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Parasram Arora
स्रष्टा पर मेरी नज़र हैँ पर न जाने वो स्रष्टा कहा किधर रहता हैँ? जब भी गगन मुझे साफ सुथरा दिखता हैँ मुझे उसका नीलापन बड़ा अच्छा लगता हैँ और जब चन्द्रमा उज्ज्वलता का दीया जला देता हैँ तब कहीं जाकर उस स्वछ धवल चांदनी मे धुला हुआ वो स्रष्टा कितना मोहक दिखने लगता हैँ स्रष्टा........
vishal
Career का हिंदी में अर्थ विकास, पेशा, व्यवसाय, आजीविका आदि होता है. कोई व्यक्ति अपनी जिंदगी में प्रगति लाने के लिए या आजीविका चलाने के लिए जो कार्य करता है उसे करियर कहते है. आजीविका उस कार्य को कहते है जिससे जीविकोपार्जन होता है. उदाहरण के लिए शिक्षक, वकील, कलाकार, डॉक्टर, ब्लॉगर, ड्राइवर आदि कुछ आजीविकायें है. अक्सर हम अपने दोस्तों के साथ जब बात करते है तो उनसे पूछते है कि तुम किस क्षेत्र में अपना करियर बनाओगे। यानि तुम किस क्षेत्र में विकास करोगे। या किस क्षेत्र में रोजगार या नौकरी करोगे। कई सफल लोगो से सलाह भी लेते है कि किस क्षेत्र में करियर बनाना उचित रहेगा। कई प्रोफेशनल इंस्टिट्यूट बच्चों की काउन्सलिंग करते है ताकि सही करियर चुनने में उनकी मदत की जा सके. अगर माता-पिता शिक्षित होते है तो बच्चे की रुचि और शौक के अनुसार उसे कार्य करने देते है और उसको उसमें अपना करियर बनाने देते है.h ©vishal Career का हिंदी में अर्थ विकास, पेशा, व्यवसाय, आजीविका आदि होता है.
PS T
श्रीकृष्ण.. धर्म कार्य के लिए युक्ति से काम लेना उन्हीं से सीखा... चाणक्य बाद में हुए पहले श्रीकृष्ण ने महाभारत में जो नीति युक्ति कम्युनिकेशन स्किल दिखाई... कहाँ ताकत कहाँ सिर्फ दिमाग.. कहाँ छल फैन हूँ मैं "श्रीकृष्ण" का.. पांडवों को खासकर अर्जुन को "गीता" से प्रेरित करना.. बाल लीला तो पुछो ही मत.. बचपन मे सबसे अच्छा अनुभव "कृष्ण लीला" ही था... #महाभारतचरित्र #yqdidi #challenge ...... समर उर्दू में समर का अर्थ होता है - फल
Parasram Arora
ये घट है तो घटाकार भी तो होगा कही अगर घटाकार है तो फिर उसको बनाने वाला कौन है ?. कितनी बचकानी लगती है ये व्याख्या दरसल सृष्टि और स्रष्टा दो नहीं एक ही है ©Parasram Arora सृष्टि और स्रष्टा #Hope
Parasram Arora
सृष्टि क़े कंण कंंण मे सृष्टि की हर रचना मे हे स्रष्टा तुम्ही तो हो मुझे पता नहीं कहाँ कहाँ तुम्हें मैंने महसूस नहीं है लेकिन मैंने तुम्हे अक्सर देखा है पारदरशी जल की शीतलता मे देखी है तुम्हारी छवि मैंने अग्नि की लौ मे देखी है तुम्हारी चपलता तितलियों की उन्मुक्त उड़ानों मे सुनी है तुम्हारी आवाज़ मैंने भंवरों की गुंजायमान गीतों मे और मरुस्थल की तपती रेत की फिसलनों मे कई बार दिखे हो तुम मुझे चांदनी रातों की बिखरी हुई आभा. मे महसूसा है तुम्हे मैंने अपनी साँसों की तरंगों मे और देखी है तुम्हारी उपस्तिथि ब्रह्माण्ड की हर शै मे हे स्रष्टा तुम्ही तो हो ©Parasram Arora हे स्रष्टा तुम्ही तो हो........
Rahul Shastri worldcitizens2121
Safar July 10,2019 सत्संग का अर्थ होता है गुरु की मौजूदगी! गुरु कुछ करता नहीं हैं, मौजूदगी ही पर्याप्त है। ओशो सत्संग का अर्थ
Aman Baranwal
मिट्टी का जिस्म और आग सी ख्वाहिशें, खाक होना लाजमी है, क्योंकि आदमी आखिर आदमी है! जीवन का अर्थ