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Shukla
चाय बना दिया खाना पका दिया परोस भी दिया बर्तन धों दिया झाड़ू भी लगा दिया और तो और पोछा भी लगा दिया यह कह कर अब उठी थी ग्रहणी अब तो थोड़ा आराम तो पा लू बाहर से आयी आवाज तुम थक कैसे गई तुमने किया ही क्या? ग्रहणी कितने काम बताती क्यों कि वो कार्य अनगिनत थे बाहर से आयी आवाज तुमने किया ही क्या? Shukla ✍️ ग्रहणी
Komal Pardeshi
Lyricist Brar
होके वाली नाल पकड़ी, मुंह में बीड़ी रखी हैं.. डब्बी से भरकर अफ़ीम की एक उगली चखी हैं... होठों के नीचे तम्बाकू,जीरो कट दाढ़ी में रहते हैं.. ना मैं नहीं मानता वो रविदासिया कौम के बेटे हैं.. स्मैक,हीरोइन भाग पीकर गाली देते है मां बाप को.. जिंदा रहने का हक नहीं ऐसे आस्तीन के सांप को.. भूलकर फर्ज़ ग्रहणी का,पीकर गलियों में लेटे हैं. ना मैं नहीं मानता वो बाबा साहब के बेटे हैं.. जिसने औलाद को दूर रखा ज्ञान और शिक्षा से.. जो घर चलाता हो बच्चों को मिली भीक्षा से.. समाज का शोषण किया जिसने उनको ही वोट देते हैं.. ना मैं नहीं मानता वो साहेब कांशीराम के बेटे हैं.. तेरे भीतर बराड अगर खून दौड़ता है महापुरषों का.. कलम से करदे वध ऐसे अज्ञानी महामुरखों का.. सलाम करे दुनियां तुम्हें,गर्व से कहे मुल्क तेरा.. हां ये असलियत में बहुजन समाज के बेटे हैं.. ©Lyricist Brar होके वाली नाल पकड़ी, मुंह में बीड़ी रखी हैं.. डब्बी से भरकर अफ़ीम की एक उगली चखी हैं... होठों के नीचे तम्बाकू,जीरो कट दाढ़ी में रहते हैं.. न
Vandana
सूरज का लालिमा लिए अलविदा कहना श्याम का अंधेरे को आगोश में लेना घरों की बत्तीयों का जलना वह लकड़ी के चूल्हे से खुशबू का आना घर की ग्रहणी का रात के खाने की तैयारी में जुट जाना कहीं घंटी कहीं धूप की सुगंध का महकना पक्षियों का झुरमुट बना के घोसले में लौटना वह श्याम धीरे धीरे रात की तरफ बढ़ चलना दौड़ के बच्चों का घर की ओर भागना गंदे मेले पैर से घर में आ जाना फिर मां का उनको डांटना नल के पानी में हाथ मुंह धोना पिताजी के साथ मंदिर में आधी सी आंखें बंद करके हाथ जोड़ना फिर बस्ते को टटोलना मास्टर जी की डांट का याद आना फिर जुट जाना विद्यालय की दिए कार्य में मां का तीव्र स्वर में पुकारना खाने में आ जाओ जल्दी बाजी में किताबों को बंद करके भाग जाना पूरी कविता नीचे कैप्शन में और बचपन के उन लम्हों को जी उठे ❤❤❤❤❤❤❤❤❤ सूरज का लालिमा लिए अलविदा कहना श्याम का अंधेरे को आगोश में लेना घरों
MORINGO HEALTHY LIFE
Vikas Sharma Shivaaya'
✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️ 🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 *ग्रह और शरीर के अंग* चिकित्सा ज्योतिष के अनुसार, ज्योतिष के नौ ग्रह शरीर के विभिन्न अंगों से जुड़े हैं। चिकित्सा ज्योतिष के अनुसार ग्रहों और संबंधित शरीर के अंगों और उनसे जुड़ी बिमारियां निम्न प्रकार हैं ---- *सूर्य* सूर्य हृदय, रीढ़ की हड्डी, पाचन तंत्र, हड्डी संरचना, रक्त, पित्ताशय को नियंत्रित करता है। इससे व्यक्ति तेज बुखार, मानसिक रोग, जोड़ों के विकार, हृदय की परेशानी, गंजापन आदि से पीड़ित हो सकते हैं। *चन्द्रमा* चंद्र अंडाशय, भावनाओं, शरीरिक तरल पदार्थ, स्तन, टॉन्सिल, लसीका, ग्रंथियों आदि को नियंत्रित करता है। चंद्रमा की कमजोर स्थिति मुंह, तिल्ली, गर्भाशय, तंत्रिका संबंधी विकार, सुस्ती आदि से संबंधित बीमारियों का कारण बनती है। *मंगल* मंगल पित्त को नियंत्रित करता है। मंगल धमनियों, प्रजनन प्रणाली, दांत, नाखून, बाल, आंत और नाक को कवर करता है। कमजोर शुक्र जलने, फ्रैक्चर, घाव, त्वचा पर चकत्ते, ट्यूमर, टाइफाइड आदि का कारण बनता है। *बुध* बुध वात पर शासन करता है। पित्त और कफ। बुध मस्तिष्क, श्वसन प्रणाली और तंत्रिकाओं को नियंत्रित करता है। इसकी कमजोर स्थिति गैस्ट्रिक जूस, हाथ, भुजा, गर्दन के निचले हिस्से, नपुंसकता, सिर चकराना आदि से संबंधित विकारों का संकेत देती है। *बृहस्पति* गुरु लीवर, गुर्दे, मस्तिष्क, तिल्ली आदि का कारक है। कमजोर बृहस्पति कान, मधुमेह, अग्न्याशय, याद्दाशत आदि से संबंधित बीमारियों का कारण बनता है। *शुक्र* शुक्र वात और कफ को नियंत्रित करता है। यह पाचन तंत्र, किडनी, प्रजनन प्रणाली, यौन अंग, त्वचा, गले आदि को नियंत्रित करता है। कमजोर शुक्र मूत्र मार्ग, एनीमिया, मूत्राशय, मोतियाबिंद, नपुंसकता आदि से संबंधित रोगों और व्याधियों का कारण बनता है। *शनि* शनि वात (गैस), त्वचा, नसों, हड्डियों और कंकाल को नियंत्रित करता है। शनि के प्रभाव से शारीरिक कमजोरी, पेट दर्द, अंधापन, बहरापन आदि होता है। *राहु* राहु पैर, गर्दन, फेफड़े, श्वास आदि यह वात और कफ को नियंत्रित करता है। प्रभावित राहु के कारण मोतियाबिंद, अल्सर, सांस लेने की समस्या, हकलाना, तिल्ली की समस्या आदि हो जाते हैं। *केतु* केतु पेट और पंजों को नियंत्रित करता है। कमजोर और दुर्बल केतु कान की समस्याओं, आंखों के रोग, पेट दर्द, शारीरिक कमजोरी व अन्य परेशानियों का कारण बनता है॥ 🙏अपनी दुआओं में याद रखियेगा 🙏बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क 😷 है जरूरी ....सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ....! 🙏सुप्रभात 🌹 आपका दिन शुभ हो विकास शर्मा'"शिवाया" 🔱जयपुर -राजस्थान 🔱 ©Vikas Sharma Shivaaya' ✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️ 🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 *ग्रह और शरीर के अंग* चिकित्सा ज्योतिष के अनुसार, ज्योतिष के नौ