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Dr. Subhash Chouhan (Subh2026)
अंधेरो में लिपटे हुवे शैतानो को जरा झलक क्या मिली नूर की..!! लो कर लो बात,, अब तो श्वानों को भी ख्वाहिश हो गई हूर की..!! #शैतान #नूर #श्वान #हूर #nojoto #nojotohindi #find out real meaning?
हिंदीवाले
हस्ती चढ़िये ज्ञान की, सहज दुलीचा डार । श्वान रूप संसार है, भूकन दे झक मार ॥ ~ कबीरदास ©हिंदीवाले हस्ती चढ़िये ज्ञान की, सहज दुलीचा डार । श्वान रूप संसार है, भूकन दे झक मार ॥ ~ कबीरदास
अल्पेश सोलकर
नुसतं प्रेम तपासायचं म्हणून... मुबलक भेटीवर प्रेमाचा पुरावा मागते... नावाला शहर आहे..पण मुश्किल आहे.. एकांत भेटीसाठी शहरांपासून दुरावा मागते... हवा असेन मी तर जशास तसा स्विकार... मग कश्याला तू संपत्तीचा उतारा मागते... ठेव जरा माझ्या घरच्यांच्या जागी तुझे घरचे... मग कश्याला वेगळं राहण्यास घर मागते... नुसतं प्रेम तपासायचं म्हणून... मुबलक भेटीवर प्रेमाचा पुरावा मागते... नावाला शहर आहे..पण मुश्किल आहे.. एकांत भेटीसाठी शहरांपासून दुरावा मागत
drsharmaofficial
बहती नदी के किनारे की गीली माटी से बनायी गुरु द्रोण की मूर्त्त थी मस्तक झुका दिया सम्मान में उठाया धनुर्दण्ड खींची प्रत्यंचा थी कर दी बाणों की जो वर्षा थी कुछ महीनों बाद निष्कंटक वन में एक सुबह लौटे अपने शिष्यों संग गुरू द्रोण थे राह भटकता पहुँचा एक श्वान था करता शोर अभ्यास में जो बाधा था बना दिया बाणों के तीव्र गति से श्वान के मुख पर दुर्ग अभेद्य जरा सी भी ना आयी उसको खरोंच थी ऐसा ही तो उसका रणकौशल था अभी बाकी है....... एकलव्य राजा का बेटा पिता की राज्य में बड़ी प्रतिष्ठा थी बालपन से ही अस्त्र-शस्त्र विद्या में उसकी निपुणता थी
Poet Shivam Singh Sisodiya
मैं आज़ाद था, जन्मदिन मुबारक, चंद्रशेखर आज़ाद पराधीन नहिं सुख सपनेहूँ, क्या आनंद स्वतंत्र का कहना | श्वान नहीं तू सिंह है यौवन, फिर क्यों परबंधन में रहना || आज़ादी के दीवाने उस शेखर को करलो तुम याद | नाम फिरंगी के सम्मुख भी जिसने बोला था आज़ाद || ध्येय एक था उस निर्भय का, नहीं शत्रुओं से डरना, पराधीन नहिं सुख सपनेहूँ क्या आनंद स्वतंत्र का कहना || शिवम् सिंह सिसौदिया पराधीन नहिं सुख सपनेहूँ, क्या आनंद स्वतंत्र का कहना | श्वान नहीं तू सिंह है यौवन, फिर क्यों परबंधन में रहना || आज़ादी के दीवाने उस शेखर को
Poet Shivam Singh Sisodiya
#OpenPoetry पराधीन नहिं सुख सपनेहूँ क्या आनंद स्वतंत्र का कहना | श्वान नहीं तू सिंह है यौवन फिर क्यों परबंधन में रहना || कह गए तिलक तो आज़ादी है जन्मसिद्ध अधिक हमारा | यदि स्वतंत्र रहने में दुःख है फिर भी वह दुःख सबसे प्यारा || पराधीनता में रहकर तो सुख सौभाग्य भी न सहना, पराधीन नहिं सुख सपनेहूँ क्या आनंद स्वतंत्र का कहना || शिवम् सिंह सिसौदिया बाल गंगाधर तिलक पराधीन नहिं सुख सपनेहूँ क्या आनंद स्वतंत्र का कहना | श्वान नहीं तू सिंह है यौवन फिर क्यों परबंधन में रहना || कह गए तिलक तो आज़ादी है जन्मसि
Insprational Qoute
