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Ombir Kajal
पाठ मुझे इश्क का, पढ़ा तो सही, नैन जरा मुझसे, लड़ा तो सही। थोड़ा बहुत सुन रखा है, बारे में मोहब्बत के, थोड़ी बहुत करनी भी, सीखा तो सही। सुना है तजुर्बा तेरा, काफी हो चुका है अब, रंग थोड़ा तजुर्बे का, दिखा तो सही। दिल का पंछी देख के तुझको,फडफडाता बहुत है, कर शिकार,तीर नजर का, चला तो सही। सुना है कईयों से, तेरा लहजा बहुत नशीला है, कभी 2-4 जाम हमको भी, पिला तो सही। "ओमबीर काजल" मुर्गा खुद, तैयार है हलाल को, जान की परवाह नहीं, बस तु मुझे खा तो सही। ©Ombir Kajal पाठ इश्क का
Mayank Yadav
मुझे दोस्ती का पाठ पढ़ाते हैं और अपना दोस्त बताते हैं फिर वक़्त आने पर वही मुझे मेरी ओकात याद दिलाते हैं मुझ पर उन्होंने एहसान किए हैं कुछ ऐसा जताते हैं अपनी इस छोटी सी सोच से मुझे दुनियां दिखाते हैं दोस्ती का पाठ
Arora PR
प्रेम का पाठ याद करते करते. अचानक मेरे दिल ने उछल कर कहा. मुझसे तू भी दूसरे प्रेमियों की तरह एक दिन तड़प कर मरेगा ©Arora PR प्रेम का पाठ
Abhi Samaddar Nanakmatta sahib
पत्थर दिल के लिए कुछ भी कर लो उन्हे कोई फ़र्क नहीं पड़ता दिल का क्या कसूर साहिब
Nainsi Gupta
आशाएँ ऐसी हो की मंजिल तक पहुंचा दे, मंजिल ऐसी हो जीवन जीना सीखा दे, जीवन ऐसा हो जो रिस्तों की कद्र करना सीखा दे और रिस्ते ऐसे हों जो याद करने को मजबूर कर दे... #जिंदगी का पाठ #Darknight
Ek villain
हनुमान जी ना केवल सर्वश्रेष्ठ राज्य की आय नायक हैं बल्कि उन्होंने विश्व को ज्ञान के कई ऐसे पाठ पढ़ाए हैं जो सदियों तक लोगों को दिशा दिखाएंगे अगर प्रत्येक व्यक्ति बजरंगबली के जीवन की कुछ बातों को भी अपने जीवन का अंग बना ले तो मैं अपने प्रत्येक से लक्ष्य को पूरा करने में सक्षम होगा संदेश कौशल्या ने बातचीत की एक कला है बातचीत की कला में निपुण व्यक्ति बड़े से बड़े लक्ष्य को पा सकता है हनुमानजी प्रत्येक व्यक्ति के साथ स्थितियों को पर रखकर संवेदना करने में कुशल हनुमान जी बहुमुखी प्रतिभा के धनी है लेकिन उन्होंने कभी भी इसका ध्यान नहीं किया हां आवश्यकता पड़ने पर उन्होंने अपने इन स्वरूपों का प्रयोग कर समाज को दिशा दिखाई है ©Ek villain #roshni जीवन का पाठ
Ek villain
मानव जन्म विधाता का उत्कृष्ट वरदान है यह कहां और कब मिलेगा कोई नहीं जानता किंतु इसकी सफलता हमारे वश में है इसके लिए जिन मानवीय गुना के आवश्यकता होती है उसका उत्तरदायित्व परिवार और समाज पर है इसलिए बचपन से ही विभिन्न पाठ पढ़ाए जाते हैं किंतु यह पाठ व्याख्यातिक और सामाजिक जीवन में कितने उपयोगी सिद्ध होंगे इसका अनुशीलन आवश्यक है अन्यथा विपरीत परिणाम संभव है मनुष्य के प्रत्येक आचरण का प्रभाव समाज पर पड़ता है आते कोई भी पाठ समाज से अलग होकर नहीं देखा जा सकता ©Ek villain जीवन का प्रथम पाठ