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Bishnu kumar Jha

भाववाचक संज्ञा #Hindi #जानकारी

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Juhi Jha Parasar

भाववाचक मुहब्बत भाववाचक संज्ञा मात्र तो नहीं,,,,,

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 भाववाचक
मुहब्बत भाववाचक संज्ञा मात्र तो नहीं,,,,,

somnath gawade

भाववाढ

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सामान्य माणूस 'सहनशील'
असतो; परंतु पेट्रोल तर 
 'ज्वलनशील' आहे ना.
त्याची भाववाढ वेळीच 
रोखली नाहीतर 'भडका'
उडाल्याशिवाय राहणार
          नाही! भाववाढ

अद्वैतवेदान्तसमीक्षा

प्रयत्न का महत्व #कविता

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राहें उद्यमेन हि सिध्यन्ति कार्याणि  न मनोरथैः  |
नहि सुप्तस्य सिंहस्य प्रविशन्ति मुखे  मृगाः || - सुभषितरत्नाकर  

भावार्थ -    निरन्तर उद्यम करने से ही विभिन्न कार्य सम्पन्न 
(सिद्ध) होते हैं न कि मात्र मनोरथ (इच्छा) करने से | निश्चय  ही 
एक  सोये हुए सिंह  के मुख  में हिरण  स्वयं प्रविष्ट नहीं  होते  हैं | 
(एक सिंह को भी अपनी भूख मिटाने के लिये प्रयत्न पूर्वक हिरणों 
का पीछा कर उनका  वध करना पडता है | निष्क्रिय व्यक्तियों की 
की तुलना एक सोये हुए सिंह से कर  इस सुभाषित में उद्यमिता  के  
महत्व को प्रतिपादित किया गया  है ।.
Udyamena = by continuous and strenuous efforts,  
Hi= surely.    
Sidhyanti =  are accomplished.      
 Kaaryaani = various tasks    
Na = not.    
 Manorathaih= by simply desiring.   
 Nahi = by no
means.     
  Suptasya = sleeping.                 
Simhasya = a loin's 
Pravishanti = enter,    
Mukhe =  mouth.  
Mrugaah = antelopes.
i.e.               We can accomplish var प्रयत्न का महत्व

Parasram Arora

प्रसन्नता का प्याला........

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ये जरूरी  नहीं क़ि 
प्रसन्नता  का प्याला  
पीने क़े लिए  ुउतकटता  और उतावलापन  दिखाया जाय  
और  ये भी  जरूरी नहीं है क़ि 
उस प्याले को पी कर तुम अपना अतीत 
और भविष्य भूल  कर  
उबाऊ  वर्तमान का  आनन्द्द  ले  सकोगे 
ये प्रसन्नता 'पल विशेष '  का नाम है  जो नश्वरता की 
सबसे  अधम  श्रंणी  मे  रखी  गई है

©Parasram Arora प्रसन्नता का  प्याला........

डॉ.अजय कुमार मिश्र

प्रसन्नता का मूल!

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तन निरोग हो,मन प्रसन्न हो,ना राग,ना द्वेष हो।
सम्पूर्ण जीव-जगत में कुटुम्बकम का भाव हो। प्रकृति से हो रही ऋतुओं की मधुमास हो। 
सभी प्राणियों में आपसी सद्भाव हो। प्रसन्नता का मूल!
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