दुश्मन **** हम दोस्ती से ज्यादा दुश्मनी निभाने विश्वास रखते है, ऐसे शख्स हमे आगे बढ़ाने में भरपूर कोशिश करते हैं, इनकी तरबियत हमे ऐसे पागलपन पर ला देती है, निज जिजिविषा को अपने अंत तक फिर परखते है, सच हौसले कभी बुलंद ही न होते जो ये दुश्मन न होते, इनकी हुंकार तो श्मशान के मुर्दों में भी जान फूँकते है, इनकी आँखों की लौ ऐसी बिजलियाँ फिर गिराती है, कि चमक जाये जीवनपथ फिर कदम कभी न रुकते है, बन प्रतिद्वंद्वी वो ऐसा अंतर्द्वंद्व एक दूसरे में पैदा करते है, हो मदमस्त गज की भांति मालूम है उसे श्वान भोंकते है। @निशा कमवाल हम दोस्ती से ज्यादा दुश्मनी निभाने विश्वास रखते है, ऐसे शख्स हमे आगे बढ़ाने में भरपूर कोशिश करते हैं, इनकी तरबियत हमे ऐसे पागलपन पर ल
shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
heart गोया जो लोग सच बोलने पर रह जाते है तन्हा, उन्हे झूठबाजी*जेबा नही देती//१*शोभा महफिले धूर्त में*सदाकत का क्या काम,के *सादिक लोगो को धूर्तबाजी जेबा नही देती//२ *धोखेबाज *सदाचार*सच्चा जो मजा मेहनतकश को सोने में है,वो ऊंघने में कहां, के मेहनतकशो को ऊंघबाजी जेबा नहीं देती//३ दरअसल झुंडो में तो लोमड सियार और*श्वान रहते है, के निडर शेर को झूंडबाजी जेबा नहीं देती//४*कुत्ते सुनो"शमा"*लज्जते तो*हक*परस्ती की*तन्हाई मेंही है के हकपरस्तो को गूटबाजी जेबा नही देती//५ *जायका*सच*पूज्यनीय *एकांत #shamawritesBebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #Heart#Nojoto गोया जो लोग सच बोलने पर रह जाते है तन्हा,उन्हे झूठबाजी*जेबा नही देती//१ *शोभा महफिले धूर्त में*सदाकत का क्या काम,के*सादिक लो
Secret Quotes
जगाला नसेल पण प्रत्येकाला माहित असतं आपण कसं आहेस म्हणून, तिने शंभरात स्वतःला मोजले तरीही मी तिला आज पण लाखात बघतोय, किंमत कमी झाली विश्वास कमी झाला बराच कारण ती पहिली कोटीत होती, खूप मुली बघितल्या आयुष्यात खूप जवळ पण येऊन गेल्या माझ्या पण मनाला ती एकच अशी होती सगळं काही तिच्या हवाली करून दिले तेव्हाच कारण तेव्हा ती वेगळी होती आज वेगळी आहेस, हीच ती गोष्ट जिथे तिने स्वतःला कोटी तुन लाखात आणले स्वतःला, आज पण विश्वास आहेत तिच्यावर माझा आणि खूपच जास्त आहेत पण झालेल्या गोष्टी वर आता तरी तिने काही ठिकाणी आळा घातला पाहिजे बस मग, विश्वास असेल तर ये जवळ थांब काही दिवस बघ वाट माझी नाहीतर मार्ग मोकळे करून घेतलेले आहेत तिने यात पस्तावा आणि त्रास हा पुढे दोघांना पण होणार आहेत, -AS Patil✍️ फक्त ती वेळ हातातून गेलेली असेल मी नाही बदलू शकत जेव्हढे आहे आहे तसाच आहेस आहे ते समजलं तिला असेल किंमत असेल काळजी प्रेम तर येईल की ती पण रा
Toofani
चलती रही मीलो खुद ही किसी के पीछे नपसंद उसको बैठना कमाल था उसे क्या पड़ी अनजान मछलियों की नदी में आटा यूँ फेंकना कमाल था भगवान की एक ना थी तू पिता की तस्वीर के सामने सिर झुकाता रहा डॉक्टर एक बार फिर भी लिखे नही बाक़ियों का दवा बताना कमाल था पकड़ देखी बहुत हमने मगर माँ के हाथ से कभी ये बच्चा नहीं छूटता सेहत बनाता दूध बेच कर जीवनीय उन पैसों से शराब पीना कमाल था कहता हर शख़्स पुराना पहले सब जंगल था रेंग कर लौटा देखो कोई पड़े रहते पार्क में लिपटे वो कहाँ खेतों पे तेरे हाथों से खाना कमाल था बुढ़ापा जो उन्हें आया जरा विटप से श्वान तक सबकी क़द्र करा दी उसने जिसने घर संसार छोड़ रखा उनका दूसरों को चलाना सिखाना कमाल था कमाल था❗ चलती रही मीलो खुद ही किसी के पीछे नपसंद उसको बैठना कमाल था उसे क्या पड़ी अनजान मछलियों की नदी में आटा यूँ फेंकना कमाल था