काँच की चार चूड़ियां पहन कर,
चार साल की बेटी मेरी इतराती है,
फूली नहीं समाती है,इठलाती हुई आती,
सूखते होठों पर मुस्कान परोस जाती है,
फुदकती, #Woman#Childhood#yqbaba#yqdidi
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Sarita Shreyasi
काँच की चार चूड़ियां पहन कर,
चार साल की बेटी मेरी इतराती है,
फूली नहीं समाती है,इठलाती हुई आती,
सूखते होठों पर मुस्कान परोस जाती है,
फुदकती, #Woman#yqbaba#bachpan#yqdidi
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दि कु पां
मैं शंकर का वह क्रोधानल कर सकता जगती क्षार-क्षार।
डमरू की वह प्रलय-ध्वनि हूं जिसमें नचता भीषण संहार।
रणचण्डी की अतृप्त प्यास, मैं दुर्गा का
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Anil Siwach
|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 8
।।श्री हरिः।।
3 – अकुतोभय
हिरण्यरोमा दैत्यपुत्र है, अत: कहना तो उसे दैत्य ही होगा। उसका पर्वताकार
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Anil Siwach
|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 8
।।श्री हरिः।।
3 – अकुतोभय
हिरण्यरोमा दैत्यपुत्र है, अत: कहना तो उसे दैत्य ही होगा। उसका पर्वताकार