी के आन्दोलन के उस अविस्मरणीय योद्धा ज्वलंत देशप्रेम , अदम्य साहस , निर्भीक जोश , आदर्श के प्रति अटल निष्ठा , दृढ़ संकल्प शक्ति , ज्ञान

2 Love

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Shilpa yadav

भटकते हुए एहसास समेटने के चक्कर में
अक्सर भटकते हैं लोग,चींटी जैसे शक्कर में

©Shilpa yadav #JodhaAkbar #आंगन #स्मृति#स्मृति
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Anil Agrahari

#संक्षिप्त #विस्तृत
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Ashish Shukla

एक व्यथित व्यथा का दृश्य था
मैं खुद में ही अदृश्य था
रुदन क्रदन और चहुँ ओर चीत्कार था
जैसे चारो ओर मचा हाहाकार था
मैं शांत करा रहा उस रुदन चीत्कार को
पर कोई मुझे सुनने को जैसे न तैयार था
देखा मैंने खुद को जब बेजान पड़े
मेरे अपनो को मेरे चारो ओर हैरान खड़े
नयनो में नीर  प्रमाण लिए....
मैं अब खुद व्याकुल हो उठा
जिज्ञासा बड़ी अपार उठी
कल रात ही तो सोया था
मैं तो मीठे सपनो में खोया था
आँख खुली जब तो सुनने को चीत्कार मिला
मैं अचरज में हो विस्मित अब स्मृतियो के पार चला
जो बेजान पड़ा शरीर नश्वर सा मेरा था
अब समझ गया मैं कितना अकेला था
खैर अब सफर खुद ही तय करना है
इस संसार को छोड़ अब नए संसार की ओर चलना हैं।
अवधि यहां की समाप्त हुई
जितनी होनी थी जीवन की बरसात हुई
खेल कूद जिन गलियारों में बड़ा हुआ 
जिन अपनो के संग हँसता गाता था कभी मैं खड़ा हुआ
आज कंधो पर उनके मैं सज संवर बेजान सा ही चल दिया
सिर्फ एक धुन पर ही सफर शुरू हुआ और अंतिम पड़ाव पर खत्म हुआ
कह अलविदा इस संसार को पंचतत्वों में विलीन हुआ। विस्मित वेदना

विस्मित वेदना

7 Love

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Savita Suman



#स्मृति 
तुम्हारी स्मृति को भूला दूं कैसे
यही तो जीवन का आधार है
सुख दुःख  के हर एक पल को
अश्कों से लिखा मैंने संसार है

©Savita Suman
  #स्मृति
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डाॅ राजेश हालुवासिया

उनके साथ बिताए पलों की यादों के कारवां का वो कारिंदा मैं ही हूॅ।
मेरे ख्वाबों का क्या, उनके ख्वाबों से अपने दिल को  जलाए वो कारिंदा मैं ही हूॅ।
उनकी हसरतों को ताज सा सा सजाए वो कारिंदा मैं ही हूॅ।
उनके लिखे हुए खतों को आज तक अपने जहन में समाए वो कारिंदा मैं ही हूॅ।
वो मिले तो नहो पर उनके मिलने की आश लगाए वो कारिंदा मैं ही हूॅ। स्मृति

स्मृति

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fanna,______💔✍️

 स्मृति.....

स्मृति..... #nojotophoto

9 Love

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Janhavi Patel

"स्मृति "

"स्मृति "

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Rahul Saraswat

मैं उसके लिए ,
कोई भार नहीं बनना चाहता था 
इसलिए स्वयं को 
एक स्मृति तक सीमित कर लिया .. स्मृति

स्मृति

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